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रोज महंगा हो रहा है सोना, क्यों आ रही है तेजी, जानें असली वजह - Gold and silver prices

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 9, 2024, 10:40 AM IST

Gold and silver prices- सोना भारतीय संस्कृति में सबसे प्रतिष्ठित मेटल में से एक है. त्योहारों से लेकर शादियों और जन्मदिनों तक, कोई भी शुभ अवसर इस मेटल के यूज के बिना नहीं गुजरता. जानें क्यों लगातार बढ़ रही हैं सोने-चांदी की कीमतें? पढ़ें पूरी खबर...

Gold and silver prices
सोने-चांदी की कीमतें

मुंबई:भारत में लगातार सोने-चांदी के भाव में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.भारतीय सोना बाजार अंतरराष्ट्रीय कारकों से काफी प्रभावित है. कीमतों में हालिया उछाल को कई वैश्विक रुझानों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. सोना भारतीय संस्कृति में सबसे प्रतिष्ठित मेटल में से एक है. त्योहारों से लेकर शादियों और जन्मदिनों तक, कोई भी शुभ अवसर इस मेटल के यूज के बिना नहीं गुजरता. अधिकांश भारतीय सोने को निवेश की एक ऐसी चीज के रूप में देखते हैं जिसका उपयोग वित्तीय संकट के समय में किया जा सकता है.

क्यों बढ़ रही हैं सोने-चांदी की कीमतें?
सोने और चांदी की कीमतों में हालिया उछाल का श्रेय अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत मांग को दिया जाता है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, COMEX पर सोना हाजिर 2,336 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद से 7 डॉलर अधिक है. संयुक्त राज्य अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय व्यापारियों का ध्यान सर्राफा बाजार पर केंद्रित रहा, जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई. परिणामस्वरूप, भारतीय सर्राफा बाजारों की कीमतें भी वैश्विक स्तर पर मजबूत कीमतों को प्रतिबिंबित करती हैं.

इसके अलावा, ऐसे अन्य कारक भी हैं जो निवेशकों को सोने और चांदी की ओर ले जा रहे हैं क्योंकि इनमें निवेश साधन और मुद्रा दोनों के गुण हैं. ऐसे अनिश्चितता के समय में इन दोनों मेटल को निवेशकों के लिए सुरक्षित ठिकाना माना जाता है. उदाहरण के लिए, यूरोप में रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में इजराइल-हमास युद्ध जैसे भू-राजनीतिक तनाव निवेशकों को सोने जैसी सुरक्षित-संपत्ति की ओर आकर्षित कर रहे हैं.

दूसरा, दुनिया भर में मुद्रास्फीति के दबाव ने सोने को बढ़ती कीमतों के खिलाफ एक आकर्षक बचाव बना दिया है. तीसरा, कमजोर अमेरिकी डॉलर अन्य मुद्राएं रखने वाले निवेशकों के लिए सोना सस्ता कर देता है, जिससे पीली धातु की मांग बढ़ जाती है. भारत में सोने और चांदी की कीमतें डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत सहित कई कारकों पर निर्भर करती हैं. वैश्विक मांग भी कीमती धातुओं की दर में देखे गए रुझान को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

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