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गुलदार हमलाः 20 घंटे बाद नींद से जागा प्रशासन, अधिकारियों ने परिवार को दिया हर संभव मदद का भरोसा

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Published : Sep 30, 2019, 10:02 AM IST

गुलदार हमला

मनेत गांव में गुलदार द्वारा तीन वर्षीय बच्चे का शिकार करने के बाद पीड़ित के परिवार में मातम छाया हुआ है. मासूम की मां और बहिनें बेसुध पड़ी हुईं हैं. अधिकारियों ने पीड़ित के परिवार को ढांढस बंधाते हुए हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया.

बेरीनागः तहसील के जाखरावत गांव में गुलदार के आतंक से लोग दहशत में हैं. बीते दिन मनेत गांव में गुलदार ने रमेश सिंह के तीन वर्षीय बेटे नैतिक को अपना निवाला बना लिया था. यहां गुलदार मां की गोद से मासूम को छीन ले गया. बाद में उसका शव जंगल में बरामद हुआ. इस घटना के बाद परिवार में मातम छाया है. दूसरी ओर घटना के 20 घंटे के बाद भी प्रशासन का कोई प्रतिनिधि पीड़ित परिवार के घर नहीं पहुंचा.

बाद में मामला बढ़ने पर प्रशासन की नींद खुली और थल के नायब तहसीलदार जीएन गोस्वामी, राजस्व उपनिरीक्षक कंचन प्रिया मनेत गांव में पीड़ित के घर पहुंची और परिवार को सरकार का ओर से मदद दिलाने का भरोसा दिलाया.

इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार से रमेश सिंह को संविदा में रोजगार देने की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन भी भेजा. इस दौरान राजस्व टीम ने गांव का भ्रमण कर लोगों से शाम के समय बच्चों को अकेला न छोड़ने की अपील की.

घटना के तीसरे दिन भी पूरे गांव में मातम का माहौल बना हुआ है. वृद्ध दादी नन्दी देवी और मां हेमा देवी बार-बार बेसुध हो रही हैं. ग्रामीणों द्वारा ढांढस बंधाया जा रहा है. शनिवार को देर रात्रि पिथौरागढ़ में मासूम का पोस्टमार्टम किया गया.

दूसरे दिन भी पकड़ में नहीं आया गुलदार
मनेत गांव में गुलदार द्वारा मासूम बच्चे को मारने के बाद वन विभाग द्वारा शनिवार को पिंजरा लगाकर वन विभाग के कर्मचारी ड्यूटी लगा दी थी, लेकिन गुलदार दूसरे दिन भी पकड़ में न आने से ग्रामीणों में भय और रोष बना हुआ है. वन क्षेत्राधिकारी जगदीश जोशी ने बताया कि गुलदार को पकड़ने तक एक टीम गांव में ही रहेगी.

अधिकारी पंचायत ड्यूटी पर कौन पकड़ेगा बाघ
क्षेत्र में पंचायत चुनाव भी होने हैं. क्षेत्र के उपप्रभागीय वनक्षेत्राधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी, डिप्टी रेंजर सहित एक दर्जन वन विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी चुनाव में लगाई गयी है. अब गांव में गुलदार कौन पकड़ेगा? यह समझ से परे है.

पापा भैया कब आयेगा
इस घटना का असर मृतक नैतिक की 8 वर्षीय बहिन ज्योति और 6 वर्षीय बबीना पर भी पड़ा है. पिछले दो दिनों से लगातार दोनों बहनें अपने मम्मी पापा और अंकल और आसपास के लोगों से एक ही सवाल बार पूछ रहीं हैं भैया कहां है. हमारा घर में इतने लोग क्यों आ रहे हैं. बहिनों की ये बात सुनकर सब भावुक हो जा रहे हैं.

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10 लाख मुआवजा देने की मांग
घटना के बाद मृतक नैतिक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा और मृतक के पिता रमेश सिंह को रोजगार देने की मांग ग्रामीणों ने की है. पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह रावत और सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप महरा ने सीएम को इस संबंध में पत्र भी भेजा है. परिवार की माली हालत को देखकर पिता को संविदा में रोजगार देने की मांग की है.

दूसरी ओर विधायक मीना गंगोला ने कहा कि घटना के बाद पीड़ित परिवार के पास प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि का न जाना बहुत गंभीर है. इसकी शिकायत सीएम से की गयी है. लापरवाह अधिकारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार को सरकार से मुआवजा अन्य सुविधा के लिए सीएम से वार्ता हो गयी है.

