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आपदा का दर्द बयां करती 'रिपोर्टर' प्रियंका, पूछा- जहां फोन तक नहीं वहां किस बात का डिजिटल इंडिया?

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Published : Aug 22, 2019, 9:21 PM IST

Updated : Aug 23, 2019, 1:30 PM IST

वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों में एक महिला भी हैं जो आपदा के बाद गांव की बानगी दुनिया के सामने बयां कर रही है. वीडियो में दिख रही महिला प्रियंका चौहान एक रिपोर्टर के अंदाज में आपदा की स्थिति और गांव के हालातों को दुनिया के सामने रख रही है.

उत्तरकाशी आपदा के दर्द को बयां करती प्रियंका.

उत्तरकाशी: प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने आपदा जैसे हालात पैदा कर दिये हैं. बीते दिनों उत्तरकाशी जिले में आई आपदा ने लोगों के मन में खौफ भर दिया हैं. यहां जहां नजर दौड़ाओ चारों तरफ तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. प्रदेश में आई इस आपदा से हर कोई सहमा है. इसी बीच जिले के चिवां गांव से कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आई हैं जो कि पहाड़ में रहने वाली महिलाओं के जज्बे को दिखाती हैं. यहां लगातार हो रही जलप्रलय के बीच एक महिला बेबस लोगों के हालातों को बयां करते हुए सरकार और शासन से बड़े सवाल कर रही है.

त्तरकाशी आपदा के दर्द को बयां करती प्रियंका


बीते दिनों उत्तरकाशी में आयी भीषण आपदा के बाद अभी भी स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है. यहां रोज भूस्खलन और तेज बहाव के कारण आये दिन भवन तास के पत्तों की तरह ढह रहे हैं. दैवीय आपदा के सामने स्थानीय लोग लाचार बने हुए हैं, जो अपनी ही आंखों के सामने अपने घर को जमींदोज होते देख रहे हैं. ताजा मामला उत्तरकाशी के चिंवा गांव से सामने आया है, जहां के लोग एक जगह पर फंसे हुए हैं , वहां लगातार भूस्खलन के कारण पहाड़ी से मलबा नीचे गिर रहा है और नीचे बेबस लोग खड़े हैं.

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वीडियो में दिख रहे लोगों में एक महिला भी है जो आपदा के बाद गांव की बानगी दुनिया के सामने बयां कर रही है. वीडियो में दिख रही महिला प्रियंका चौहान एक रिपोर्टर के अंदाज में आपदा की स्थिति और गांव के हालातों को दुनिया के सामने रख रही है. प्रियंका का कहना है आपदा में उनके गांव के स्कूल बह गये, पुल का पता नहीं, दुकानें दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही हैं. ऐसे में वो करें तो क्या करें?

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चिवां गांव की प्रियंका का कहना है कि किसी दिन 24 घंटे आकर गांव में रहिए तो आपको पता चलेगा की गांव वाले कैसे अपना जीवन जी रहे हैं. वीडियो में प्रियंका चौहान मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कह रही है कि मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया के दौर में उनके गांव में एक टावर तक नहीं लगा है. प्रियंका का कहना है कि आपदा के ऐसे समय में अगर हम मदद मांगे भी तो मांगे किस से?

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सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रियंका कहती हैं कि सरकारें दो-चार दिन राहत देकर भूल जाती हैं. उनका कहना है कि आपदा में उनके खेत, जंगल, मकान सब बह गये हैं. सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए प्रियंका कह रही हैं कि आपदा से जूझ रहे किसानों को सरकार पूरी सुविधाएं दे, जिससे लोगों को राहत मिल सके.

Intro:आराकोट बंगाण क्षेत्र में रविवार को आई जलप्रलय सब कुछ बहा कर ले गई। चारों और अभी भी पानी ही पानी और अब गांव को जोड़ने वाले रास्ते भी पूरी तरह खत्म हो चुके हैं। उत्तरकाशी। रविवार को आराकोट बंगाण क्षेत्र में जलप्रलय ने इस कदर कहर बरपाया कि चारों और पानी ही पानी और मलबा दिख रहा है। इस बीच सोशल मीडिया पर चिवाँ गांव की दो वीडियो सामने आई हैं। जिसमें एक मंजर रविवार का जब जलप्रलय अपने साथ सब कुछ बहा कर ले जा रहा था और लोग बेबस देख रहे थे। तो दूसरी औऱ चिवाँ गांव की एक महिला,जो कि वीडियो में आपदा के बाद गांव की बानगी दुनिया के सामने बयां कर रही है। सुदूर गांव की इस महिला ने हर हकीकत को बेबाकी से सामने रखा है। Body:वीओ-1, सोशल मीडिया से मिले पहले वीडियो में साफ देखा जा रहा है जलप्रलय का वह रूप,जो हजारों लोगों की उम्मीदें और वर्षों की मेहनत बहा कर ले जा रही है। बेबस ग्रामीण बस उस जलप्रलय को देख कर सिहर उठ रहे हैं। वहीं दूसरी वीडियो,जिसमें चिंवा गांव की एक महिला ग्रामीण महिलाओं के साथ धरातल की हकीकत की बानगी बयां कर रही है। चिवां गांव की यह महिला बता रही है कि किसी दिन 24 घण्टे आकर गांव में रहिए, तो ऐसा लगेगा कि किस दुनिया मे जी रहे हैं। मोदी के डिजिटल इंडिया में एक अदद टॉवर गांव में नहीं लगा है कि जिससे कि इस प्रकार की आपदा के समय किसी से मदद मांगी जा सके। Conclusion:वीओ-2, ग्रामीण महिला का कहना है कि सभी जूनियर सीनियर स्कूल के भवन जलप्रलय में बह गए हैं। गांव को जोड़ने वाला पुल इस कगार पर है कि कब बह जाए। इसका कुछ पता नहीं। साथ ही गांव की जो दुकाने थी। वह भी ढ़हने की कगार पर हैं। क्योंकि गांव में घुसा पानी दोनों और से बुरी तरह कटाव कर चुका है। महिला कहती है कि सरकार दो चार दिन राहत देकर भूल न जाए। क्योंकि उनके जल,जंगल जमीन सब बह गए हैं। इसलिए ग्रामीणों को उचित सविधाएँ दी जाएं। जिससे कि जलप्रलय के कारण वर्षों पीछे जा चुके लोगों को राहत मिल सके।
Last Updated : Aug 23, 2019, 1:30 PM IST
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