Tehri Gaon Vapsi संवाद का हुआ समापन, प्रवासियों को गांव लौटने का संदेश
Published: Mar 13, 2023, 10:34 AM


Tehri Gaon Vapsi संवाद का हुआ समापन, प्रवासियों को गांव लौटने का संदेश
Published: Mar 13, 2023, 10:34 AM
अहमदाबाद में रहने वाले प्रवासी डॉ. वीरेंद्र रावत ने अपने हिरवाल गांव में गांव वापसी संवाद कार्यक्रम का आयोजन करके सभी प्रवासियों को अपने गांव वापस लौटने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि 2047 तक गांव वापसी संवाद कार्यक्रम के तहत यह संदेश दिया जा रहा है कि आने वाली पीढ़ियां को पलायन न करना पड़े. सारी सुविधाएं गांव में ही उपलब्ध हों. क्योंकि गांव मजबूत होंगे तो भारत मजबूत होगा.
टिहरी: प्रवासी डॉ. वीरेंद्र रावत ने कहा कि यह गांव वापसी संवाद कार्यक्रम करवाने के पीछे उन लोगों को संदेश देना था जो अपने गांव को छोड़कर अन्य शहरों में रह रहे हैं. और गांव के गांव खाली हो रहे हैं. उन्हें इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश देने का काम किया जा रहा है कि सभी प्रवासी लोग अपने घरों को लौट कर अपने मूल जगहों पर काम करें. क्योंकि पहाड़ों में रोजगार के बहुत साधन हैं. बस जरूरत है तो ऐसे लोगों की जो गांव लौट कर स्वरोजगार करके अन्य लोगों को भी रोजगार देने का काम करें, जिससे पलायन रुक सके.
लोगों ने इस पहल की खूब प्रशंसा की: इस गांव वापसी संवाद कार्यक्रम में 150 से अधिक बुद्धिजीवी प्रवासियों ने अपने-अपने क्षेत्र में किये गए कार्यों को ग्रामीणों के साथ साझा किया. सभी बुद्धिजीवी प्रवासियों ने संयोजक डॉ वीरेंद्र रावत के द्वारा गांव वापसी संवाद कार्यक्रम की शुरुआत करने को लेकर प्रशंसा की. लोगों ने कहा कि यह पहल बहुत अच्छी पहल है. भविष्य में सभी लोग इस तरह के कार्यक्रम से सीख लेकर बाहर रहने वाले प्रवासियों को संदेश देने का काम करेंगे. जिससे बाहर रह रहे प्रवासी अपने गांव वापस आकर गांव को आबाद करने का काम करेंगे.
2047 तक का लक्ष्य: डॉ वीरेंद्र रावत ने कहा कि भारत विश्व गुरु बनाने की राह में है. 2047 तक गांव वापसी संवाद कार्यक्रम के तहत गांवों में समृद्धि, हरियाली और रोजगार पैदा करना है. जिससे आने वाली पीढ़ियों को पलायन न करना पड़े और सारी सुविधाएं गांव में ही उपलब्ध हों. क्योंकि गांव मजबूत होंगे तो भारत मजबूत होगा. भारत की संस्कृति गांव में बसती है और इस कार्यक्रम से लोग प्रेरणा लेंगे. जब राजा भगीरथ अपने पूर्वजों के लिए गंगा मां को धरती पर ला सकते हैं तो हम अपने पूर्वजों के घर और खेत-खलिहान को आबाद करने का काम क्यों नहीं कर सकते.
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सरकार को लेनी चाहिये सीख: श्रुति लखेड़ा ने कहा कि हमें गांव वापसी संवाद जैसे कार्यक्रमों की बहुत आवश्यकता है. मैं साधुवाद धन्यवाद देती हूं इस कार्यक्रम को करने वाले संयोजक डॉ वीरेंद्र रावत को, जिन्होंने इस कार्यक्रम की शुरुआत और पहल की. पलायन रोकने के लिए इसी तरह की पहल भारत सरकार और राज्य सरकार को भी करनी चाहिए. जिससे पलायन रुके, साथ ही इस कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराखंड के समृद्ध प्रवासियों से आव्हान किया कि आइए उत्तराखंड देव भूमि को आपकी जरूरत है.
