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डॉ. सूर्यकांत बोले- हर साल 21 लाख लोगों को मौत की नींद सुला रहा वायु प्रदूषण, बदलाव लाना हम सबकी जिम्मेदारी - Air pollution in up

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 20, 2024, 7:29 AM IST

भारत दुनिया का सबसे प्रदूषित देश बन गया है. लखनऊ वायु प्रदूषण के मामले में 57 वें स्थान पर पहुंच चुका है. इस समस्या से निपटने के लिए 'वायु मित्र अभियान फॉर क्लीन एयर' शुरू किया गया है.

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लखनऊ : भारत में हर साल करीब 21 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से हो रही है. हालिया रिपोर्ट बताती है, कि भारत दुनिया का सबसे प्रदूषित देश है. दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में से 83 शहर भारत में ही हैं. इनमें लखनऊ 57 वें स्थान पर है. इस खतरे को गंभीरता से लेना और कदम उठाना हम सभी की जिम्मेदारी है. दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाकर और समुदाय के रूप में साथ मिलकर काम करके स्वच्छ हवा की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं. याद रखें स्वच्छ हवा ही जीवन है. यह बातें केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के अध्यक्ष और डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर एंड क्लाइमेट एक्शन (डीएफसीए) की राष्ट्रीय कोर समिति के सदस्य डॉ. सूर्यकान्त ने शुक्रवार को कही.

डॉ. सूर्यकान्त ने ‘लखनऊ फोरम फॉर क्लीन एयर’ शुभारम्भ के मौके पर कहीं वायु प्रदूषण से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए लंग केयर फाउंडेशन ने अपने कार्यक्रम डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर एंड क्लाइमेट एक्शन के माध्यम से टेक्नो ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, लखनऊ के सहयोग से इसका शुभारम्भ किया है. यह सहयोगी पहल शहर भर के मेडिकल पेशेवरों, युवाओं और हितधारकों को ‘वायु मित्र अभियान फॉर क्लीन एयर’ के माध्यम से एक साथ लाने के लिए है. इस अभियान का लक्ष्य जागरूकता बढ़ाना और युवाओं की ऊर्जा और जोश का इस्तेमाल करते हुए स्वच्छ हवा के लिए कार्रवाई योग्य समाधान विकसित करना है.

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कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के चेयरमैन आरके. अग्रवाल की अध्यक्षता में दीप प्रज्ज्वलन और अतिथियों के स्वागत के साथ हुई. इसके बाद लंग केयर फाउंडेशन की उप निदेशक डॉ. कार्मिन उप्पल द्वारा अभियान के बारे में जानकारी दी गई. टेक्नो ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के प्रबंध निदेशक ऋषि अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त किए.

डॉ. सूर्यकान्त ने लखनऊ फोरम फॉर क्लीन एयर, वायु मित्र की अवधारणा, लखनऊ में वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों और उनके संबंधित स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने इस जटिल परिस्थिति से निपटने के लिए हर किसी की व्यक्तिगत जवाबदेही और प्रयासों की आवश्यकता पर भी बल दिया. इसके बाद लंग केयर फाउन्डेशन के संस्थापक-ट्रस्टी राजीव खुराना ने “7 एन” की अवधारणा पर एक खुली चर्चा का नेतृत्व किया.

डीएफसीए का लक्ष्य कम उम्र में ही छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा कर उनमें जवाबदेही की भावना पैदा करना है. राजीव खुराना और डॉ. सूर्य कांत द्वारा प्रस्तावित छात्र संकल्प का शुभारंभ इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था. यह संकल्प उन पांच प्रमुख कार्यों को रेखांकित करता है, जो छात्र स्वच्छ हवा में योगदान करने के लिए कर सकते हैं, जिसमें स्वच्छ हवा को सर्वोच्च प्राथमिकता बनाना, प्रभावशाली समाधान शुरू करना, दूसरों को शिक्षित करना, सकारात्मक कार्रवाई को बढ़ावा देना और अपने पूरे जीवन में दैनिक कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता शामिल है.

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