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धोखाधड़ी से प्रमोशन लेकर DSP बनीं लक्ष्मी सिंह, मामला दर्ज; 70 लाख रुपये के गबन में भी आरोपी, जा चुकी हैं जेल

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 1, 2024, 2:58 PM IST

चर्चित पुलिस अधिकारी लक्ष्मी सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं. आरोप है कि प्रमोशन पाने के लिए लक्ष्मी ने झूठा शपथ पत्र दिया था. इस मामले में उनके खिलाफ सुशांत गोल्फ सिटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.

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लखनऊ : यूपी पुलिस की चर्चित अधिकारी लक्ष्मी सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इंस्पेक्टर से डिप्टी एसपी बनीं लक्ष्मी पर आरोप लगा है कि प्रमोशन पाने के लिए उन्होंने झूठा शपथ पत्र दिया था. इस मामले में उनके खिलाफ राजधानी के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. लक्ष्मी सिंह वर्तमान में आगरा की एसआईबी (कोऑपरेटिव) में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात हैं. वर्ष 2019 में गाजियाबाद में तैनाती के दौरान लक्ष्मी के खिलाफ 70 लाख रुपये के गबन का केस भी दर्ज हुआ था और वह जेल भी गई थीं.

पुलिस मुख्यालय के लिपिक ने दर्ज कराया केस

पुलिस मुख्यालय स्थित अपराध अनुसंधान विभाग में तैनात लिपिक महेंद्र प्रताप सिंह ने डीएसपी लक्ष्मी सिंह चौहान के खिलाफ सुशांत गोल्फ सिटी थाने में धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और झूठा शपथपत्र देने के आरोप में केस दर्ज कराया है. एफआईआर में बताया गया है कि लक्ष्मी सिंह चौहान ने इंस्पेक्टर से डीएसपी पद पर प्रमोशन पाने के लिए 8 जून 2023 और 14 जून 2023 को शपथपत्र दाखिल किए थे. दोनों ही शपथपत्र के आधार पर उनके दस्तावेज एडीजी प्रशासन के दफ्तर भेज दिए गए. इसके बाद लक्ष्मी सिंह को डिप्टी एसपी के पद पर प्रमोशन मिल गया था. दस्तावेज व शपथपत्र की जांच के दौरान सामने आया कि लक्ष्मी सिंह चौहान ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे से संबंधित कोर्ट के आदेश और तथ्यों को छिपाते हुए गलत जानकारी देकर धोखाधड़ी से डिप्टी एसपी के पद पर पदोन्नति हासिल की है. एडीसीपी दक्षिणी शशांक सिंह ने बताया कि सुशांत गोल्फ सिटी थाने में लक्ष्मी सिंह चौहान के खिलाफ दर्ज एफआईआर की विवेचना उपनिरीक्षक धीरेंद्र प्रताप सिंह को दी गई है. जांच की जा रही है.

70 लाख के गबन के आरोप में पहले से दर्ज है मुकदमा

गाजियाबाद के साहिबाबाद साइट-4 औद्योगिक क्षेत्र स्थित एटीएम में कैश लोड करने वाली कंपनी सीएमएस इंफो सिस्टम कंपनी ने गाजियाबाद के लिंक रोड थाने में वर्ष 2019 में कैश कस्टोडियन एजेंट राजीव सचान के खिलाफ गबन का मामला दर्ज कराया था. लिंक रोड थाने में इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान ने एसएचओ रहते आरोपी राजीव सचान को साथी आमिर के साथ गिरफ्तार कर एक करोड़ से ज्यादा बरामद किए थे, लेकिन इस बीच नोटों से भरा एक बैग गायब हो गया था. तत्कालीन सीओ राकेश कुमार ने मामले की जांच के लिए महाराजपुर चौकी की सीसीटीवी फुटेज चेक की तो लिंक रोड़ थाना पुलिस बेनकाब हो गई. थाने की लिखापढ़ी में महज 45 लाख 81 हजार 500 रुपये की बरामदगी ही दिखाई गई थी. जबकि आरोप है कि 70 लाख रुपए लक्ष्मी सिंह ने खुद गायब कर दिए थे. आईजी रेंज आलोक सिंह के निर्देश पर इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान, दरोगा नवीन कुमार, सिपाही बच्चू सिंह, फराज खान, धीरज भारद्वाज, सौरभ शर्मा और सचिन कुमार के खिलाफ 25 सितंबर 2019 को लिंक रोड थाने में केस दर्ज किया गया था. जिसके बाद लक्ष्मी सिंह जेल भी भेजी गई थीं.

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