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आग से धधक रहे रुद्रप्रयाग के जंगल, गर्मी का बढ़ा सितम, पर्यावरणविदों ने जताई चिंता - Uttarakhand Forest Fire

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 17, 2024, 4:17 PM IST

Updated : Apr 17, 2024, 7:30 PM IST

Fire Broke Out In Forest उत्तराखंड में इन दिनों जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं. जिससे लोगों को गर्मी से दो-चार होना पड़ रहा है. जंगलों में लगी आग के कारण पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचा है. साथ ही समय पर बर्फबारी और बारिश नहीं हो रही है, जिसे पर्यावरण विशेषज्ञ भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं मान रहे हैं.

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आग से धधक रहे रुद्रप्रयाग के जंगल

रुद्रप्रयाग: जिले के जंगल इन दिनों आग की लपटों से घिरे हुए हैं. चारों और आसमान में फैली धुंध से साफ पता चल रहा है कि शहर से लेकर गांव में जंगल आग में झुलस रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद वन विभाग लाचार दिख रहा है और पर्यावरण विशेषज्ञ चिंता में नजर आ रहे हैं. जंगलों में लगी आग शहरों के नजदीक पहुंच रही है, जिससे गर्मी का अहसास भी सबसे ज्यादा हो रहा है.

जंगलों में आग लगने से गर्मी का बढ़ रहा सितम:लंबे समय से रुद्रप्रयाग में बारिश नहीं हो रही है. केदारघाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बूंदाबांदी देखने को मिल रही है, लेकिन निचले क्षेत्रों में बारिश नहीं हो रही है. ऐसे में एक ओर बारिश नहीं होने से लोग परेशान हैं, तो दूसरी ओर जंगलों में लग रही आग के कारण गर्मी का सितम बढ़ता जा रहा है. जिससे पर्यावरण विशेषज्ञ खासे चिंतित नजर आ रहे हैं.पर्यावरण विशेषज्ञ हिमालयी क्षेत्रों में बढ़ रही मानवीय गतिविधियों को मौसम में आये बदलाव का कारण मान रहे हैं.

जंगलों में आग लगने से मौसम में आया बदलाव:पर्यावरण विशेषज्ञ देवराघवेन्द्र बद्री ने कहा कि जंगलों में लगाई जा रही आग पर्यावरण के लिए बेहद ही नुकसानदायक है. हिमालयी क्षेत्रों में निर्माण कार्य होने और जंगलों में आग लगने से मौसम में बदलाव आ गया है. जंगलों में लग रही आग से वन्य जीव जंतुओं का अस्तित्व भी खत्म होता जा रहा है और जंगलों में पाई जाने वाली औषधीय और जड़ी-बूटियां भी नष्ट हो रही हैं. उन्होंने कहा कि हिमालय खतरे में नजर आ रहा है. केदारघाटी से पूरे देश में शुद्ध वातावरण का संचार हो रहा है, उसके भी अस्तित्व पर अब खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.

लोगों ने वन विभाग पर कार्रवाई न करने का लगाया आरोप:युवा नेता आशीष कंडारी ने बताया कि तिलवाड़ा और रामुपर बाजार के ठीक ऊपर के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है. आग को बुझाने में वन विभाग देरी कर रहा है, जिससे आग की लपटें अन्य जंगलों को अपनी चपेट में लेकर नुकसान पहुंचा रही हैं. वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता देवेन्द्र बिष्ट और राहुल पटवाल ने बताया कि जिले के जखोली, अगस्त्यमुनि, बसुकेदार और ऊखीमठ तहसील अंतर्गत विभिन्न गांवों के जंगलों में आग लगी हुई है, जिससे लाखों की वन संपदा जलकर राख हो चुकी है. लाखों की वन संपदा के साथ ही वन्य जीव जंतुओं को भी नुकसान पहुंच रहा है, लेकिन इसके बावजूद वन विभाग कोई कार्रवाई करता दिखाई नहीं दे रहा है.

वन कर्मियों के पास नहीं हैं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम:सामाजिक कार्यकर्ता देवेन्द्र बिष्ट ने कहा कि वनों में लग रही आग को बुझाने में वन विभाग नाकाम दिखाई दे रहा है. इसका मुख्य कारण यह है कि वन कर्मियों के पास संसाधनों के साथ ही सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अपनी जान पर खेलकर वन कर्मी मौके पर तो पहुंच जाते हैं, लेकिन बिना संसाधनों के उन्हें भी आग बुझाने में दिक्कतें होती हैं. वहीं, जिला पंचायत सदस्य नरेन्द्र बिष्ट ने कहा कि वनों में लग रही आग से लाखों की वन संपदा राख हो गई है. चारों ओर धुंध ही धुंध छा गई है. प्रदूषण फैलने से बीमारियां भी जन्म ले रही हैं. प्रकृति को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है.

आग बुझाने में जुटे वनकर्मी:प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने बताया कि जंगलों में लगी आग को बुझाने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. आग उन स्थानों तक पहुंच रही है, जहां तक पहुंचना भी असंभव है, लेकिन इसके बावजूद वन विभाग के कर्मी जान पर खेलकर आग बुझाने में जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि वन विभाग के पास जो भी उपकरण हैं, उनका प्रयोग करके आग बुझाई जा रही है.

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Last Updated :Apr 17, 2024, 7:30 PM IST

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