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अधर में लटका पुल का निर्माण कार्य, सरकार के 'विकास' की आस में ग्रामीण

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Published : Aug 24, 2019, 7:11 AM IST

कोटद्वार के मिलनचौक-चिल्लरखाल बाईपास मार्ग पर तेली स्रोत पर पुल के अधूरे छोड़े जाने के बाद ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पुल को अधूरे छोड़े जाने को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है.

पुल अधूरा छोड़े जाने को लेकर ग्रामीणों का विरोध.

कोटद्वार: मिलनचौक-चिल्लरखाल बाईपास मार्ग पर तेलीस्रोत पर बन रहे पुल को अधूरे छोड़े जाने को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है. ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, उन्होंने प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक से भी नाराजगी जताई है.

पुल अधूरा छोड़े जाने को लेकर ग्रामीणों का विरोध.

लोकमणिपुर, चिल्लरखाल व गंधरियाखाल के लोगों ने स्थानीय विधायक, प्रदेश सरकार और पीडब्ल्यूडी विभाग के नारेबाजी कर अपना आक्रोश जाहिर किया. लोगों का आरोप है कि स्रोत के उफान पर आने के चलते भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन, धरना-प्रदर्शन के बावजूद भी पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया गया. जिसके चलते कई राहगीर हादसे का शिकार हो चुके हैं.

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स्थानीय निवासी प्रमोद बौठियाल का कहना है कि पहले स्रोत पर हल्के वाहनों के लिए पुल बनाया गया था. आठ महीने के बाद इस पर भारी वाहनों के लिए पुल बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई. लेकिन, लोक निर्माण द्वारा पुल के निर्माण को बीच में ही छोड़ दिया गया.

वहीं, ग्रामीण महिला पूजा देवी का कहना है कि पुल के निर्माण के लिए ठेकेदार से शिकायत के बावजूद निर्माण कार्य नहीं किया गया. बरसात के मौसम में स्रोत का जलस्तर बढ़ने से अधर में लटके पुल पर आवाजाही के दौरान कई बच्चे चोटिल हो चुके हैं.

Intro:summary लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के द्वारा तेली स्रोत पर बन रहे पुल को आधा अधूरा छोड़ जाने के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश, प्रदेश सरकार, स्थानीय विधायक व लोक निर्माण विभाग के खिलाफ की नारेबाजी।


intro मिलनचौक चिल्लरखाल बाईपास मार्ग पर तेली स्रोत में बने रहे पुल को पीडब्ल्यूडी के द्वारा आधा अधूरा छोड़कर चलते बनने के कारण स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला, लोकमणिपुर, चिल्लरखाल व गंधरियाखाल के लोगों ने पुल के समीप एकत्रित होकर स्थानीय विधायक, प्रदेश सरकार और पीडब्ल्यूडी विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना आक्रोश व्यक्त किया, कहा कि 6 महीने हो चुके हैं विभाग के द्वारा फुल को आधा अधूरी स्थिति में छोड़ कर चले गए, बरसात का मौसम है स्रोत का पानी उफान पर होने के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है कई बार शिकायत की लेकिन किसी ने एक ना सुनी, मजबूर अब धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। पूर्व में भी कई बाइक सवार सहित राहगीर इस पुल पर चोटिल हो चुके हैं।


Body:वीओ1- स्थानीय निवासी प्रमोद बोठीयाल का कहना है कि पहले स्रोत पर हल्के वाहनों के लिए पुल बनाया गया था लेकिन साथ आठ महीने पहले इस पर भारी वाहनों के लिए पुल बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन 8 महीने बीत जाने के बाद भी इस पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका, बरसात के मौसम में स्रोत का जलस्तर बढ़ जाता है जिससे कि लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, कई बार स्कूल के बच्चे इस पुल के समीप चोटीले भी हो चुके हैं, आकस्मिक सेवा गांव तक नही पहुच रही है, हमने इसकी शिकायत शासन प्रशासन और स्थानीय विधायक से भी की है लेकिन हमारी कहीं सुनवाई नहीं हुई।

बाइट प्रमोद बोठीयाल

वीओ2- वहीं स्थानीय महिला पूजा देवी का कहना है कि पुल के निर्माण के लिए ठेकेदार से भी बात की लेकिन ठेकेदार ने भी हमारी बात नहीं सुनी, बरसात का मौसम है स्रोत का जलस्तर कभी भी बढ़ जाता है दो-तीन बार तो बच्चे आधे अधूरे पुल से स्रोत को पार करने में चोटिल भी हो चुके हैं, ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है अब शिकायत करें भी तो किससे जब शासन प्रशासन नहीं सुन रहा है स्थानीय विधायक हरक सिंह रावत अब किसके पास जाएं।

बाइट पूजा देवी


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