बिना E-Pass केदारनाथ नहीं जाने दिया तो रोने लगी महाराष्ट्र की महिला, गिड़गिड़ा रहे यात्री

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Published : Oct 2, 2021, 7:02 PM IST

Updated : Oct 2, 2021, 10:39 PM IST

woman yatri crying

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा तो शुरू कर दी गई है, लेकिन सीमित संख्या में दर्शन और ई-पास की अनिवार्यता हजारों यात्रियों को मायूस कर रही है. आज महाराष्ट्र से पहुंची एक महिला यात्री को बिना ई-पास केदारनाथ नहीं जाने देने पर वो फूट-फूट कर रोयी.

रुद्रप्रयागः चारधाम यात्रा में ई-पास की अनिवार्यता के चलते हजारों यात्री बाबा केदार के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. पुलिस बिना ई-पास वाले यात्रियों को वापस भेज रही है. देश के कोने-कोने से आए यात्री पुलिस प्रशासन के सामने केदारनाथ जाने की मिन्नतें कर रहे हैं. इतना ही नहीं यात्री गिड़गिड़ाते हुए धाम जाने की जिद कर रहे हैं. ऐसा ही नजारा कुंड में देखने को मिला. यहां महाराष्ट्र से आई एक महिला यात्री फूट-फूट कर रोयी. महिला का कहना है कि वो इतने दूर से आई है, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया. इसका जिम्मेदार उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को ठहराया. वहीं, यात्रियों ने केदारनाथ हाईवे पर चक्का जाम किया.

भले ही हाईकोर्ट के निर्णय के बाद उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को खोल दिया है, लेकिन यात्रा खोलने का लाभ हजारों तीर्थयात्रियों को नहीं मिल पा रहा है. हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार एक दिन में 800 तीर्थ यात्री ही केदारनाथ जा सकते हैं. इन सभी यात्रियों के पास ई-पास होना जरूरी है. जबकि, ई-पास पहले ही 15 अक्टूबर तक फुल हो चुके हैं. ऐसे में हजारों की संख्या में यात्रियों को ई-पास नहीं मिल पा रहे हैं और यात्री बाबा केदार के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं.

बिना E-Pass केदारनाथ नहीं जाने दिया तो रोने लगी महाराष्ट्र की महिला

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बाहरी राज्यों के यात्री हो रहे परेशानः गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में तीर्थ यात्री बाबा केदार के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. ई-पास न होने के कारण यात्रियों को जगह-जगह रोका जा रहा है और उन्हें वापस भेजा जा रहा है. यात्री प्रशासन और पुलिस के सामने केदारनाथ जाने को लेकर रो-रोकर गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी जा रही है और उन्हें वापस लौटाया जा रहा है.

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फूट-फूट कर रोयी महिलाः शनिवार को भी महाराष्ट्र से पहुंची एक महिला यात्री को बिना ई-पास केदारनाथ धाम जाने नहीं दिया गया. इससे मायूस होकर महिला फूट-फूट कर रोयी. महिला का कहना है वो सुबह से बिना खाए लाइन में लगी, लेकिन जब उसका नंबर आया तो ई-पास मांगा गया. वो इतने दूर से पहुंची है, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया. महिला ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कैसा नियम बनाया है? उनके यहां तो ऐसा नहीं होता है.

यात्रियों ने किया हाईवे जामः कुंड में यात्रियों ने स्थानीय जनता के साथ मिलकर केदारनाथ हाईवे को जाम कर दिया. इस बीच यात्री केदारनाथ धाम जाने की जिद पर अड़े रहे. हाईवे पर चार घंटे से अधिक समय तक जाम लगा रहा. हजारों यात्री और स्थानीय जनता जाम में फंसी रही और हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. आक्रोशित यात्री बीच हाईवे पर धरने पर बैठ गए. यात्रियों का कहना है कि वो हजारों रुपये खर्च करके केदारनाथ के दर्शनों के लिए आए हैं, लेकिन उन्हे दर्शन कराने के बजाय वापस भेजा जा रहा है.

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बता दें कि बीते 16 सितंबर को नैनीताल होईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. ऐसे में श्रद्धालुओं और पर्यटकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है, लेकिन चारधाम में दर्शन की तय सीमित संख्या उन्हें निराश कर रही है. क्योंकि, बिना ई-पास के दर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है.

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बाहरी यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्यः चारधाम में रोजाना दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या भी निर्धारित की गई है. इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री धाम में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री ही रोजाना दर्शन कर पाएंगे. यात्रियों के रुझान के चलते रोजाना तय की गई संख्या के सापेक्ष 15 अक्टूबर तक की बुकिंग पहले ही हो चुकी है. वहीं, यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल की वेबसाइट smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. वहीं, उत्तराखंड के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है.

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ई-पास रजिस्ट्रेशन जरूरीः वहीं, ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http://badrinah-Kedarnath.uk.gov.in प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या फिर दोनों डोज वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जमा करना है. वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद ही यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी. जिन लोगों को दोनों डोज नहीं लगी होंगी, उन्हें अपनी कोविड RT-PCR की 72 घंटे पुरानी निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसके बाद ही उन्हें दर्शन का पास दिया जाएगा.

Last Updated :Oct 2, 2021, 10:39 PM IST
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