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गिद्धों को फिर भायी बुंदेलखंड की आबोहवा, पिछले साल के मुकाबले संख्या में जबरदस्त इजाफा - Vultures Like Bundelkhand Climate

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 4, 2024, 9:12 PM IST

गिद्धों की गणना का काम दो चरणों में पूरे मध्यप्रदेश में किया गया है. इसमें संरक्षित वन क्षेत्र के अलावा वनमंडलों में भी गिद्धों की गणना की गई है. गिद्धों की गणना के बाद आए परिणाम से वन अमला उत्साहित नजर आ रहा है. बुंदेलखंड के पन्ना टाइगर रिजर्व और नौरादेही टाइगर रिजर्व में गिद्धों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है.

VULTURES LIKE BUNDELKHAND CLIMATE
गिद्धों को भायी बुंदेलखंड की आबोहवा (ETV Bharat)

एमपी में गिद्धों की ग्रीष्मकालीन गणना (ETV Bharat)

सागर।बुंदेलखंड का पन्ना टाइगर रिजर्व और नौरादेही टाइगर रिजर्व बाघों के साथ-साथ दूसरे वन्यजीवों के लिए एक बेहतर रहवास साबित हो रहे हैं. गिद्धों की ग्रीष्मकालीन गणना ने भी वन विभाग के लिए सुखद परिणाम दिए. बुंदेलखंड की आबोहवा मानो गिद्धों को भा गयी है. बुंदेलखंड यानि सागर संभाग के दोनों टाइगर रिजर्व के अलावा प्रदेश के सभी वनमंडलों में ये गणना हुई है. पन्ना और नौरादेही टाइगर रिजर्व के बेहतर वातावरण के कारण गिद्धों ने काफी संख्या में यहां रहवास तैयार किए हैं. गौरतलब है कि पिछली गिद्ध गणना में पन्ना टाइगर रिजर्व मध्यप्रदेश में अव्वल नंबर पर था और तब नौरादेही अभ्यारण्य को तीसरा स्थान हासिल हुआ था.

गिद्धों की संख्या बढ़ने से वन अमला उत्साहित (ETV Bharat)

दो टाइगर रिजर्व सहित सभी वनमंडलों में गिद्धों की गणना

गिद्धों की गणना का काम दो चरणों में पूरे मध्यप्रदेश में किया गया है. इसमें संरक्षित वन क्षेत्र के अलावा वनमंडलों में भी गिद्धों की गणना की गई है. दरअसल मध्यप्रदेश में सर्दी के मौसम में प्रवासी पक्षी के तौर पर बड़ी संख्या में हिमालयन गिद्ध आते हैं लेकिन ठंड के सीजन के बाद वापस हो जाते हैं. ऐसे में मध्यप्रदेश वन विभाग ने गिद्धों के संरक्षण के लिहाज से दो बार प्रदेश व्यापी गणना का फैसला लिया ताकि पता चल सके कि प्रवासी गिद्धों के अलावा ऐसे कितने गिद्ध हैं जो मध्यप्रदेश के जंगलों में रह रहे हैं. गिद्धों की शीतकालीन गणना फरवरी माह में 16,17 और 18 फरवरी को की गयी थी। वहीं ग्रीष्मकालीन गणना 29, 30 अप्रैल और एक मई को गयी है.

बुंदेलखंड में बढ़ी गिद्धों की संख्या (ETV Bharat)

कैसे होती है गिद्धों की गणना

गिद्धों की गणना सुबह सूर्योदय के साथ शुरू की जाती है और सिर्फ बैठे हुए गिद्धों को गणना में गिना जाता है. गिद्धों की गणना के लिए वन विभाग के कर्मचारियों के अलावा वन्यजीव संगठन से जुडी संस्थाएं भी शामिल होती हैं. वनकर्मी पहले गिद्धों के घोंसले चिन्हित करते हैं और फिर गणना के दौरान दूरबीन के जरिए गिद्धों की गणना करते हैं. लगातार तीन दिन गणना के बाद गिद्धों की संख्या की गणना की जाती है.

गिद्धों की ग्रीष्मकालीन गणना (ETV Bharat)

गिद्धों को भायी बुंदेलखंड की आबोहवा

खासकर बुंदेलखंड की बात करें तो सागर वन वृत्त के अलावा यहां पर पन्ना टाइगर रिजर्व और नौरादेही टाइगर रिजर्व गिद्धों का काफी पसंदीदा आश्रय स्थल साबित हुआ है. हाल ही में हुई गणना में दोनों टाइगर रिजर्व में गिद्धों की संख्या में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है. बुंदेलखंड के दोनों टाइगर रिजर्व इनके संरक्षण और जरूरी वातावरण के लिहाज से काफी अच्छे माने गए हैं और पिछली गणनाओं की अपेक्षा लगातार यहां गिद्धों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने मिल रही है.

पन्ना टाइगर रिजर्व में अच्छे परिणाम

यहां 29 अप्रैल से 1 मई तक गिद्धों के 65 घोंसले चिन्हित किए गए. जिसमें पहले दिन 594 वयस्क और 70 अवयस्क गिद्धों सहित 664, दूसरे दिन अव्यस्क 74 गिद्धों सहित 780 वयस्क और आखिरी दिन 679 वयस्क और 78 अवयस्क गिद्धों सहित 757 गिद्ध दर्ज किए गए.पन्ना टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर अंजना सुचिता तिर्की बताती हैं कि"3 दिन तक चली प्रदेश व्यापी गणना में पन्ना टाइगर रिजर्व में 65 स्थानों पर बैठे हुए गिद्धों की गणना के काफी अच्छे परिणाम आए हैं. लगभग 757 गिद्ध अंतिम दिन गणना में पाए गए थे. 30 अप्रैल को 854 और 29 अप्रैल को 664 गिद्धों की संख्या पायी गयी थी."

नौरादेही टाइगर रिजर्व में बढ़े गिद्ध

नौरादेही टाइगर रिजर्व में शीतकालीन गणना में 1554 गिद्ध पाए गए थे, वहीं ग्रीष्मकालीन गणना में 1252 गिद्ध पाए गए हैं यानि इस गणना से पता चलता है कि करीब तीन सौ प्रवासी गिद्ध नौरादेही टाइगर रिजर्व में आए थे. सागर वनवृत्त में शीतकालीन गणना में कुल 3492 गिद्ध पाए गए थे और ग्रीष्मकालीन गणना में 2166 गिद्ध पाए गए हैं. इस गणना के लिहाज से सागर वनवृत्त के सभी वनमंडल और संरक्षित वनों की गणना के लिहाज से देखा जाए तो शीतकालीन गणना के हिसाब से 1326 गिद्ध ग्रीष्मकालीन गणना में कम पाए गए हैं. इसका मतलब है कि 2166 गिद्धों ने इसी इलाके में अपने रहवास बनाए हैं.

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'गिद्धों की संख्या में बढ़ोत्तरी'

नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ एए अंसारी बताते हैं कि "मध्यप्रदेश के जंगलों में जो सर्दी के मौसम में हिमालयन गिद्ध आते हैं, उनके चले जाने के बाद बाघों की गणना की जाए ताकि ये पता चल सके कि यहां रहने वाले गिद्ध कितने हैं खास बात ये है कि ग्रीष्मकालीन गणना काफी अच्छी रही है और पिछले सालों के मुकाबले गिद्धों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है".

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