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देहरादून रेंजर्स मैदान ने तराशे धुरंधर, आज बदहाल है स्थिति, गोल्ड कप आयोजक तलाश रहे ग्राउंड - Dehradun Rangers Ground

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 29, 2024, 8:20 PM IST

Updated : Apr 29, 2024, 10:52 PM IST

Dehradun Rangers Ground देहरादून का मशहूर क्रिकेट गोल्ड कप के आयोजन के लिए संचालक ग्राउंड तलाश रहे हैं. क्योंकि, आज रेंजर्स ग्राउंड के हालात बहेद खस्ता हैं. ग्राउंड पूरा उजड़ा हुआ नजर आ रहा है. कहीं से भी ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है कि कभी यह ग्राउंड हुआ करता था. जहां से युवाओं ने खुद को तराशा और फलक पर छाए.

Rangers Ground Dehradun
देहरादून रेंजर्स ग्राउंड

देहरादून रेंजर्स मैदान की ग्राउंड रिपोर्ट

देहरादून:ऐतिहासिक रेंजर्स ग्राउंड कभी खेलों के लिए खास पहचान रखता था. इस ग्राउंड पर क्रिकेट के धुरंधरों ने जमकर चौके छक्के लगाए तो खुद को भी निखारा. जो बाद में भारतीय क्रिकेट टीम के सुनहरे चेहरे बने. इस ग्राउंड पर बीते 40 सालों से देहरादून का मशहूर क्रिकेट गोल्ड कप टूर्नामेंट होता आया है, लेकिन अब इस ग्राउंड को व्यावसायिक कार्यक्रमों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जिसके चलते गोल्ड कप के आयोजनों को नया मैदान तलाश करना पड़ा.

बता दें कि साल 1980 से देहरादून के रेंजर कॉलेज ग्राउंड में देहरादून के कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट के कुछ लोगों ने देहरादून गोल्ड कप क्रिकेट टूर्नामेंट की शुरुआत की थी. जिसमें उस समय के धुरंधर रहे खिलाड़ियों ने भाग लिया और बाद में वो भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हुए. इतना ही नहीं 1980 के बाद से लगातार हो रहे गोल्ड कप में कई ऐसे नामचीन चेहरों ने हिस्सा लिया, जिनका बाद में भारतीय क्रिकेट इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में उनका नाम लिखा गया.

रेंजर्स ग्राउंड

देहरादून गोल्ड कप के आयोजन पीसी वर्मा बताते हैं कि रेंजर कॉलेज ग्राउंड शहर के बिल्कुल बीचों बीच स्थित है. जहां क्रिकेट टूर्नामेंट हुआ करता था. जहां देहरादून गोल्ड कप टूर्नामेंट में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका के टीमों ने हाथ आजमाया, लेकिन आज देहरादून का मशहूर क्रिकेट गोल्ड कप के आयोजन के लिए संचालकों को ग्राउंड तलाशना पड़ रहा है. क्योंकि, आज ग्राउंड के हालात बदतर हैं. अब इस ग्राउंड पर संडे मार्केट लगाया जाता है.

देहरादून क्रिकेट गोल्ड गोल्ड कप के आयोजक मंडल के सदस्य पीसी वर्मा बताते हैं कि देहरादून का यह क्रिकेट टूर्नामेंट अपनी विशेष पहचान रखता है. महेंद्र सिंह धोनी, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग समेत कई खिलाड़ियों ने पहले इस टूर्नामेंट में खेला, जो बाद में भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने. पिछले साल आईपीएल के स्टार खिलाड़ी रिंकू सिंह ने भी देहरादून गोल्ड कप में हाथ आजमाया था.

देहरादून रेंजर्स ग्राउंड में पड़ी निर्माण सामग्री

उन्होंने बताया कि उनकी कोशिश है कि वो इस ऐतिहासिक क्रिकेट टूर्नामेंट को निरंतर जिंदा रखें. हर साल इसका आयोजन देहरादून में रेंजर ग्राउंड में किया जाता था, लेकिन अब ग्राउंड की स्थिति खराब होने की वजह से ग्राउंड तलाशा जा रहा है. बता दें कि व्यावसायिक कार्यक्रम आयोजन कराने के मकसद से साल 2018 से क्रिकेट और फुटबॉल जैसे खेल टूर्नामेंट बंद हो गए.

17 मई से होगा देहरादून का गोल्ड कप क्रिकेट टूर्नामेंट:देहरादून गोल्ड कप क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजकों का कहना है कि भले ही उनके पास ग्राउंड को लेकर के अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन वो इस बेहद पुराने और ऐतिहासिक क्रिकेट टूर्नामेंट को जिंदा रखना चाहते हैं. लिहाजा, इस साल भी गोल्ड कप का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए ग्राउंड तलाशा जा रहा है.

उन्होंने बताया कि आगामी 19 मई से 2 जून तक इस क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा. इसमें पूरे देश से 16 टीम में चार अलग-अलग ग्रुप में लीग फॉर्मेट में खेले जाएंगे. इस क्रिकेट टूर्नामेंट में कोलकाता, मेघालय, गोवा, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, रेलवे, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, यूपी के क्लब समेत 16 टीमें भाग लेंगे.

देहरादून रेंजर्स ग्राउंड का हाल

उत्तराखंड शासन के अधीन है रेंजर्स ग्राउंड: केंद्रीय वन विभाग के अधीन रहने वाला यह ग्राउंड अब उत्तराखंड शासन के अधीन हो गया है. जिसका इस्तेमाल अब सांस्कृतिक, कल्चरल और राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए किया जाता है. जिसके लिए जिला प्रशासन की अलग-अलग एनओसी के अलावा एक निर्धारित शुल्क भी निर्धारित किया गया है.

रेंजर्स ग्राउंड का इतिहास:देहरादून के घंटाघर के पास स्थित रेंजर्स ग्राउंड का इतिहास काफी पुराना है. बताया जाता है कि ब्रिटिश शासनकाल में यहां नेशनल फारेस्ट रेंजर कॉलेज (NFRC) मैदान के सामने था. इसलिए ग्राउंड में फॉरेस्ट रेंजर्स अधिकारियों की परेड आयोजित होती थी. जब देश आजाद हुआ और उसके बाद से भारत सरकार के एफआरआई (Forest Research Institute) के पास ही इस रेंजर्स ग्राउंड का अधिकार रहा.

रेंजर्स ग्राउंड में गंदगी

वहीं, ब्रिटिश शासन काल में मैदान के सामने नेशनल फारेस्ट रेंजर कॉलेज (NFRC) था, जो अब चकराता रोड पर भारतीय वन अनुसंधान संस्थान (FRI) में है. हालांकि, वन अनुसंधान संस्थान का एक बड़ा कार्यालय आज भी रेंजर्स ग्राउंड के सामने ही है. बताया जाता है कि भारतीय वन अनुसंधान संस्थान (FRI) के अधीन वाले इस रेंजर्स ग्राउंड में पहले उत्तर प्रदेश, फिर उत्तराखंड सरकार देर-सवेर इसका इस्तेमाल करती रही.

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Last Updated :Apr 29, 2024, 10:52 PM IST

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