कोरबा:एनटीपीसी कोरबा के लिए साल 1979-80 में चारपारा गांव की भूमि अर्जन के 43 साल बाद भी रोजगार नहीं देने से नाराज भूविस्थापित आंदोलन कर रहे हैं. इनका आरोप है कि कई दौर की बैठकों के बाद भी प्रबंधन ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया है. वह लगातार 43 वर्ष से अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. अब दूसरी पीढ़ी भी आंदोलन के राह पर है, जिन्होंने 30 जनवरी से कलेक्टर कार्यलय के सामने आमरण अनशन शुरू करने का फैसला लिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि, "मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च करेंगे.
कोरबा एनटीपीसी के भू विस्थापित अब करेंगे आमरण अनशन, 43 साल बाद भी नहीं पूरी हुई मांग
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jan 29, 2024, 7:31 PM IST
Korba NTPC land displaced: कोरबा में चारपारा गांव में एनटीपीसी के भू विस्थापित अब आमरण अनशन की तैयारी कर रहे हैं. 43 साल बाद भी मांग नहीं पूरा होने से ये नाराज हैं.
आश्वासन के बाद भी मांग नहीं हुई पूरी:चारपारा के भूविस्थापितों ने बताया कि, "कोरबा के पूर्व कलेक्टर सहित एनटीपीसी के अधिकारियों ने बार-बार झूठा आश्वसन देकर रोजगार उपलब्ध कराने का वादा किया. लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इस कारण हम आंदोलन का विस्तार कर रहे हैं. एनटीपीसी में भूविस्थापित रोजगार बन्द हो चुका है, ऐसा कहकर हमारे अधिकारों का हनन किया जा रहा है. जबकि साल 2015 में सीपत बिलासपुर एनटीपीसी भू-विस्थापित कोरबा एनटीपीसी में भर्ती किया गया. इसके अनुसार राज्यपाल के द्वारा भू-विस्थापितों नौकरी देने का आदेश दिया है.
लंबे समय से दे रहे हैं धरना:एनटीपीसी से प्रभावित भू विस्थापित कलेक्ट्रेट के पास तानसेन चौक पर लंबे समय से धरना दे रहे हैं. उनका धरना लगातार 3 महीने से जारी है. पूर्व में भू विस्थापित मिट्टी तेल लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए थे, जिसके बाद उन्हें कुछ समय के लिए गिरफ्तार भी किया गया था. मामूली एफआईआर भी दर्ज की गई थी. इसके बावजूद भू स्थापित लगातार आंदोलन कर रहे हैं. अब इन्होंने प्रबंधन से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.