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THDC और पुनर्वास विभाग के बीच त्रिशंकु बने टिहरी बांध प्रभावित, हाई पावर कमेटी के फैसले भी लटके

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Published : Oct 6, 2022, 7:31 AM IST

Tehri News
टिहरी समाचार

दो विभागों की खींचतान का खामियाजा टिहरी बांध प्रभावितों को भुगतना पड़ रहा है. टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग की संवादहीनता टिहरी बांध प्रभावित 231 पूर्ण विस्थापित परिवारों के विस्थापन में रोड़ा बनी है. हालत ये है कि केंद्रीय हाई पावर कमेटी के फैसलों की भी इन दोनों विभागों के अफसरों को चिंता नहीं है.

टिहरी: टिहरी बांध प्रभावित 231 पूर्ण विस्थापित परिवारों के विस्थापन के लिए टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग के बीच सही समन्वय नहीं बन पा रहा है. इस कारण विस्थापन की प्रक्रिया में देरी हो रही है. अभी तक टीएचडीसी ने महज नंदगांव के 24 पूर्ण विस्थापित परिवारों के लिए 28.36 करोड़ की धनराशि ही जारी की है. हालांकि पुनर्वास विभाग भी इस धनराशि से 9 करोड़ ही खर्च कर पाया है. ऐसे में दोनों एजेंसियों को आपसी समन्वय बनाकर प्रभावित परिवारों को धनराशि उपलब्ध करानी होगी.

केंद्रीय हाई पावर कमेटी ने लिया था ये फैसला: आपको बता दें कि टिहरी बांध प्रभावित 415 चिन्हित परिवारों के विस्थापन के लिए गत वर्ष केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की अध्यक्षता में हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में सम्पार्श्विक क्षतिनीति (झील के कारण भूस्खलन से प्रभावित परिवारों के लिए बनाई गई नीति) के तहत एकमुश्त 74.40 लाख रुपये प्रति परिवार दिए जाने का निर्णय हुआ था.
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उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के विशेष प्रयास पर रौलाकोट के 120 परिवारों को जमीन के बदले जमीन देने का भी निर्णय हुआ था. चिन्हित परिवारों के विस्थापन के लिए सरकार के निर्देश पर टीएचडीसी इंडिया की टिहरी इकाई को 252 करोड़ रुपये मिले हैं. लेकिन अभी तक विस्थापन की प्रक्रिया कछुआ गति से चल रही है.

ये था मुआवजे का हिसाब: पुनर्वास विभाग के ईई धीरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि अब तक नंदगांव के 24 पूर्ण प्रभावित परिवारों के लिए 28.36 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भेजे हैं. इसके अलावा सिल्ला उप्पू के 14 परिवारों के लिए 19.23 करोड़, खांड-धारमंडल के 32 परिवारों के लिए 53.39 करोड़, गडोली के 38 परिवारों के लिए 37.66 करोड़, उठड़ के 17 परिवारों के लिए 21.64 करोड़, भटकंडा के 25 परिवारों के लिए 29.85 करोड़ कुल 118 पूर्ण से प्रभावित परिवारों के विस्थापन के लिए 191.33 करोड़ की धनराशि की डिमांड की गई है. इनमें से 28.36 करोड़ रुपये मिल चुके हैं, जबकि 162.97 करोड़ रुपये टीएचडीसी को और देने हैं.

वहीं रौलाकोट के 113 परिवारों को लॉटरी के माध्यम से भूखंडों का आवंटन किया गया है. धीरेंद्र नेगी ने कहा कि प्रस्ताव के अनुसार टीएचडीसी जितनी जल्दी धनराशि उपलब्ध कराएगी, उतनी जल्द ही विस्थापन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

सामाजिक कार्यकर्ता क्या कहते हैं: वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सागर भंडारी ने टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग पर आरोप लगाए हैं कि यह सिर्फ ग्रामीणों को झूठे आश्वासन देती रहती हैं. विस्थापन के नाम पर यह बार-बार गुनाह करते हैं. आज तक ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिल पाया है. जिन 415 परिवारों की बात कर रहे हैं, उनको लेकर दिल्ली की हाई पावर कमेटी ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि तत्काल 1 महीने के अंदर इनका विस्थापन करें. लेकिन हाई पावर कमेटी की बैठक हुए 6 महीने से अधिक का समय हो गया. इसके बावजूद पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी का आपसी तालमेल नहीं हो पाया है. इस कारण प्रभावित ग्रामीणों को खामियाजा उठाना पड़ रहा है. सागर भंडारी ने कहा कि अगर जल्दी ही इन 415 परिवारों के मामले में हाई पावर कमेटी के द्वारा लिए गए निर्णय और पुनर्वास नीति के तहत और साथ ही हनुमान राव कमेटी का नियम लागू नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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स्थानीय विधायक किशोर उपाध्याय ने क्या कहा: टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय का कहना है कि टिहरी बांध से प्रभावितों में पूर्ण रूप से प्रभावित परिवारों को 74.40 लाख और आंशिक प्रभावित परिवारों को नुकसान के सर्वे के बाद धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी. टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द धनराशि बांटकर लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया संपन्न कराएं.

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