बमबारी में सबकुछ खो चुकी यूक्रेनी महिला पहुंची उत्तरकाशी, बेटी को सरकारी अस्पताल में मिला 'जीवनदान'

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Published : May 20, 2022, 1:27 PM IST

Updated : May 20, 2022, 6:09 PM IST

Uttarkashi

उत्तरकाशी में रेडक्रॉस टीम के चेयरमैन माधव जोशी (Red Cross team chairman Madhav Joshi) व जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसडी सकलानी ने यूक्रेनी महिला की 6 साल की बच्ची का निःशुल्क अपेंडिक्स (Appendix) का सफल ऑपरेशन किया. जिला अस्पताल और रेडक्रॉस टीम के इस कार्य की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है.

उत्तरकाशी: यूक्रेन से किसी तरह जान बचाकर इन दिनों उत्तरकाशी में शरण लिए यूक्रेनी महिला की मदद करने को आगे आई रेडक्रॉस टीम के कार्यों की हर जगह सराहना हो रही है. यहां गत बुधवार रात को रेडक्रॉस टीम के चेयरमैन माधव जोशी व जिला अस्पताल के सीएमएस व सर्जन डॉ. एसडी सकलानी ने यूक्रेनी महिला साफी की छह वर्षीय बच्ची का सफल ऑपरेशन करवाकर एक मिसाल कायम की है. इस कार्य में जिला अस्पताल और रेडक्रॉस टीम की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है.

बता दें, यूक्रेन व रूस के मध्य चल रहे युद्ध के बीच में गत माह एक यूक्रेनी परिवार अपने चार बच्चों को लेकर उत्तरकाशी पहुंचा है. ये लोग इन दिनो सैंज कुमालल्टी में स्थित पायलेट बाबा के आश्रम में शरण लिए हैं. बीते मंगलवार की देर रात को यूक्रेनी महिला की सबसे छोटी बेटी अभया के पेट में अचानक तेजी से दर्द हुआ. महिला के परिवार के अधिकांश सदस्य चिकित्सक हैं. इस पर उन्होंने यूक्रेन में वार्ता कर उनसे सलाह ली. बातचीत में उन्होंने अपेंडिक्स (Appendix) की शिकायत होने की बात कहकर तत्काल अस्पताल ले जाने की बात कही, लेकिन आर्थिक तंगी से गुजर रही महिला के पास जब अल्ट्रासांउड व दवाइयों के लिए भी पैसे नहीं थे, तो वह रेडक्रॉस कार्यालय पहुंची. वहां पर उनकी मुलाकात चेयरमैन माधव प्रसाद जोशी से हुई.

यूक्रेन की शरणार्थी बच्ची को उत्तरकाशी में हुआ अपेंडिक्स का दर्द

महिला की समस्या को देख उन्होंने तत्काल महिला को सीएमओ डॉ केएस चौहान के पास दिखाया. उन्होंने बच्ची के पेट में अपेंडिक्स की शिकायत होने की बात कही. जिसके बाद रेडक्रॉस के सदस्य संतोष सकलानी ने महिला की बेटी के नाम से पंजीकरण किया और अल्ट्रासाउंड की फीस 570 रुपए जमा कर जांच कराई. दोपहर बाद अल्ट्रासाउंड होने के बाद जब डॉक्टरों ने बच्ची का ऑपरेशन करने की बात कही, तो महिला परेशान हो गई. महिला की परेशानी को देख चेयरमैन माधव जोशी व आकाश भट्ट, सीएमएस डॉ एसडी सकलानी के पास पहुंचे और उनसे मदद मांगी. जिस पर सीएमएस ने भी पूर्ण सहयोग देकर निःशुल्क ऑपरेशन की बात कही.
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उन्होंने रात 8 बजे बच्ची का सफल ऑपरेशन किया और उसकी जान बचा ली. इस पर साफी ने यूक्रेन में परिवार के सदस्यों को जानकारी दी तो वह भी काफी खुश हुए और रेडक्रॉस व अस्पताल प्रशासन का आभार जताया. चेयरमैन माधव जोशी ने कहा कि रेडक्रॉस के राज्य प्रतिनिधि जुगल किशोर, नवीन रावत, डॉ. अशोक ठाकुर ने इस कार्य में उनकी काफी मदद की है. वहीं, इस कार्य के लिए डीएम अभिषेक रूहेला सहित जनपद के लोगों ने टीम के कार्यों की सराहना की है.

रेडक्रॉस में पहुंचे मदद के लिए: पैसे की तंगी के बीच साफी बच्चों के साथ रेडक्रॉस सोसायटी उत्तरकाशी में भी मदद के लिए पहुंची. इस दौरान रेडक्रॉस के चेयरमैन माधव प्रसाद जोशी ने दंपति को हाइजीन किट उपलब्ध कराई. जोशी ने बताया कि यूक्रेन के दंपति की पूरी सहायता की जाएगी.

पायलट बाबा की शिष्य है महिला: दरअसल, ये महिला लगभग एक महीने पहले भारत आई थी. इससे पहले ये आज से ठीक 10 साल पहले अपने बेटे के जन्म पर भारत आई थी और तब इसने पायलट बाबा को अपना गुरू बना लिया था. महिला पेशे से इंजीनियर है और यूक्रेन के कीव शहर में ही काम करती है. महिला के साथ उसके चार बच्चे भी यहां आए हैं, जिसमें तीन बेटियां और एक बेटा है.
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ऑपरेशन से एक हफ्ते पहले यूक्रेन से महिला के पति भी उत्तरकाशी पहुंच गए हैं. जब यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध छिड़ा तो महिला ने यहां पायलट बाबा से संपर्क किया. पायलट बाबा ने उन्हें भारत आने के साथ-साथ अपने आश्रम में आने की सलाह दी. फिलहाल, उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था पायलट बाबा का आश्रम कर रहा है. वहीं, महिला और अस्पताल में भर्ती उनकी बेटी की देखभाल फिलहाल रेड क्रॉस संस्था कर रही है. बच्ची को दो दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.

यूक्रेन से पलायन जारी: बता दें, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. इस बीच यूक्रेन से नागरिक वहां से लगातार पलायन कर रहे हैं. कीव शहर ने भारत आईं साफी ने बताया कि यूक्रेन में अब भी नागरिकों को मारा जा रहा है. वहां के हवाई अड्डे ध्वस्त कर दिए गए हैं. वो अभी यूक्रेन वापस नहीं जा सकते, जब युद्ध छिड़ा तो उन लोगों के सामने जान बचाने की चुनौती थी. उत्तरकाशी में भगवान के दर पहुंचकर अच्छा लग रहा है.

महिला ने बताया है कि, कीव शहर में उनके दो बड़े फ्लैट पूरी तरह तबाह हो गए हैं. फिलहाल महिला के पिता, जो पेशे से डॉक्टर हैं, वो अभी वहीं पर हैं और लगातार वीडियो कॉल के माध्यम से बच्चों और अपनी बेटी से बात कर रहे हैं. वो अपने वतन कब लौटेंगे ये उन्हें भी नहीं पता लेकिन इतना जरूर है कि उत्तरकाशी आकर फिलहाल वो अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही हैं.

Last Updated :May 20, 2022, 6:09 PM IST
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