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खंडवा में अनाथ बच्चों से सरकारी बाबू बोले, कोरोना से बाप मरा तो क्या, मदद चाहिए तो घूस दो - Khandwa Babu Arrested Taking Bribe

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 13, 2024, 11:13 AM IST

Updated : Apr 13, 2024, 11:43 AM IST

खंडवा जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग के बाबू और कंप्यूटर आपरेटर की शर्मनाक हरकत सामने आई है. लोकायुक्त पुलिस ने दो अनाथ बच्चों से सरकारी कर्मचारियों को 36000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. पीड़ित भाई-बहन के पिता की मौत कोरोना काल में होने के कारण उन्हे मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत रुपए मिल रहे थे.

MP Government Officials Bribe Case
खंडवा में अनाथ बच्चों से रिश्वत लेते दो कर्मचारी गिरफ्तार

खंडवा में अनाथ बच्चों से रिश्वत लेते दो कर्मचारी गिरफ्तार

खंडवा। केंद्र और प्रदेश की सरकार लाखों दावे कर रही है कि भ्रष्टाचार खत्म हो चुका है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. एक ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के खंडवा जिले से सामने आया है जहां महिला एवं बाल विकास विभाग के बाबू और कम्प्यूटर आपरेटर को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. दरअसल, ये रिश्वत भाई-बहन से ली जा रही थी. कोरोना काल में पिता को खो चुके भाई-बहन से मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत 56000 हजार रुपए देने के बदले में ये कर्मचारी रिश्वत मांग रहे थे.

कोरोना काल में हुई थी पिता की मौत

संजय नगर निवासी अमन राठौर (उम्र 17) ने बताया कि, "अगस्त 2023 में मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय खंडवा में एक आवेदन पत्र दिया था. कोरोना काल में पिता की मृत्यु होने से उसने व उसकी बहन के नाम से दिए गए आवेदन को कार्यालय द्वारा स्वीकृत किया गया था. जिसमें प्रत्येक माह 4000 हजार रुपए की राशि दोनों बच्चों की शिक्षा के लिए प्रथक-प्रथक स्वीकृत की गई थी. और अब इसी योजना का लाभ लेने के लिए उससे पैसे की डिमांड की गई."

क्या है मध्य प्रदेश में सीएम बाल आशीर्वाद योजना?

मध्य प्रदेश में अनाथ और जरुरतमंद बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का संचालन होता है. यह महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा संचालित होता है. इसी के तहत कोरोना महामारी में और अन्य कारण से मां-पिता को खो चुके 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सरकार की ओर से हर महीने एक निश्चित राशि दी जाती है.

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रुपए नहीं देने पर दी थी धमकी

अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय इंदौर ने अपने बयान में कहा है कि, "7 माह के हिसाब से 56000 रुपए कार्यालय द्वारा आवेदक के खाते में अंतरित किये गए. जिसमें से 36000 रुपए कार्यालय में सामाजिक कार्यकर्ता के पद पर पदस्थ मनोज दिवाकर एवं कंप्यूटर ऑपरेटर संजय जगताप द्वारा इस कार्य को करने और भविष्य में भी ये राशि मिलती रहे इसके एवज़ में भाई-बहन से मांग की गई. साथ ही पेमेंट नहीं देने पर योजना का लाभ आगे नहीं दिए जाने की धमकी भी दी गई." इसकी औपचारिक शिकायत आवेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में की गई. आरोपियों ने बातचीत के दौरान 36000 रुपये लेना तय किया. फिर आरोपी मनोज दिवाकर व संजय जगताप को 36000 रु की राशि लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप कर लिया है.

मुख्यमंत्री की योजना में घूसखोरी पर प्रशासन सख्त

डीएसपी लोकायुक्त आरडी मिश्रा ने ईटीवी से कहा की, "अमन राठौर जिनके पिता का देहांत हो गया था. उनके द्वारा आवेदन दिया गया था की मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के तहत 4 हजार रुपए आर्थिक सहायता का प्रावधान है बच्चों की शिक्षा के लिए. यहां मनोज दिवाकर हैं जो को महिला बाल विकास में समाजिक कार्यकर्ता के पद पर है. वहीं उनके साथ कंप्यूटर ऑपरेटर संजय जगताप हैं. इनके द्वारा योजना का लाभ दिलवाने की कार्यावाही की गई थी. अमन के खाते में 56 हजार रुपए डाल भी दिए थे. उसके एवज में 36 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी. यह 36 हजार रुपए लेते इन दोनो को ट्रैप किया गया है."

Last Updated :Apr 13, 2024, 11:43 AM IST

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