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बीजेपी की मांग- सीएम हेमंत सोरेन पर दर्ज हो धारा 144 उल्लंघन का केस, भाजपा के आरोपों पर जेएमएम ने कुछ ऐसा दिया जवाब

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 23, 2024, 7:07 PM IST

Updated : Jan 23, 2024, 7:15 PM IST

Politics over CRPF deployment outside CM residence. रांची में सीएम आवास के बाहर सीआरपीएफ की तैनाती पर राजनीति तेज हो गयी है. इसको लेकर बीजेपी के हमलों का सत्ताधारी दल जेएमएम ने विपक्ष को करारा जवाब दिया है.

Politics over CRPF deployment outside CM residence in Ranchi
रांची में सीएम आवास के बाहर सीआरपीएफ की तैनाती पर राजनीति

सीएम आवास के बाहर सीआरपीएफ की तैनाती पर राजनीतिक बयानजबाजी

रांचीः ईडी की पूछताछ के दौरान सीएम आवास के बाहर सीआरपीएफ की तैनाती और उसके बाद दर्ज केस ने झारखंड की सियासत को गरमा दिया है. इस मुद्दे पर आमने-सामने हुई सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सवाल खड़ा करते हुए एक दूसरे पर निशाना साधने में लगे हैं.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि कायदे से ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज किया जाना चाहिए था. सीआरपीएफ के जवान तो सुरक्षा कारणों से ड्यूटी पर लगाए गए थे मगर मुख्यमंत्री ने जिस तरह से ईडी की पूछताछ के बाद सभा को संबोधित किया उससे साफ जाहिर होता है कि उनके द्वारा कानून का उल्लंघन किया गया मगर ऐसा नहीं हुआ. सीएम आवास के बाहर 20 जनवरी को ईडी के खिलाफ माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही थी तो ऐसे में कहीं बंगाल की तरह यहां भी घटना ना हो इसलिए सीआरपीएफ को सुरक्षा के लिए लगाया गया होगा.

बाबूलाल बताएं सीआरपीएफ की तैनाती विधि सम्मत थी और किसके आदेश पर किया गया- मनोज पांडेः विपक्ष के द्वारा उठाए सवाल पर पलटवार करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बाबूलाल मरांडी से पूछा है कि 20 जनवरी को जिस समय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ चल रही थी उस समय सीआरपीएफ की तैनाती क्या विधि सम्मत थी और किसके आदेश पर केंद्रीय बलों को बुलाया गया था.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि जब कार्रवाई हो रही है तो भाजपा को पेट में दर्द क्यों हो रहा है. बीजेपी के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर कांड दर्ज करने की मांग को हास्यास्पद बताते हुए मनोज पांडे ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने मजमा लगाने का काम नहीं किया है बल्कि अकेला वह व्यक्ति जिन्होंने भीड़ को समझाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री की इस पहल की सराहना करता हूं कि जब पूछताछ खत्म हुई तो परिवार से मिलने के बजाय सबसे पहले वो कार्यकर्ता से मिले. मुख्यमंत्री मजमा लगाने का काम नहीं किया है और ना ही धारा 144 का उल्लंघन किया है, जो इस तरह की बात करते हैं वह अज्ञानी हैं.

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Last Updated :Jan 23, 2024, 7:15 PM IST

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