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अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का समापन, हरियाणा के राज्यपाल ने इन हस्तशिल्पकारों को किया सम्मानित

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 19, 2024, 11:10 AM IST

Surajkund Mela 2024: कला और संस्कृति का बेजोड़ महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का समापन हो गया है. 18 फरवरी को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मेले का समापन किया. इस दौरान हस्त शिल्पकारों को सम्मानित भी किया गया. मेले में घूमने आए पर्यटक और मेले में स्टॉल लगाने आए हस्त शिल्पकारों के लिए इस साल मेला कैसा रहा जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Surajkund Mela 2024
अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का समापन,

अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का समापन,

फरीदाबाद: फरीदाबाद में आयोजित 37वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले समापन विधिवत रूप से हो गया. हर साल लगने वाले इस अंतरराष्ट्रीय हस्तशील सूरजकुंड मेले में लाखों की संख्या में पर्यटक और हैंडीक्राफ्ट से जुड़े कलाकार शामिल होते हैं. यह देश का ऐसा मेला है, जिसमें हर वर्ग, हर देश के लोग शामिल होते हैं. इस साल 2 फरवरी को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेले का शुभारंभ किया था. 16 दिन तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में कई रंग देखने को मिले. इस मेले में कई कलाकारों का संगम देखने को मिला.

अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले के समापन समारोह में पहुंचे राज्यपाल: रविवार, 18 फरवरी को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का समापन किया. इस बार का सूरजकुंड मेला 16 दिनों का रहा. हैंडीक्राफ्ट के दुकानदार शामिल हुए. दुकानदारों का कहना है कि पहले के मुकाबले इस बार सूरजकुंड मेले में काफी क्राउड देखने को मिला था. इस बार दुकानदारी भी जबरदस्त हुई है तो वही सूरजकुंड मेला घूमने आए लोगों ने भी सूरजकुंड मेले की जमकर तारीफ की. तमाम पर्यटकों का कहना है कि इस बार का सूरजकुंड मेला पहले के मुकाबले काफी अच्छा रहा.

जयपुर से आए हस्तशिल्प कलाकार डिंपल ने बताया "मेरा स्टॉल बेडशीट और चादर का था. पिछले साल के मुकाबले इस बार बहुत ज्यादा दुकानदारी हुई है. लोग भी भारी संख्या में मेले में आए और उन्होंने जमकर खरीदारी भी की. मेरा तो मानना है कि इस बार की बिक्री बहुत ज्यादा है. इस साल मेले में आकर खुशी हुई है और हर साल हम इस मेले में जरूर शामिल होंगे."

हरियाणा के राज्यपाल ने मेले में आए हस्त शिल्पकारों को सम्मानति किया.

बनारस से आए हस्तशिल्प कलाकार जावेद ने बताया "इस बार सूरजकुंड मेले में भारी संख्या में लोग आए थे. इस साल मेले में दुकानदारी कम हुई है. इसका मुख्य कारण महंगाई है. महंगाई की वजह से पिछले साल के मुकाबले इस बार लोगों ने बहुत कम खरीदारी की है. मेला घूमने आए अधिकांश लोगों ने मेले का ही लुत्फ उठाया."

मेला घूमने आए लोगों का अनुभव: वहीं, मेले में घूमने अजीत सिंह ने बताया "इस बार का मेला बहुत शानदार रहा. इस बार मेले में बहुत कुछ नया रहा बहुत कुछ देखने को मिला पूरे परिवार के साथ हर साल मेले में आता हूं, लेकिन इस बार का मेला बहुत खास है. इस बार व्यवस्था भी बहुत अच्छी हुई थी. चाहे पुलिस प्रशासन की बात करें चाहे अधिकारियों की बात करें. प्रशासन की ओर से मेले में बहुत अच्छी व्यवस्था थी. मेले में किसी भी तरह से कोई दुर्व्यवहार या किसी चीज की कमी नहीं मिली. इच्छा है कि हर साल इसी तरह से मेला लगे."

अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले के समापन पर रंगारंग कार्यक्रम.

राज्यपाल ने कलाकारों को किया सम्मानित: बात दें समापन समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय हस्तशिल्प से जुड़े कलाकारों को सम्मानित भी किया. जिसमें राजस्थान की लेदर एम्ब्रो कला के लिए शिल्पकार चंदा देवी को परंपरागत कला सम्मान से सम्मानित किया गया. ओडिशा के पंकज कुमार साहू को उनकी सिल्वर सिलीगुड़ी कला के लिए कला रत्न अवार्ड से नवाजा गया.

ये हस्तशिल्पकार किए गए सम्मानित: कर्नाटक के हस्त शिल्पकार शिव कुमार पी को उनकी वुडेन कला के लिए, गुजरात के सुरेश कुमार मगन लाल धायदा को तंगालिया क्राफ्ट, ओडिशा के गणेश साहू को पट्टा चित्र क्राफ्ट, गुजरात के पंकज कुमार डूंगरा भाई मकवाणा को उनकी पटोला साड़ी, उत्तर प्रदेश के मोहम्मद सलीम को बनारसी साड़ी, उत्तर प्रदेश के ही मोहम्मद कलीम को बनारसी साड़ी और हिमाचल प्रदेश के नितिन राणा को वूलन हैंडीक्राफ्ट के लिए कलामणि पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

कला निधि अवॉर्ड: गुजरात के मारवाड़ा जाखू रामा को कुच्चा सावल क्राफ्ट के लिए, गुजरात के हीरा भाई तेजसी भाई को खद्दर विव के लिए, गुजरात के चितारा रोशन राजेश भाई को कलमकारी क्राफ्ट, दिल्ली के बालकिशन को ब्राश क्राफ्ट और हिमाचल प्रदेश के नरोत्तम राम को शैवाल क्राफ्ट, ओडिशा के हरिशंकर मेहर को इक्कट आर्ट और आंध्रप्रदेश के विश्वनाथ रेड्डी एम को कलमकारी क्राफ्ट के लिए कलानिधि अवार्ड से सम्मानित किया गया.

ये शिल्पकार कलाश्री अवॉर्ड से सम्मानित: वहीं, गुजरात के मेहजबिन अब्दुल गफ्फार भाई पटेल को बीड्स ज्वैलरी के लिए, कर्नाटक के नागेंद्र को कंजीवाना के लिए, मध्य प्रदेश के भूरी भाई को फोक पेंटिंग के लिए, मध्यप्रदेश के शोएब खान को चंदेरी साड़ी के लिए, नागालैंड के मोलेम्ला को हैंडलूम के लिए, त्रिपुरा के गौर पोद्दार को बम्बू आर्ट के लिए और मध्यप्रदेश के अशरफ खान को जरी एंड जरी गुड्स के लिए कलाश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया.

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