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कोटद्वार की सुखरो-खोह और मालन नदियों के बहुरेंगे दिन, नमामि गंगे से होगी कायापलट

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Published : Jul 16, 2022, 8:17 AM IST

Namami Gange scheme
कोटद्वार नदी स्वच्छता समाचार

नमामि गंगे परियोजना के तहत कोटद्वार की नदियों की स्थिति भी बदलेगी. शहर में बहने वाली नदियों का नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बाढ़ सुरक्षा व नालों का टेपिंग का कार्य जल्द शुरू किया जायेगा. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के निर्देश पर संबंधित विभागों के अफसरों और कर्मचारियों ने कण्वाश्रम पर मालन नदी एवं सिद्धबली मन्दिर पर खोह नदी व गंदे नालों का स्थलीय निरीक्षण किया

कोटद्वार: शहर में बहने वाली नदियों का नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बाढ़ सुरक्षा व नालों का टेपिंग का कार्य जल्द शुरू किया जायेगा. कोटद्वार नगर में नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रस्तावित सीवरेज प्रबंधन, बाढ़ सुरक्षा योजना, नालों की टेपिंग, सीवेज शोधन संयत्रों के निर्माण की परियोजनाओं सहित सहायक नदियों पर घाटों का निर्माण कराया जाना है.

इस हेतु विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के निर्देश पर राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप (एसपीएमजी) नमामि गंगे, सिंचाई विभाग, पेयजल विभाग एवं नगर निगम के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण किया. इस संबंध में अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से कण्वाश्रम पर मालन नदी एवं सिद्धबली मन्दिर पर खोह नदी व गंदे नालों का स्थलीय निरीक्षण किया गया.

बता दें कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तराखंड राज्य में कराये जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति के सम्बन्ध में दिनांक 1 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नमामि गंगे के अधिकारियों के साथ देहरादून में समीक्षा बैठक ली गई थी. बैठक में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा गंगा एवं इसकी सहायक नदियों को प्रदूषण नियंत्रण एवं जनसुविधा विकसित किये जाने हेतु नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत किये जा रहे सीवेज एवं रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के कार्यों की तर्ज पर ही कोटद्वार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सुखरो, मालन एवं खोह नदी पर स्नान/मोक्ष घाटों का निर्माण, नालों की टेपिंग सीवेज शोधन संयत्रों का निर्माण, बाढ़ सुरक्षा योजना इत्यादि के कार्य किये जाने व विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, भारत सरकार नई दिल्ली को प्रेषित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था.

स्थलीय निरीक्षण के दौरान राज्य परियोजना प्रबन्धन ग्रुप, नमामि गंगे उत्तराखंड से अक्षय कुमार, पर्यावरण विशेषज्ञ, इंजीनियर पीयूष कुमार सिंह, आरएफडी विशेषज्ञ, डॉ पूरन चन्द्र जोशी, सामाजिक प्रबन्धन विशेषज्ञ, पूरन कापड़ी, संचार विशेषज्ञ, सिंचाई विभाग कोटद्वार से इंजीनियर अजय कुमार जैन कोटद्वार जल संस्थान, कोटद्वार पेयजल निगम के अभियन्ता मौजूद रहे.
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कोटद्वार नगर उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. इसे गढ़वाल का द्वार भी कहा जाता है. कोटद्वार नगर निगम में 3 नदियां खोह, मालन एवं सुखरों नदियां बहती हैं जो कि, गंगा नदी की भी सहायक नदियां हैं. संयुक्त निरीक्षण में अधिकारियों/अभियन्ताओं द्वारा नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत स्नान/मोक्ष घाटों का निर्माण, बाढ़ सुरक्षा योजना, नालों की टेपिंग, सीवेज शोधन संयत्रों का निर्माण इत्यादि की परियोजनाएं विकसित किये जाने हेतु विस्तृत कार्य योजना तैयार किये जाने हेतु धरातलीय वस्तुस्थति का स्थलीय निरीक्षण किया गया.

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