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एक और गाड़ी में सामने आया नंबर प्लेट का गोरखधंधा, खनन या परिवहन विभाग आखिर कौन है जिम्मेदार

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 6, 2024, 8:00 PM IST

उरई में एक और गाड़ी में सामने आया नंबर प्लेट का गोरखधंधा. आखिर एक ही नबंर प्लेट की गाड़ी एक ही समय पर कई स्थानों पर कैसे मौरंग ढोती दिख रही है. खनिज और परिवहन विभाग दोनों ही शक के घेरे में हैं.

number plate fraud
नंबर प्लेट का गोरखधंधा

उरई में नंबर प्लेट का गोरखधंधा

लखनऊ: साल 2019 में उन्नाव से बीजेपी विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर बलात्कार मामला ने उस समय खूब सुर्खियों में रहा था. मामले में पीड़ित की कार को एक ट्रक ने 29 जुलाई 2019 को टक्कर मार दी थी. दुर्घटना में पीड़ित युवती गंभीर रूप से घायल हो गई थी और उसकी दो महिला रिश्तेदारों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद कार को टक्कर मारने वाला ट्रक, जिसकी नंबर प्लेट के कुछ नंबर रंग दिए गए थे, खूब चर्चा में रहा था. कुछ दिनों तक परिवाहन विभाग की ओर से सक्रियता दिखाई गई. लेकिन फिर उनका गोरखधंधा शुरू हो गया. एक दिन पहले ही ईटीवी भारत ने एक नंबर पर दो गाड़ियों के संचालन की खबर दिखाई थी. एक बार फिर ईटीवी भारत की पड़ताल में ऐसा ही प्रकरण सामने आया है.

साल 2023 की तारीख 29 दिसंबर को एक ट्रक (गाड़ी संख्या UP 32 PN 4980) उरई जिले के चंदौत क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह ट्रक मौरंग लेकर सीतापुर के लिए निकला था. गाड़ी में काफी नुकसान हुआ. गाड़ी मालिक ने बीमा कंपनी से नुकसान की भरपाई के लिए आग्रह किया. बीमा कंपनी की ओर से जब वरिष्ठ सर्वेयर विपिन शुक्ला ने जांच की तो जो तथ्य सामने आए वह चौंकाने वाले थे. 29 दिसंबर को दुर्घटना के कारण जो गाड़ी मौके पर पड़ी थी और चलने लायक नहीं थी, 31 दिसंबर 2023 को उसी गाड़ी का फार्म EMM11 काट दिया जाता है. यानी गाड़ी की रॉयल्टी जमा हो जाती है और वह मौरंग ढुलाई करने लगती है. साफ है कि या तो फर्जी नंबर प्लेट का उपयोग हुआ या खनन विभाग से मिलकर फार्म EMM11 में किसी तरह गलत नंबर दर्ज किया गया. इसी तरह 27 दिसंबर 2023 को इसी ट्रक का एक ही दिन में चार बार फार्म EMM11 काटा गया, जो कि असंभव है. कोई भी गाड़ी किसी अन्य जिले में एक ही दिन में चार बार मौरंग लेकर नहीं आ जा सकती.

इस मामले में गाड़ी मालिक मो. शारिक ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि, इस पूरे फर्जीवाड़े में कई दबंग लोग जुड़े हैं जो पूरा खेल कर रहे हैं. इसे लेकर मैंने ऑन लाइन एफआईआर भी की है. यह खनन विभाग को देखना चाहिए कि एक ही गाड़ी पर दिन भर में सात-आठ बार रॉयल्टी कैसे कट रही है. मैंने खनन निदेशक माला श्रीवास्तव से भी शिकायत की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जब मेरी गाड़ी मेरे समाने है, तो दूसरी जगह उसका नंबर कैसे दिख रहा है? यह सभी की मिलीभगत से हो रहा है.'

इस संबंध में लखनऊ के आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप कुमार पंकज का कहना है 'ईटीवी भारत' की खबर से यह गंभीर मामला सामने आया है. जो भी वाहन मालिक इस तरह का कृत्य कर रहे हैं, उन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. एफआईआर भी दर्ज कराएंगे. परिवहन विभाग को वित्तीय नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे वाहन मालिकों पर एक्शन जरूर लिया जाएगा.

वहीं इस मामले में सीनियर सर्वेयर विपिन शुक्ला का कहना है कि, 'पिछले दिनों लगातार यह देखा गया है कि खनन विभाग और परिवहन विभाग की मिलीभगत से एक-एक गाड़ी की तीन-तीन नंबर प्लेट लगाकर अथवा एक ही गाड़ी की एक दिन में खनन विभाग ने एक से अधिक रॉयल्टी काटी है. यह लग रहा है कि या तो एक ही गाड़ी की नंबर प्लेट कई गाड़ियों में इस्तेमाल हो रही है या फिर खनन विभाग की मिलीभगत से कोई खेल हो रहा है. इस प्रकरण की गहन पड़ताल सरकारी तंत्र द्वारा की जाए, तभी हकीकत सामने आ सकती है.'

वरिष्ठ सर्वेयर ओमवीर सिंह ने भी पूरे मामले पर कहा कि, 'अक्सर यह देखा जा रहा है कि जो गाड़ियां खनन में चल रही हैं, वह अपने नंबर छिपा लेते हैं. खनन विभाग भी EMM11 एक ही गाड़ी पर कई-कई दे दे रहा है, जो कतई संभव नहीं है. इससे सरकार का आर्थिक नुकसान तो होता ही है, अपराध को भी बढ़ावा मिलता है. प्रशासन इससे अनजान बना हुआ है.'

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