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उत्तरकाशी के विश्वनाथ मंदिर में खेली गई भस्म की होली, औघड़ अंदाज में दिखे भक्त

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Published : Mar 17, 2022, 6:23 PM IST

Updated : Apr 5, 2022, 1:18 PM IST

Bhasma Holi played in Kashi Vishwanath Temple
काशी विश्वनाथ मंदिर में खेली गई भस्म की होली

उत्तरकाशी में इन दिनों होली का रंग छाया हुआ है. इसी कड़ी में काशी विश्वनाथ मंदिर में भस्म की होली खेली गई. जिसमें गंगोत्री विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक सुरेश चौहान सहित स्थानीय लोगों ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया.

उत्तरकाशी: लोगों में होली का खुमार पूरे शबाब पर है. जिले में विभिन्न जगहों पर होली का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. वहीं, काशी विश्वनाथ मंदिर में आज भस्म की होली खेली गई. जिसमें गंगोत्री विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक सुरेश चौहान सहित स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया.

संवेदना समूह के होली मिलन कार्यक्रम में अबीर गुलाल के रंग उड़ने के साथ ही होली के गीतों की धूम रही. केदार घाट पर संवेदना समूह कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया. वहीं देर शाम हनुमान चौक में होलिका दहन किया गया.

होली के पावन पर्व पर आज काशी विश्वनाथ मंदिर में उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर भस्म की होली खेली गई. बड़ी संख्या में श्रद्धालु विश्वनाथ मंदिर पहुंचे. यहां पर बाबा विश्वनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के बाद भस्म से होली खेली गई और श्रद्धालुओं ने ढोल-नगाड़ों पर जमकर नृत्य किया.

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इस मौके पर मंदिर के महंत अजय पुरी, खुशाल चौहान, महेश गंगाड़ी, संजय पंवार, मोहन डबराल, किरण पंवार आदि अनेक लोग मौजूद रहे. वहीं, दूसरी ओर नव निर्वाचित विधायक सुरेश चौहान के घर पर भी होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

वहीं, नगर में घूमती होल्यारों की टोलियों ने लोगों को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं. नगर पालिका कॉम्पलेक्स में संवेदना समूह की ओर से होली मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर समूह के कलाकारों ने ‘ऐगे फागुन को त्योहार, खेला होली भर पिचकारी रंग डारो रे, होली आई रसिया, ‘ऐगे बसंत बयार फागुन होली को त्योहार आदि होली के गीतों से रंग जमा दिया.

कार्यक्रम में शामिल लोगों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं. देर शाम नगर के हनुमान चौक पर संवेदना समूह एवं स्थानीय व्यापारियों ने होलिका दहन किया. इस मौके पर लोगों को प्रसाद वितरित करने के साथ ही लोकगीत एवं नृत्य कार्यक्रमों की धूम रही.

मान्यता है कि उत्तरकाशी के विश्वनाथ मंदिर के दर्शनों का फल वाराणसी के काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शनों के समतुल्य ही होता है. काशी विश्वनाथ का ये मंदिर साल भर भक्तों के लिए खुला रहता है. गंगोत्री धाम जाने से पहले इन्हीं बाबा विश्वनाथ के दर्शन ज़रूरी माने जाते हैं. मंदिर के ठीक सामने मां पार्वती त्रिशूल रूप में विराजमान हैं.

Last Updated :Apr 5, 2022, 1:18 PM IST
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