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नई ड्रोन नीति के नियम कायदों में उलझा 'ड्रोन मैन' अभिनव, जबलपुर छोड़कर चला गया ऑस्ट्रेलिया

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 28, 2024, 2:07 PM IST

Updated : Feb 28, 2024, 3:32 PM IST

Jabalpur Drone Man Abhinav Thakur: जबलपुर के युवा इंजीनियर अभिनव सिंह ठाकुर ने बुआई के लिए ड्रोन बनाकर हर किसी को हैरान कर दिया था. यह ड्रोन 50 लीटर तक दवा लेकर हवा में उड़ सकता था. लेकिन सरकार की नई ड्रोन नीति से अभिनव को रास नहीं आई और वह देश छोड़कर ऑस्ट्रेलिया चला गया. पढ़िये खास रिपोर्ट-

jabalpur drone man Abhinav thakur
जबलपुर ड्रोन मैन अभिनव

जबलपुर ड्रोन मैन अभिनव

जबलपुर। नई ड्रोन नीति में इतने कड़े प्रावधान बनाए गए हैं कि केवल बड़े उद्योगपति ही भारत में ड्रोन बना सकेंगे और इनके इस्तेमाल को लेकर भी कड़े कानून बनाए गए हैं. भारत में कोई भी आयातित ड्रोन का इस्तेमाल नहीं कर सकता. जबलपुर के अभिनव सिंह ठाकुर ने मध्य प्रदेश में पहली बार 50 लीटर वजन उठाने वाले ड्रोन का इस्तेमाल करके खेती में नया प्रयोग किया था. लेकिन नई ड्रोन नीति के बाद अब अभिनव अपने काम को आगे जारी नहीं रख पाए और अंतत उन्हें भारत को छोड़कर अपने काम को ऑस्ट्रेलिया में आगे बढ़ने का फैसला लिया.

आधुनिक खेती की समस्याएं

जो लोग खेती किसानी करते हैं उन्हें इस बात का अंदाजा होगा कि आजकल की खेती में कीटों का प्रकोप ज्यादा होने लगा है और कई किट ऐसे हैं जिनका तुरंत नियंत्रण न किया जाए तो वह पूरी फसल को बर्बाद कर देते हैं. इनके कई रासायनिक और प्राकृतिक निदान भी हैं, लेकिन कृषि मजदूरों की लगातार घटती तादाद की वजह से किसान जानते हुए भी खेती में दबा का छिड़काव नहीं करवा पाता.

देश छोड़कर ऑस्ट्रेलिया गया ड्रोन मैन

मध्य प्रदेश में पहला ड्रोन इस्तेमाल

जबलपुर के पाटन इलाके में एक किसान परिवार में अभिनव सिंह ठाकुर नाम के एक युवा ने इंजीनियरिंग की और जब उसने देखा कि अपने आसपास के किसान खेती में कीट पतंग के प्रकोप की वजह से अपनी आंखों के सामने फसलों को खराब होता हुआ देख रहे हैं. तो उसने काफी सोच विचार करने के बाद इस समस्या के निदान के लिए ड्रोन की तकनीक पर काम करना शुरू किया. कुछ साल पहले तक भारत में जो ड्रोन इस्तेमाल होते थे उनमें ज्यादातर छोटे ड्रोन थे, जिसमें कैमरे लगे होते थे और इन ड्रोन का इस्तेमाल वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए किया जाता था.

50 लीटर तक कीटनाशक उठाने की क्षमता

अभिनव ने एक बड़ा ड्रोन तैयार किया जिसके जरिए कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जा सके. शुरुआत में अभिनव का ड्रोन छोटा था लेकिन उसने लगातार कोशिश करते हुए अपने ड्रोन को 50 लीटर तक कीटनाशक उठाने की क्षमता का बना लिया. अभिनव सिंह ठाकुर ने अपने इस जुनून को ही जीवन यापन का जरिया बनाने का सोचा और उसने ऐसे और ड्रोन तैयार किया और इसके पहले कि वह इन्हें बेचने के लिए बाजार तैयार करता उससे पहले ही सरकार की ड्रोन नीति आ गई.