Intro:गुलदार का आंतक Body:बेरीनाग
खबर बाद दौड़ गांव पहुंचे अधिकारी
मनेत गांव में मासूब बच्चे का बनाया था गुलदार ने निवाला
गांव में है मातम

बेरीनाग।तहसील के जाखरावत गांव के मनेत गांव में शुक्रवार रात्रि आठ बजे गुलदार ने रमेश सिंह के तीन वर्षीय बेटे नैतिक को अपना निवाला बना दिया था। घटना 20 घंटे के बाद भी प्रशासन का कोई प्रतिनिधि पीड़ित परिवार के घर नही पहुंचने की खबर प्रमुखता के साथ आने के बाद प्रशासन की नींद खुली और थल के नायब तहसीलदार थल जीएन गोस्वामी,राजस्व उप निरीक्षक कंचन प्रिया मनेत गांव में पीडित के घर पहुंची और परिवार को सरकार और से मदद दिलाने का भरोसा दिलाया। इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार से रमेश सिंह संविदा में रोजगार देने की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन भी भेजा। इस दौरान राजस्व टीम ने गंाव का भ्रमण कर लोगों ने शाम के समय बच्चों को अकेला नही छोडने की अपील की।घटना के तीसरे दिन भी पूरे गांव में मातम का माहौल बना हुआ है वृद्ध दादी नन्दी देवी और मां हेमा देवी बार बार बेसुद्ध हो जा रहे है।ग्रामीणों के द्वारा ढांढस बंधाया जा रहा है।शनिवार देर रात्रि को पिथौरागढ़ में मासूम का पोस्टमार्टम किया गया।

दूसरे दिन भी नही आया गुलदार पकड़ में
बेरीनाग। मनेत गांव में गुलदार के द्वारा मासूूूम बच्चे को मारने के बाद वन विभाग के द्वारा शनिवार को पिजरा लगाकर गांव में वन विभाग के कर्मचारी ड्यूटी लगा दी थी। लेकिन गुलदार दूसरे दिन भी पकड़़ में नही आने से ग्रामीणों में भय और रोष बना हुआ है। वन क्षेत्राधिकारी जगदीश जोशी ने बताया कि गुलदार को पकडने तक एक टीम गांव में ही रहेगी।

अधिकारी पंचायत ड्यूटी पर कौन पकडेगा बाघ
बेरीनाग। पंचायत चुनावों की ड्यटी में क्षेत्र के उप प्रभागीय वनक्षेत्राधिकारी,वन क्षेत्राधिकारी,डिप्टी रेंजर सहित एक दर्जन वन विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लग गयी है अब गांव मेें गुलदार कौन पकड़ेगा कैसे गुलदार पकड़ जायेगा यह समझ से परे है।

भैया कब आयेगा पापा हमारा
बेरीनाग। मृतक नैतिक के 8 वर्षीय बहिन ज्योति और 6 वर्षीय बबीना पिछले दो दिनों से लगातार अपने मम्मी पापा और अंकल और आसपास के लोगों से एक ही सवाल बार पूछी भैया कहा है हमारा घर में इतने लोग क्यो आ रहे है। बहिनों की ये बात सुनकर सब भावुक हो जा रहे है।

10 लाख मुआवजा और पिता को रोजगार नही होगा आन्दोलन
बेरीनाग।मृतक नैतिक के परिजनों का 10 लाख का मुआवजा और मृतक के पिता रमेश सिंह को रोजगार देने की मांग को लेकर पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह रावत और सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप महरा ने सीएम को पत्र भेजकर मांग की है। और कहा किसी भी हालत में 10 लाख से कम मुआवजा मिला तो सरकार को वापस लौटा दिया जायेगा। परिवार की माली हालत को देखकर पिता को संविदा में रोजगार देने की मांग की है।

मीना गंगोला विधायक गंगोलीहाट।घटना के बाद पीडित परिवार से प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि नही जाना बहुत गंभीर बात है इसकी शिकायत सीएम से कर दी गयी है लापरवाह अधिकारियों को किसी भी हालत में बख्सा नही जायेगा और पीड़ित परिवार को सरकार से मुआवजा अन्य सुविधा के लिए सीएम से वार्ता हो गयी है।Conclusion:दहशत
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