रायपुर : पूर्व आईपीएस जीपी सिंह को CAT (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) से बड़ी राहत मिली है . कैट ने चार हफ्तों के भीतर जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकरण कर बहाल किए जाने का आदेश दिया है. आपको बता दें कि 1994 बैच के आईपीएस जीपी सिंह को राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते साल जुलाई के महीने में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी थी. केंद्र सरकार की अनुशंसा पर अनिवार्य रूप से जीपी सिंह को सेवानिवृत्त किया गया था.
बर्खास्त IPS जीपी सिंह ज्वाइन कर सकते हैं ड्यूटी, जानिए किसने दी बड़ी राहत - IPS GP Singh
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Apr 30, 2024, 2:57 PM IST
IPS GP Singh पूर्व आईपीएस जीपी सिंह को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने बहाल करने के निर्देश दिए हैं. जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकृत करके बहाल करने के निर्देश मिले हैं.
कब हुई थी कार्रवाई ?:एसीबी यानी एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने जुलाई 2021 में जीपी सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले समेत राजनादगांव और ओड़िसा के 15 जगहों पर छापामारी की थी. जिसमें 10 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति के साथ ही कई संवेदनशील दस्तावेज मिले थे. छापे से मिली संपत्ति के आधार पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज किया था. इस पूरे घटनाक्रम के बाद 9 जुलाई 2021 को आईपीएस जीपी सिंह ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई थी. मामले की जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें में 2022 में जमानत मिली थी.
साल 2023 को हुए थे बर्खास्त :दूसरी ओर सरकार ने 5 जुलाई 2023 को उन्हें सस्पेंड कर 8 जुलाई की रात को उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. राज्य सरकार की सिफारिश के लगभग 10 महीने बाद गृह मंत्रालय ने बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी थी. सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर 21 जुलाई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस जीपी सिंह को भारत सरकार ने कंपलसरी रिटायर किया था. उस दौरान आईपीएस जीपी सिंह की सेवा के 8 साल बचे थे. आपको बता दें कि आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया था. आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में जीपी सिंह के खिलाफ 10 करोड़ से अधिक के सम्पत्ति का ब्यौरा मिला था. इसके साथ ही सरकार गिराने की साजिश पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था.