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बाप रे! पटना के इन आठ शिक्षण संस्थानों पर नगर निगम लगाएगा ताला, वजह जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 15, 2024, 12:58 PM IST

Patna Municipal Corporation : राजधानी पटना में 8 शिक्षण संस्थानों पर नगर निगम ताला जड़ने की तैयारी कर रहा है. निगम ने लगभग 400 तालों की खरीदी की है. आखिर वजह क्या है? क्यों ताला लगाने वाला है पढ़ें पूरी खबर-

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पटना: राजधानी में शहर के आठ शिक्षण संस्थानों पर पटना नगर निगम ताला लगाने की तैयारी में है. निगम ने इसको लेकर ताले की खरीदारी भी कर ली है. पटना के प्रतिष्ठित एएन कॉलेज में ताला लगने का संकट सबसे अधिक गहरा है. विद्यार्थी अब सशंकित है कि कॉलेज में ताला लग जाएगा तो पढ़ेंगे कैसे. लेकिन इसके पीछे की जो वजह है, जब आप जानेंगे तो हैरान हो जाएंगे और आपके होश उड़ जाएंगे.

डिफाल्टर संस्थानों पर लटकेंगे ताले : दरअसल पटना नगर निगम इन दिनों संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने वाले डिफॉल्टर संस्थानों पर ताला लगाने की तैयारी में है. डिफॉल्टर संस्थानों में सरकारी एवं निजी संपत्ति सभी शामिल हैं. इन संस्थानों को संपत्ति कर का भुगतान करने के लिए निगम बार-बार नोटिस भेज रहा है लेकिन बावजूद इसके यह संस्थान संपत्ति कर का भुगतान नहीं कर रहे. ऐसे में पटना नगर निगम इन संस्थानों के संपत्ति को जब्त करने की तैयारी में है. बकायेदार सरकारी और निजी सम्पत्ति धारकों कि प्रॉपर्टी को सील कर जब्त करने के लिए निगम की ओर से सभी अंचल को 400 ताले उपलब्ध कराये गए हैं.

संपत्ति कर नहीं चुकाने पर कार्रवाई : पटना नगर निगम की ओर से जानकारी दी गई है कि संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने एवं बार-बार नोटिस देने के बाद भी निगम के नोटिस कि अवहेलना करने वाले सरकारी गैर सरकारी, संपत्ति मालिकों/संस्थानों पर ताला लगा कर उसे जब्त किया जाएगा. इन बकायेदार भवनों की मार्किंग भी पूर्व में पटना नगर निगम द्वारा की जा चुकी है. इन बकायेदारों में पटना के आठ कॉलेज शामिल है, जिसमें सबसे अधिक बकाया एएन कॉलेज का है.

इन संस्थानों पर हैं लाखों रुपए बकाया : पटना के आठ शिक्षण संस्थानों के पास कुल 12.84 करोड़ रुपए का संपत्ति कर बकाया है. एएन कॉलेज पर 11 करोड़ 55 लाख का बकाया है, जबकि जेडी विमेंस कॉलेज पर 84 लाख रुपए तो वहीं अरविंद महिला कॉलेज के ऊपर 20 लाख रुपए का बकाया है. राजकीय महाविद्यालय गुरजरबाग पर 10 लाख 57 हजार रुपए तो टीपीए कॉलेज पर 9 लाख रुपए, रामकृष्ण द्वारका कॉलेज पर 1.14 लाख तो वहीं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कार्यालय पर 49 हजार रुपए बकाया हैं.

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