ETV Bharat / state

Tehri Dam Project के अधिशासी निदेशक ने संभाला कार्यभार, बताई अपनी प्राथमिकता

author img

By

Published : Feb 2, 2023, 5:42 PM IST

Updated : Feb 2, 2023, 10:06 PM IST

tehri
tehri

टिहरी बांध परियोजना के नये अधिशासी निदेशक एलपी जोशी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करना उनकी पहली प्राथमिकता है. साथ ही उन्होंने टिहरी बांध से जुड़ी विकास की रूपरेखा के बारे में भी बताया.

टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक से खास बातचीत.

टिहरी: 42 वर्ग किलोमीटर में फैली एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध परियोजना के नवनियुक्त अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कार्यभार ग्रहण किया. इस दौरान ईटीवी भारत ने जोशी से उनके कार्यों और विजन को लेकर बातचीत की. बातचीत में उन्होंने बताया कि मेरी पहली प्राथमिकता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करना है. साथ ही टिहरी बांध के विकास को लेकर अपनी रूपरेखा बताई.

एलपी जोशी ने कहा टिहरी बांध परियोजना के अंतर्गत तीन प्रोजेक्ट आते हैं. प्रथम चरण एचपी है, जो 2000 मेगा वाट का हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट है. जिसको हमने 2006 में कमीशन किया था. जिससे हम 1000 मेगावाट की बिजली उत्तरी ग्रिड को दे रहे हैं. भारत के 9 राज्यों को उनके शेयर के अनुसार बिजली दे रहे हैं.

दूसरा चरण कोटेश्वर परियोजना है, जो 400 मेगावाट की है. जिससे 400 मेगावाट की बिजली का उत्पादन हो रहा है और उसे भी हम नॉर्दन ग्रिड को बिजली दे रहे हैं. तीसरा चरण पंप स्टोरेज प्लांट है, जो अभी निर्माणाधीन है. हमारी पूरी कोशिश है कि उसे हम निर्धारित समय पर पूरा कमिश्निंग करके और उनकी जो फायदे हैं, बिजली प्रदान करेंगे जो सबसे महत्वपूर्ण है. आजकल जो बिजली का सिनेरियो है. भारत के अंदर उसमें स्टोरेज की बहुत इंपोर्टेंट बढ़ गई है. जिनमें भारत सरकार और राज्य सरकार काम कर रही है.
ये भी पढ़ें: THDC India: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अधिशासी निदेशक बने एलपी जोशी, पदभार किया ग्रहण

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि 2030 तक 500 जीगा वाट रिनुअल एनर्जी को नॉर्दन के पूरे ग्रिड के अंदर लाना है. उस लक्ष्य को पाने के लिए हमको हाइड्रो प्रोजेक्ट को इंप्लीमेंट करना है. पावर रेनवाल एनर्जी पावर है, वह सबसे बड़ा मुख्य स्रोत है और हाइड्रो भी इसका मुख्य बड़ा स्रोत है. इसमें हम 1000 मेगावाट स्थापित करेंगे, जो हमारे पास है. ग्रिड के अंदर 1000 मेगावाट की क्षमता आ जाएगी. जो भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगी. इससे जो हमारी रिन्यूअल एनर्जी पावर जो समस्याएं पैदा हो रही है. उसमें काफी हद तक समस्याएं दूर होंगी.

उन्होंने कहा अरुणाचल प्रदेश भारत और चाइना के बीच का एक मुख्य भाग है. जहां पर हाइड्रो की अपार संभावनाएं हैं. भारत सरकार ने टिहरी बांध परियोजना के अच्छे कार्यों को देखते हुए अरुणाचल में दो प्रोजेक्ट दिए हैं, जिसमें एक प्रोजेक्ट 1200 मेगावाट का है और दूसरा 1750 मेगावाट का है. यह परियोजना पहले किसी प्राइवेट डेवलपर के पास थी, जिन्हें अब टीएसडीसी को दिया गया है. अब इसमें अरुणाचल सरकार से जल्दी ही अनुमति मिलने के बाद तत्काल कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

एलपी जोशी ने कहा झील के आसपास गांव में जो दरार पड़ी हैं, इसको लेकर उत्तराखंड सरकार उन गांवों का भू वैज्ञानिकों की टीम से सर्वे करवा रही है. वैज्ञानिकों की टीम 5 दिनों से सर्वे कर रही है, जिसमें आईआईटी रुड़की, टीएचडीसी, सर्वे ऑफ इंडिया, जेएसआई के विशेषज्ञ सर्वे कर रही है. जैसे ही इन वैज्ञानिकों की रिपोर्ट प्राप्त होगी तो उत्तराखंड और भारत सरकार के निर्देश पर पुनर्वास नीति के तहत उन गांव का विस्थापन किया जाएगा.

Last Updated :Feb 2, 2023, 10:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.