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फिल्म "मेरी मां कर्मा" की हीरोइन कुकीज स्वाइन को भरोसा, जल्द साउथ फिल्मों को टक्कर देगा छत्तीसगढ़ी सिनेमा - Cookies Swain

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 10, 2024, 10:16 AM IST

Updated : Apr 10, 2024, 10:30 AM IST

Meri Maa Karma Film Actress Cookies Swain छत्तीसगढ़ के लिए बनी हिंदी फिल्म मेरी मां कर्मा की हीरोइन कुकीज स्वाइन का मानना है कि बीच में कुछ दिनों के लिए छत्तीसगढ़ी सिनेमा का काम अटक गया था, लेकिन अब यह रफ्तार पकड़ चुका है. एक दिन वह भी आएगा, जब छत्तीसगढ़ी सिनेमा साउथ इंडस्ट्री को टक्कर देगा.

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कोरबा में मेरी मां कर्मा की हीरोइन कुकीज स्वाइन

कोरबा: छत्तीसगढ़ के लिए बनी हिंदी फिल्म मेरी मां कर्मा हाल ही में रिलीज हुई है. इसके प्रमोशन के लिए फिल्म की स्टार कास्ट कोरबा पहुंची थी. इस दौरान फिल्म की हीरोइन कुकीज स्वाइन से ETV भारत ने खास बातचीत की. कुकीज स्वाइन ओडिशा की रहने वाली हैं. फिल्म मेरी मां कर्मा उन गिनी चुनी फिल्मों में से है. जो छत्तीसगढ़ की पृष्ठभूमि पर बनी एक हिंदी फिल्म है. इस फिल्म में कई बॉलीवुड के कलाकारों ने भी काम किया है.

कोरबा में उड़िया एक्ट्रेस कुकीज स्वाइन

सवाल : मेरी मां कर्मा फिल्म में क्या है, दर्शकों को यह क्यों देखनी चाहिए?

जवाब : छत्तीसगढ़ में साहू समाज के लोग माता कर्मा को काफी मानते हैं. तो साहू समाज के लोग जरूर यह फिल्म जरूर देखेंगे. पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भी जो खिचड़ी चढ़ाई जाती है, वह माता कर्मा लिए ही चढ़ती है. इसके बारे में ओडिशा से बिलॉन्ग करने के बाद भी मुझे पता नहीं था. इस फिल्म को करने के बाद ही इस बारे में पता चला. मेरी मां कर्मा में मैंने जो कैरेक्टर किया है वह मुझे लाइफ टाइम याद रहेगा. मेरे लिए वह काफी स्पेशल है. कैरेक्टर में काफी वेरिएशन थे. बचपन से लेकर मां कर्मा के बड़े होने तक का इतिहास है. छोटे बच्चों के नटखटपन से लेकर बड़े होने तक की कहानी को मैंने किरदार में निभाया है. भगवान श्री कृष्ण से कैसे उनका लगाव, उनके प्रति जो श्रद्धा है उसे फिल्म में दिखाया गया है. आजकल की जनरेशन में जो परिवार में खिटपिट होती है. वह भी इस फिल्म के जरिये दिखाया गया है. ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ धार्मिक फिल्म है तो लोग बोर होंगे. फिल्म में सब कुछ दिखाया गया है. इस फिल्म में बॉलीवुड की हिंदी फिल्मों में काम कर चुके काफी कलाकार काम किए हैं. हमने काफी मेहनत की है. वह निश्चित तौर पर रंग लाएगा.

सवाल : छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री को साउथ या बॉलीवुड से कंपैरिजन करें तो आप इसे कहां देखती हैं?

जवाब : अपने में ही बेस्ट रहना वह एक अलग ही बात है, साउथ की बात अलग है. वहां पर कल्चर काफी अलग है. वहां हर घर के बगल में थिएटर है. लोग फिल्म स्टार्स को प्यार करते हैं. इसलिए वहां का सिनेमा काफी आगे है. उनके साथ हमारे सिनेमा को कंपेयर नहीं करना चाहिए. ओडिशा में भी लोकल फिल्मों को लेकर काफी क्रेज है. बॉलीवुड की तो बात बिल्कुल भी अलग है. मुझे लगता है छत्तीसगढ़ में काफी पहले शुरुआत हुई थी. लेकिन बीच में कुछ अटक सा गया था. लेकिन अब छत्तीसगढ़ की सिनेमा नई दिशा की तरफ है. काफी सारी नई मूवीज आ रहे हैं. मैंने इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया में देखा है, छत्तीसगढ़ के सिनेमा में बात बन रही है. यह किसी के साथ कंपेयर नहीं होगा. लेकिन इसका भविष्य काफी अच्छा है.

