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राहुल गांधी के उलिहातू नहीं जाने पर बीजेपी ने कसा तंज, कांग्रेस को बताया आदिवासी विरोधी

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 7, 2024, 7:13 AM IST

Rahul Gandhi Nyay Yatra in Khunti. झारखंड में न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी के भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू ना जाने पर भाजपा ने तंज कसा है. भाजपा नेताओं ने कहा कि खूंटी जाने के बाद भी उलिहातू ना जाना बताता है कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी विरोधी है, राहुल गांधी के दिल में आदिवासियों के भगवान के लिए कोई श्रद्धा नहीं है.

Rahul Gandhi Nyay Yatra in Khunti
Rahul Gandhi Nyay Yatra in Khunti

भाजपा नेताओं का बयान

खूंटी: राहुल गांधी की न्याय यात्रा झारखंड से ओडिशा में कूच कर चुकी है. न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी खूंटी भी पहुंचे. लेकिन खूंटी पहुंचने के बावजूद वे भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू नहीं गए. इसे लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस को आदिवासी विरोधी बताया है.

बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि जब राहुल गांधी बिरसा मुंडा के गांव नहीं जा सकते तो इससे साफ हो जाता है कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी विरोधी है. खूंटी में देर रात बिताने के बाद भी वे बिरसा मुंडा के गांव नहीं गये और न ही आदिवासियों से मिलकर उनका हालचाल पूछा.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पद्म भूषण से सम्मानित कड़िया मुंडा ने कांग्रेस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी बिरसा मुंडा को तरजीह नहीं दी. इससे पहले भी राहुल गांधी के मन में बिरसा मुंडा के प्रति इतना सम्मान नहीं रहा है. उन्होंने बताया कि राहुल ने सोचा होगा कि सब जा रहे हैं, हम भी जाएंगे लेकिन वह नहीं गये. राहुल गांधी के उलिहातू नहीं जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी के मामले पर कड़िया मुंडा ने यह भी कहा कि उनका नाराज होना स्वाभाविक है.

'राहुल की करनी और कथनी में अंतर':बीजेपी सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार ने कहा कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया. खूंटी आकर राहुल गांधी ने बता दिया कि वे किसी काम के नहीं हैं. मनोज कुमार ने कहा कि राज्य व जिला कमेटी के हंगामा करने के बावजूद उन्होंने बात नहीं मानी. जिला कमेटी दावा कर रही थी कि उन्हें उलिहातू जाना है और साबित कर रहे थे कि आदिवासी समाज उनके साथ है, ओबीसी उनके साथ है और पिछड़े उनके साथ हैं, लेकिन उनकी करनी और कथनी में अंतर है. राहुल गांधी खूंटी आये, खाया पिया और चले गये. इससे न तो खूंटी की जनता को कोई संदेश मिला और न ही राहुल अपने कार्यकर्ताओं को कोई संदेश दे पाये.

मनोज कुमार ने कहा कि वह नामदार हैं और नामदार रहेंगे. उन्होंने कहा कि वे खूंटी की जनता को कहां से संदेश देंगे, उनका तो पॉकेट भी खाली है और दिमाग भी खाली है. सरना समाज के खूंटी अध्यक्ष भीम सिंह मुंडा ने कहा कि राहुल गांधी का खूंटी से सीधे सिमडेगा जाना ठीक नहीं है. कम से कम उन्हें यहां के आदिवासियों से मिलना चाहिए था ताकि उनका कांग्रेस की ओर कुछ झुकाव हो.

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