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टूटे पेड़ के सहारे नदी पार कर रहे घरड़ा के ग्रामीण, तुंगनाथ घाटी के 5 परिवारों पर मंडराया खतरा

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Published : Aug 26, 2022, 6:35 PM IST

Updated : Sep 16, 2022, 4:54 PM IST

Villagers crossing river
टूटे पेड़ के सहारे नदी पार

रुद्रप्रयाग के दूरस्थ क्षेत्र जखोली के घरड़ा गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. यहां पुल बह गया है. जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है. ऐसे में ग्रामीण जान जोखिम में डालकर उफनते हिलाऊं नदी को टूटे पेड़ों के सहारे पार कर रहे हैं.

रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में मॉनसून की बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. रुद्रप्रयाग जिले में आपदा पीड़ित गांवों का बुरा हाल है. बीत दिनों आई आई आपदा में गांवों को जोड़ने वाले पैदल मार्ग और पुल ध्वस्त हो गए हैं. ऐसे में ग्रामीण टूटे हुए पेड़ के सहारे उफान पर आई नदियों को जान जोखिम में डालकर आर पार कर रहे हैं. वहीं, भूधंसाव के चलते तुंगनाथ घाटी के पांच परिवारों पर खतरा मंडरा रहा है. उधर, जखोली क्षेत्र में अतिवृष्टि से करोड़ों का नुकसान हुआ है.

बता दें कि पहाड़ों में प्रत्येक मॉनसून सीजन आफत बनकर बरसता है. मॉनसून सीजन में जहां लोगों के घर और खेत खलिहान तबाह हो जाते हैं. वहीं, लिंक मार्गों के साथ ही पैदल संपर्क मार्गों को भी भारी नुकसान पहुंचता है. ऐसे में ग्रामीण जनता का जीवन पहाड़ जैसा ही बना रहता है. ऐसी ही कुछ स्थिति इन दिनों रुद्रप्रयाग के अनेक गांवों में बनी हुई हैं. घरड़ा गांव में बीते दिन आई आपदा से जहां ग्रामीणों के खेत खलिहान तबाह हो गए और पैदल मार्ग और पुल भी ध्वस्त हो गए. अब ग्रामीणों के सामने आवाजाही का संकट पैदा हो गया है.

टूटे पेड़ के सहारे नदी पार कर रहे घरड़ा के ग्रामीण

ग्रामीण जान जोखिम में डालकर उफान पर आई हिलाऊं नदी को एक लकड़ी की बल्ली के सहारे पार (Villager of Gharda Crossing River) कर रहे हैं. यहां एक गलती जीवन पर भारी पड़ सकती है. घरड़ा गांव से डरा देने वाली तस्वीरे सामने आई हैं, जिसे देखकर आपकी भी रूह कांप जाएगी. उफनती नदी के पार एक शिव मंदिर के साथ ही कई परिवार रहते हैं. बीते दिन अतिवृष्टि के चलते यहां पर पुल बह गया है और अब परेशानी बढ़ गई है. ग्रामीण दर्शन सिंह, जयमा देवी एवं जशोदा देवी ने कहा कि नदी के उफान पर आने से पुल बह गया है. उन्होंने प्रशासन से जल्द पुल निर्माण की मांग की है.
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तुंगनाथ घाटी के पांच परिवारों पर मंडरा रहे संकट के बादलः तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत मक्कू के राजस्व ग्राम गुजर ग्वाड़ के मध्य लगातार भू धंसाव होने से ग्रामीणों की फसलों, पैदल संपर्क मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा है. साथ ही यदि आने वाले दिनों में भू धंसाव जारी रहा तो पांच परिवार खतरे की जद में आ सकते हैं. एनपीसीसी के तहत निर्माणाधीन बरंगाली-पाबजगपुड़ा-मक्कू मोटर मार्ग को भारी क्षति पहुंच सकती है. केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने दूरभाष के माध्यम से स्थिति का जायजा लिया और ग्रामीणों को हरसंभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया है.

ग्राम प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने बताया कि ग्राम पंचायत मक्कू के अंतर्गत राजस्व ग्राम गुजर ग्वाड़ के मध्य विगत कई दिनों से भू धंसाव होने के कारण काश्तकारों की खेतों व फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है. अभी भी भू धंसाव लगातार जारी है. ग्रामीण इन्द्र सिंह नेगी, रमेश सिंह नेगी, पुष्कर सिंह नेगी, नीतिन सिंह नेगी व कमल सिंह नेगी के आवासीय भवन, गौशालाएं खतरे की जद में आ सकते हैं. उन्होंने बताया कि भू धंसाव के कारण तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के धाम से शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ जाने वाला पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को जान-जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है.

जखोली क्षेत्र में अतिवृष्टि से करोड़ों का नुकसान: बीते 24 अगस्त को हुई जखोली में अतिवृष्टि (cloudburst in Rudraprayag) से करोड़ों का नुकसान हुआ है. जिला प्रशासन के निर्देश पर राजस्व विभाग समेत अन्य विभागों की टीम क्षति का आंकलन कर रही है. जिसमें गंभीर क्षतिग्रस्त आवासीय भवन स्वामियों को एक-एक लाख की धनराशि दी जा रही है. आपदा से ग्रामीणों के आवासीय भवनों, गौशाला और कृषि भूमि को भारी नुकसान हुआ है. साथ ही विद्युत, सड़क एवं पेयजल लाइनों को भी क्षति पहुंची है.
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डीएम मयूर दीक्षित (Rudraprayag DM Mayur Dixit) ने बताया कि हिलांऊ गदेरे में बादल फटने से क्षति का आंकलन किया गया है. जिसमें राजस्व ग्राम घरड़ा, मखेत, कोटी, बैनोली, पाला कुराली, लुठियाग, त्यूंखर, लौंगा के 239 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं. साथ ही 9 हेक्टेयर कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हुई है. भारी बारिश के कारण तिलवाड़ा-घनसाली-टिहरी, अमकोटी-त्यूंखर, कोटी-धान्यूं-घरड़ा, आश्रम-घरड़ा-मखेत, त्यूंखर-चिरबटिया मोटरमार्ग मार्ग को भी नुकसान पहुंचा है. मार्गों के मरम्मत कार्यों पर 25 लाख का व्यय होने का अनुमान है.

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जल संस्थान की एक दर्जन से अधिक पेयजल लाइन व पेयजल स्रोत क्षतिग्रस्त हुए हैं. जिसमें 25 लाख से अधिक का व्यय होने का अनुमान है. जबकि जल निगम की जवाड़ी-रौठिया पेयजल योजना के मुख्य पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र के 52 तोक प्रभावित हुए हैं. जिनके मरम्मत कार्य में 25 लाख व्यय होने का अनुमान है. बारिश के कारण 33 केवी लाइन के 16 पोल क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 6 लाख का व्यय होने का अनुमान है.
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Last Updated :Sep 16, 2022, 4:54 PM IST
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