सरकार की ड्रोन नीति के बाद बंद हुआ उद्योग

सरकार की नई ड्रोन नीति में कई ऐसे प्रावधान हैं जिसकी वजह से भारतीय ड्रोन निर्माता के सामने चुनौतियां खड़ी हो गई. सरकार किसानों को ड्रोन खरीदने की सब्सिडी दे रही है और किसानों को ₹5,00,000 तक की सब्सिडी मुहैया की जा रही है, इसमें एक शर्त यह है कि ड्रोन भारत में ही बना होना चाहिए. ड्रोन का आयात पूरी तरह से बंद है और कोई भी विदेश से ड्रोन आयात नहीं कर सकता. ऐसी स्थिति में अभिनव के सामने संकट खड़ा हो गया. क्योंकि ड्रॉन को असेंबल तो भारत में ही कर रहे थे लेकिन इसके बहुत सारे कलपुर्जे उन्हें आयात करने पड़ते थे.

खेती में प्रयोग के लिए अभिनव ने बनाए ड्रोन

लाइसेंस की प्रक्रिया काफी महंगी

अभिनव का कहना है कि ''अभी जो कंपनियां प्रधानमंत्री की ड्रोन योजना के तहत किसानों को ड्रोन मुहैया करवा रही हैं वे खुद ड्रोन नहीं बना रहीं, बल्कि सामान को चोरी छुपे विदेश से आयात करती हैं और फिर उन पर अपना लेवल लगाकर उन्हें बेच देती हैं.'' अभिनव ने फोन पर ईटीवी भारत को बताया कि ''उसने भी कोशिश की थी लेकिन लाइसेंस की प्रक्रिया इतनी महंगी है कि वह इतना निवेश नहीं कर पाया.''

भारत छोड़कर चला गया उत्साही इंजीनियर

इस उत्साही नौजवान ने बाकायदा एक कंपनी बना ली थी और उसे उम्मीद थी की उसकी यह कोशिश सफल होगी. लेकिन सरकार की नीतियों की वजह से अभिनव अपने प्रयास को सफल नहीं कर पाया और उसने अंततः भारत को छोड़ दिया और ऑस्ट्रेलिया में जाकर अब वह अपने प्रयास को आगे बढ़ा रहा है. अभिनव ने सोशल मीडिया के जरिए हमें बताया कि ''ऑस्ट्रेलिया की नीतियां ऐसी हैं कि उसका यह प्रयास वहां सफल हो जाएगा.'' अभिनव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए यह जानकारी उपलब्ध करवाई.

अभिनव ने दूसरे गैजेट्स भी बनाए

अभिनव केवल ड्रोन की तकनीक पर ही काम नहीं कर रहे थे बल्कि उन्होंने किसानों के उपयोग के लिए कई दूसरे गैजेट्स भी बनाए थे. जिसमें उन्होंने एक गैजेट बनाया था जिसके जरिए केवल जरूरत पर ही खेत में पानी चालू होता था और यदि खेत की नमी बरकरार रहती थी, तो यह गैजेट अपने आप पानी की सप्लाई रोक देता था.

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अभिनव का भारत छोड़ना नुकसानजनक

समाज में प्रयोग धर्मी कम लोग होते हैं. बहुत कम लोग होते हैं जो जोखिम उठाकर नई तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. कई बार जोखिम उठाकर शुरुआत करने वाले असफल होते हैं लेकिन इन्हीं उत्साही लोगों की वजह से नई तकनीक समाज तक पहुंच पाती है. लेकिन यदि ऐसे उत्साही लोगों को हतोत्साहित कर दिया जाए तो इसका नुकसान केवल उन्हें नहीं बल्कि पूरे समाज को उठाना पड़ता है. अभिनव का भारत छोड़कर जाना इस पूरे इलाके के किसानों के लिए नुकसान जनक है क्योंकि अब बहुत दिनों तक कोई ड्रोन के इस्तेमाल का जोखिम नहीं उठायेगा.

Last Updated : Feb 28, 2024, 3:32 PM IST

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