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ये हुई न बात! रोहतास में फुटबॉल मैच से सुलझा दो दशक से चल रहा विवाद, कभी थे एक-दूसरे के खून के प्यासे - football match

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 1, 2024, 9:22 PM IST

वर्ष 2001 एक फिल्म आयी थी लगान. यह फिल्म अंग्रेज राज के समय का था. एक गांव में सूखा पड़ता है. किसान अंग्रेज से लगान माफ करने का आग्रह करते हैं. अंग्रेज अधिकारी शर्त रखते हैं कि क्रिकेट खेलो, अगर जीत जाओगे तो लगान माफ कर दिया जाएगा. रोहतास में भी कुछ-कुछ ऐसा ही मामला सामने आया. यहां पुलिस अधिकारी ने फुटबॉल मैच कराकर दो पक्षों के बीच विवाद सुलझाया. पढ़ें, विस्तार से.

रोहतास
रोहतास

रोहतास में फुटबॉल मैच से सुलझाया विवाद.

रोहतास: बिहार के रोहतास जिले के करगहर में पुलिस ने दो पक्षों के बीच चल दो दशक से अधिक पुराने विवाद को फुटबॉल मैच के माध्यम से सुलझा लिया. यह मैच इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. पुलिस की इस पहल की सभी लोग सराहना कर रहे हैं. दो दशक से चल रहा तनाव खत्म हो गया. यह निर्णय लिया गया कि समय-समय पर दोनों पक्ष के लोग सामूहिक रूप से कार्यक्रम का आयोजन करेंगे. फुटबॉल तथा अन्य खेल खेले जाएंगे.

"कई दशकों से दो गुटों में विवाद चल रहा था. पुलिस की पहल से फुटबॉल मैच कराया गया, जिससे अब शांति बहाल हो गई है. सकारात्मक सोच की जीत हुई. पुलिस इसके लिए बधाई के पात्र हैं."- कामेश्वर चौधरी, स्थानीय

क्या है मामलाः करगहर थाने में एक प्रशिक्षु डीएसपी पंकज कुमार का पदस्थापना हुआ. उन्हें पता चला कि करगहर के दक्षिण मोहल्ला में दो टोला के लोगों बीच वर्षों से जातीय तनाव चला आ रहा है. रविदास तथा नोनिया समाज के बीच आए दिन मारपीट होते रहती है. दोनों टोलो के बीच हुए हिंसक झड़प में कथित रूप से हत्या तक की भी वारदात हो चुकी है.

रोहतास में फुटबाल मैच.

फुटबॉल मैच कराने का निर्णयः ऐसे में स्थानीय पुलिस ने एक पहल की. करगहर के दक्षिण मोहल्ला के नोनिया जाति के सभ्रांत लोगों तथा रविदास समाज के पढ़े-लिखे लोगों को इकट्ठा किया. बातचीत कर पुराने मसलों को खत्म करने की कोशिश शुरू की. तय हुआ कि दोनों समाज के युवाओं के बीच एक फुटबॉल मैच का आयोजन किया जाए. जिसके माध्यम से लोग एक दूसरे को जानेंगे तथा आपसी समझ बढ़ेगी.

"जानकारी मिली कि अरसे से विवाद चल रहा है. दोनो पक्षों को बुलाकर बात की गई. तय हुआ कि दोनों समाज के युवाओं के बीच एक फुटबॉल मैच का आयोजन किया जाए. जिसके माध्यम से लोग एक दूसरे को जानेंगे तथा आपसी समझ भी बढ़ेगी."- पंकज कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी

एक दूसरे से मिले गलेः प्रशिक्षु डीएसपी सह करगहर के थानाध्यक्ष पंकज कुमार की पहल पर उसी मैदान को खेल के लिए चुना गया जहां आए दिन दोनों समाज के लोग झड़प करते थे. पुलिस के अधिकारी इस फुटबॉल मैच के रेफरी बने. नोनिया समाज की टीम का नाम चौधरी फुटबाल क्लब तो रविदास समाज के टीम का नाम अंबेडकर फुटबॉल क्लब रखा गया. रविदास क्लब ने यह फुटबॉल मैच को जीत लिया. इसके बाद दोनों समाज के लोग एक दूसरे से गले मिले.

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