सवाल : छत्तीसगढ़ी सिनेमा अभी ग्रो कर रहा है, आप एक्ट्रेस हैं, जो भी फिल्म मेकर्स हैं. उन्हें ऐसा क्या करना चाहिए कि एक दिन छत्तीसगढ़ी सिनेमा भी साउथ की फिल्मों को टक्कर दे?

जवाब : साउथ की फिल्वमों में वहां का कल्चर ज्यादा दिखाया जाता है. वहां का जो ड्रेसिंग सेंस होता है. वह दिखाया जाता है. जैसे हम छत्तीसगढ़ में हैं. हमारे कल्चर को हम छत्तीसगढ़ी सिनेमा में उतना नहीं देख पाते. साउथ के लोग अपने कल्चर और ट्रेडीशन को बहुत महत्व देते हैं. हमें भी ऐसा करना चाहिए. मैं ओडिशा के लोगों को यह कहती हूं कि जो हमारा ट्रेडीशन है, जो हमारा कल्चर है. उसको दिखाना चाहिए, ताकि लोग ज्यादा कनेक्ट कर पाएं. फिल्मों से यह सब ध्यान में रखकर सिनेमा का निर्माण होना चाहिए. क्वॉलिटी से कॉम्प्रोमाइज नहीं करना चाहिए. अच्छे आर्टिस्ट को लेना चाहिए दर्शक जरूर मिलेंगे.

सवाल : छत्तीसगढ़ में अच्छे आर्टिस्ट की कमी नहीं है, अपने स्तर पर वह बढ़िया काम कर रहे हैं, लेकिन क्या कारण है कि अभी भी छत्तीसगढ़ की फिल्मों को ज्यादा स्क्रीन नहीं मिलते?

जवाब :देखिए मैं तो बेसिकली ओडिशा से हूं. स्क्रीन क्यों नहीं मिलते इसका कारण मैं भी आज तक नहीं समझ पाई. ओडिशा में भी ऐसा होता है. अभी हाल ही में सानंद वर्मा जी छत्तीसगढ़ आए थे. जो काफी दिग्गज कलाकार है. उनके साथ हम सब कलाकार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास मिलने गए थे. उन्हें फिल्म के लिए इनवाइट भी किया था. आशा करते हैं वह भी हमारी फिल्मों को प्रमोट करें. मेरी मां कर्मा भी यही की फिल्म है. सरकार को भी छत्तीसगढ़ के सिनेमा को सपोर्ट करना चाहिए. जैसे हमने टीमवर्क किया है. आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. इस तरह से हमें भी सपोर्ट की जरूरत है. पूरे छत्तीसगढ़ के दर्शकों को भी सपोर्ट करना पड़ेगा. ताकि यह पैन इंडिया फिल्म बन पाए.

सवाल : आपने इस फिल्म में लीड रोल किया है, काफी सारे आर्टिस्ट हैं. उनके पास सर्वाइवल का प्रश्न है. उनको किस तरह से सहेजा जाना चाहिए, उन्हें किस तरह से आगे बढ़ना चाहिए?

जवाब :देखिए मैं एक आर्टिस्ट हूं, लेकिन मैं यदि एक्ट्रेस नहीं भी होती तो मेरे पास ऑप्शन है. मुझे कई मूवीज के ऑफर मिले लेकिन मैंने उन्हें छोड़ दिया और पहले पढ़ाई पर ध्यान दिया. मेरी एक्टिंग मेरे लिए एक पहचान है. पहचान को फॉलो करना चाहिए. लेकिन अगर किस्मत साथ ना दें, तो हमें घर में नहीं बैठना चाहिए. हमें अपने आप को इस काबिल बनाना चाहिए कि हम कुछ कर सकें. पढ़ाई हमारे साथ है तो हम कुछ भी कर सकते हैं. पढ़ाई नहीं छोड़ना चाहिए और कोशिश करना भी नहीं छोड़ना चाहिए.

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Last Updated :Apr 10, 2024, 10:30 AM IST

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