दिल्ली

delhi

मणिपुर में हिंसा से 60,000 लोग विस्थापित हुए, अमेरिकी रिपोर्ट में गंभीर मानवाधिकारों के हनन का जिक्र - US Annual Human Rights Report

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 23, 2024, 9:55 PM IST

Updated : Apr 23, 2024, 10:04 PM IST

US Report on Manipur Violence: अमेरिका ने वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट जारी की है. अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में दावा किया है कि मणिपुर में हिंसा के दौरान घरों, व्यवसायों और पूजा स्थलों को नष्ट करने के अलावा सशस्त्र संघर्ष और बलात्कार की घटनाएं रिपोर्ट की गईं. अमेरिकी रिपोर्ट में भारत में मानवाधिकारों के हनन और मीडिया की स्वतंत्रता का भी जिक्रहै. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट.

US ON MANIPUR VIOLENCE
मणिपुर हिंसा पर अमेरिका रिपोर्ट

नई दिल्ली:अमेरिका ने वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा, खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या, पत्रकारों की हत्या, भारत में मानवाधिकारों के कुछ गंभीर हनन का जिक्र किया गया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने सोमवार को प्रकाशित मानवाधिकार प्रथाओं पर अपनी 2023 की रिपोर्ट में कहा है कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में कुकी और मैतेई जातीय समूहों के बीच संघर्ष के दौरान गंभीर मानवाधिकारों का हनन हुआ.

अमेरिकी मानवाधिकार रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप के निदेशक सुहास चकमा ने कहा कि अमेरिकी मानवाधिकार रिपोर्ट मणिपुर की वास्तविक स्थिति को उजागर करती है. अगर मणिपुर में 9 महीने तक हिंसा जारी रहती है और सरकार हिंसा को रोकने या समाप्त करने के लिए कार्रवाई शुरू करने में विफल रहती है, तो यह स्वाभाविक है कि दुनिया भर की सरकारें चिंता व्यक्त करेंगी. अमेरिका उनमें अकेला नहीं है. उन्होंने कहा कि जब भी इस तरह की मानवाधिकार संबंधी स्थिति सामने आती है, भारत भी अपनी चिंताएं व्यक्त करता है, जैसा कि भारत ने गाजा में मानवाधिकारों के उल्लंघन के संबंध किया. चकमा ने कहा कि 'अमेरिका हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे' यह कहने के बजाय, केंद्र सरकार को उपाय करना चाहिए ताकि किसी को भी भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर बोलने का मौका न मिले.

अमेरिकी विदेश विभाग ने रिपोर्ट में दावा किया है कि मणिपुर में संघर्ष के कारण 3 मई से 15 नवंबर 2023 के बीच 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए. रिपोर्ट के अनुसार, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने घरों, व्यवसायों और पूजा स्थलों को नष्ट करने के अलावा सशस्त्र संघर्ष, बलात्कार और हमलों की सूचना दी. अमेरिकी विदेश विभाग ने रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया, कर्फ्यू लागू किया और इंटरनेट बंद कर दिया. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में हिंसा को रोकने में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की विफलता की आलोचना की और हिंसा की घटनाओं की जांच करने और मानवीय सहायता के वितरण और घरों और पूजा स्थलों के पुनर्निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को नियुक्त किया.

रिपोर्ट में पिछले साल भारत में विपक्ष दलों के नेताओं के सामने पेश की गई 'बाधाओं' की घटनाओं पर प्रकाश डाला गया है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा के मामले का जिक्र किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अगस्त में सजा पर रोक लगा दी थी. अमेरिका ने रिपोर्ट में कहा है कि हालांकि राजनीतिक दलों के गठन या किसी समुदाय के व्यक्तियों के चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. लेकिन विपक्षी राजनीतिक दलों के सदस्यों द्वारा बाधाएं बताई गईं, जिसमें सरकारी अधिकारियों या नीतियों की आलोचना के लिए प्रतिशोध, हमले और प्रचार के लिए सोशल मीडिया का स्वतंत्र रूप से उपयोग करने में असमर्थता शामिल है.

मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा का जिक्र
अमेरिकी मानावाधिकार रिपोर्ट में मानहानि मामले में गुजरात की एक अदालत द्वारा राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाने पर कहा गया है कि अगर दोषसिद्धि लागू होती, तो राहुल गांधी किसी भी सार्वजनिक पद के लिए अयोग्य हो जाते और उन्हें 2024 का आम चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य बना दिया जाता, जिसे विपक्ष ने भाजपा द्वारा 'विपक्ष के प्रमुख नेता' और कांग्रेस पार्टी को चुनावी प्रक्रिया में स्वतंत्र रूप से भाग लेने से रोकने का एक प्रयास बताया था.

प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता पर रिपोर्ट
प्रेस और अन्य मीडिया की स्वतंत्रता पर रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया संगठनों और पत्रकारों को कभी-कभी गिरफ्तारी और धमकी का शिकार होना पड़ता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 14 फरवरी 2023 को आयकर विभाग ने बीबीसी के दिल्ली और मुंबई कार्यालयों की 60 घंटे तक तलाशी ली. यह कार्रवाई जनवरी में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री के रिलीज होने के तुरंत बाद हुई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2002 के दंगों के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में भूमिका निभाई थी. रिपोर्ट में मीडिया संस्थानों का हवाला देते हुए यह भी कहा गया है कि सरकार ने मीडिया कंपनियों को नियंत्रित करने वाले वित्तीय नियमों को चुनिंदा रूप से लागू किया, खासकर उन पर जो सरकार के आलोचक माने जाते हैं.

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि ऐसी रिपोर्ट आई हैं कि सरकार पत्रकारों, प्रवासी आबादी के सदस्यों, नागरिक समाज कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार रक्षकों के खिलाफ दमन की नीति अपना रही है. इस संदर्भ में, कनाडा द्वारा भारत पर कनाडा की धरती पर सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाने का उल्लेख किया गया है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने सोमवार को अपना वार्षिक मानवाधिकार मूल्यांकन प्रकाशित किया, जिसमें लगभग 200 देशों में मानवाधिकार रिकॉर्ड को शामिल किया गया है. रिपोर्ट को जारी करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि यह रिपोर्ट लगभग 200 देशों और क्षेत्रों में मानवाधिकार रिकॉर्ड का तथ्यात्मक, व्यवस्थित विवरण प्रस्तुत करती है. हमने सभी देशों को एक ही मानक पर परखा है.

ये भी पढ़ें-मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, फायरिंग में 2 लोगों की मौत; भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात

Last Updated :Apr 23, 2024, 10:04 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details