पर्यावरण प्रेमी प्रताप पोखरियाल को ग्लोबल ग्रीन अवार्ड 2020 से किया गया सम्मानित

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Published : Jan 7, 2021, 11:23 AM IST

Pratap Pokhriyal news

पोखरियाल ने साल 1973 ने डुंडा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले अपने गांव भैंत में 56 प्रजातियों के पौधे लगाए, जो आज ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं.

उत्तरकाशी: पर्यावरण प्रेमी प्रताप पोखरियाल (63) को जयपुर की लाइफ लाइन एनवायरमेंट सोसायटी ने ग्लोबल ग्रीन अवार्ड 2020 से नवाजा है. प्रताप पोखरियाल बीते 47 सालों से पर्यावरण संरक्षण के लिए निस्वार्थ भाव से लगातार काम कर रहे हैं. पोखरियाल को वृक्ष मानव भी कहा जाए तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. क्योंकि उन्होंने उत्तरकाशी जनपद में 5 वन तैयार किये हैं.

पर्यावरण प्रेमी प्रताप पोखरियाल को ग्लोबल ग्रीन अवार्ड 2020 से किया गया सम्मानित .

पोखरियाल ने उत्तरकाशी जिले में जो पांच वन तैयार किए हैं, उनमें सबसे अहम जनपद मुख्यालय में वरुणावत पर्वत पर तैयार किया 250 से अधिक पेड़ पौधों और जड़ी-बूटियों प्रजाति का श्याम स्मृति वन है. जिसे वह जैव विविधता शोध केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं.

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पोखरियाल ने ग्लोबल ग्रीन अवार्ड 2020 से सम्मानित पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि उनके लिए पर्यावरण संरक्षण आंदोलन है. पर्यावरण सरक्षंण की प्रेरणा उन्हें अपने पिता श्याम पोखरियाल से मिली थी. इसलिए उन्होंने अपने पिता की स्मृति में वर्ष 2002 में वरुणावत तलहटी में 40 हेक्टेयर भूमि पर श्याम स्मृति वन तैयार किया है.

पोखरियाल ने साल 1973 ने डुंडा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले अपने गांव भैंत में 56 प्रजातियों के पौधे लगाए, जो आज ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. साल 1980 में वह आजीविका चलाने उत्तरकाशी आये और यहां पर मोटर मैकेनिक का काम करने लगे. उसके बाद उन्होंने साल 2002 में श्याम स्मृति वन तैयार किया. लेकिन वह 2003 वरुणावत पर्वत के भू-स्खलन में तबाह हो गया. इसके बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और स्थिति सामान्य होने पर उन्होंने दोबारा वरुणावत की तलहटी में 40 हेक्टेयर जमीन पर 250 से अधिक पेड़- पौधों, जड़ी-बूटियों और उच्च हिमालय से मैदानी क्षेत्रों में होने वाली पौध का मिश्रित वन तैयार किया. जहां पर आज भी कॉलेज और स्कूली छात्र वनस्पति विज्ञान की जानकारी और शोध के लिए आते हैं.

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