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नीतीश के विधायक को रिश्वत लेने से नहीं है गुरेज, कैमरे पर कहा- 'हमको कोई देने आएगा कि पांच करोड़ रख लीजिए...एको मिनट देरी करेंगे'

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 31, 2024, 5:16 PM IST

नीतीश के विधायक गोपाल मंडल को रिश्वत लेने से कोई परहेज नहीं है. उनका मानना है कि रिश्वत में जो रकम मिलती है वह लक्ष्मी होती है और लक्ष्मी को इंकार नहीं करना चाहिए. इतना ही नहीं गोपाल मंडल को रिश्वत लेने के बाद ईडी और सीबीआई की कार्रवाई का भी डर नहीं है. पढ़ें, विस्तार से.

गोपाल मंडल, जदयू विधायक
गोपाल मंडल, जदयू विधायक

गोपाल मंडल, जदयू विधायक.

भागलपुर:अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले जदयू विधायक गोपाल मंडल ने एक बार फिर गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है. गोपाल मंडल ने रिश्वत का समर्थन करते हुए कहा कि 'हमको अभी कोई देने आएगा कि पांच करोड़ रख लीजिए, एक मिनट भी देरी करेंगे क्या. रख ही लेंगे ना. लक्ष्मी आएगी तो लेंगे ही, ईडी पूछे या कोई पूछे'. दरअसल, गोपाल मंडल लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे.

लालू परिवार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई गलतः बता दें कि लैंड फॉर जॉब घोटालामामले में लालू परिवार के खिलाफ ईडी का शिकंजा कस रहा है. सोमवार 29 जनवरी को ईडी ने लालू यादव से करीब 9 घंटे तक पूछताछ की थी. मंगलवार को ईडी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी घंटों पूछताछ की. इस पर जदयू और भाजपा के नेता ईडी की कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं. वहीं, गोपाल मंडल ने तेजस्वी यादव और लालू यादव के अन्य बच्चों को इस मामले में बेवजह फंसाने की बात कह रहे हैं. उन्होंने माना कि इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी दोषी हो सकते हैं, लेकिन उनके बच्चे का कोई दोष नहीं है.

"जिस समय जमीन के बदले लालू यादव ने नौकरी दी होगी, उस समय तेजस्वी छोटा थे. हॉस्टल में रहते थे. उनको तो झूठ का फंसाया जा रहा है. तेजस्वी बिल्कुल निर्दोष है, मीसा भारती और सब बच्चा निर्दोष है. लालू और राबड़ी दोषी हो सकते हैं, उनके बच्चे नहीं हो सकते."- गोपाल मंडल, जदयू विधायक

क्या है लैंड फॉर जॉब मामला:2004 से 2009 के बीच लालू यादव एनडीए सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू यादव ने नौकरी के बदले अभ्यर्थियों से जमीन और फ्लैट अपने परिवार के नाम करवाए थे. इस मामले में लालू के अलावे राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और मीसा भारती समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया है. ईडी की चार्जशीट के मुताबिक 2004-2009 के बीच लालू यादव ने रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी पदों पर नियुक्ति की थी. नौकरी के बदले अपने परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को जमीन हस्तांतरित करवायी थी.

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