पटना: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धुआंधार प्रचार कर रहे हैं. एक महीने में चौथी बार पीएम मोदी बिहार दौरे पर आ रहे हैं. जमुई, औरंगाबाद, नवादा, गया और पूर्णिया में चुनावी सभा कर चुके हैं. 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आररिया और मुंगेर में चुनावी सभा करेंगे. 26 अप्रैल को ही दूसरे चरण के लिए बिहार में 5 सीटों पर मतदान होगा. जिसमें सीमांचल की तीन सीट किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया के अलावा मुंगेर से सटे अंग प्रदेश की भागलपुर और बांका लोकसभा सीट है.
मोदी की रणनीतिः राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अररिया और मुंगेर में चुनावी जनसभा के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मतदान के दिन इन पांचों लोकसभा क्षेत्र के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे. राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि PM मोदी ने देश की राजनीति में एक नया राजनीतिक ट्रेंड बनाया है. चुनाव के दिन उस इलाके से सटे किसी अन्य लोकसभा क्षेत्र में जहां अगले चरण में चुनाव होना है, प्रचार करने आते हैं. प्रधानमंत्री मोदी की यह राजनीति 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिली थी. उन्हें सफलता भी मिली थी. 2024 के चुनाव में भी प्रधानमंत्री मोदी इसी रणनीति पर चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
"एक नई परंपरा की शुरुआत हुई है. चुनाव के दिन इस इलाके के आसपास के किसी लोकसभा क्षेत्र में चुनावी सभा के माध्यम से वोटरों को साधने की कोशिश की जा रही है. डिजिटल मीडिया का प्रभाव कितना बढ़ गया है कि सभी राजनेता इसके माध्यम से ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास करते हैं."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
सीमांचल पर मोदी की नजरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 अप्रैल को अररिया में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. भले ही मोदी अररिया में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे लेकिन उनकी नजर कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया के वोटरों पर रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अररिया में भले ही भाषण देंगे लेकिन उनका फोकस सीमांचल की समस्या पर ही रहेगा. पलायन सीमांचल की सबसे बड़ी समस्या है. रोजगार की तलाश में पूरे सीमांचल क्षेत्र के लोग मजदूरी या नौकरी करने के लिए बिहार के बाहर जाने को मजबूर हैं. सीमांचल के सभी जिले बरसात में 3 महीने तक बाढ़ की समस्या से जूझते हैं. इसके अलावे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर अल्पसंख्यक समुदाय के पसमांदा बिरादरी पर रहेगी.
ललन सिंह के लिए मांगेंगे वोटः 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के पक्ष में मुंगेर में चुनावी सभा करेंगे. मुंगेर के बहाने नरेंद्र मोदी, भागलपुर और बांका में हो रहे मतदान पर भी नजर रखेंगे. भागलपुर को सिल्क नगरी कहा जाता है. भागलपुर की सिल्क देश ही नहीं विदेशों तक भेजे जाते हैं. बुनकरों के लिए केंद्र सरकार ने क्या-क्या योजनाएं चलाई हैं और आगे इनको लेकर सरकार की क्या योजनाएं हैं इन तमाम बातों का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषण में कर सकते हैं. इसके अलावा मुंगेर भागलपुर और बांका को किस तरीके से पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है. इन तमाम बातों का जिक्र प्रधानमंत्री मोदी कर सकते हैं.
मतदाता को कर सकते हैं प्रभावितः डॉ संजय कुमार का मानना है कि 26 तारीख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अररिया और मुंगेर की सभा के माध्यम से सीमांचल की तीन सीटों पर हो रही वोटिंग और भागलपुर और बांका की वोटिंग को प्रभावित कर सकते हैं. जब प्रधानमंत्री मोदी अपने कार्यकाल की उपलब्धि बताएंगे, जब वह अपने कार्यकर्ताओं को यह बताएंगे कि उनका आगे का विजन क्या है तो जहां वोटिंग हो रही है वहां के मतदाता भी प्रभावित हो सकते हैं. डॉ संजय कुमार का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछली बार पूर्णिया में चुनाव प्रचार करने के लिए आए थे तो उन्होंने मुसलमान के उस वर्ग को फोकस किया था जो अभी भी विकास से वंचित हैं.