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श्रीनगर बेस अस्पताल में हो रहा घुटने का प्रत्यारोपण, रैन बसेरे में ताले लटकने से तीमारदार परेशान

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 13, 2023, 3:57 PM IST

Updated : Dec 13, 2023, 11:00 PM IST

Woman Knee Replacement in Srinagar
श्रीनगर बेस अस्पताल में हो रहा घुटने का प्रत्यारोपण

Woman Knee Replacement in Srinagar यदि आपको घुटनों की वजह से चलने-फिरने या फिर भारी वजन उठाने में दिक्कत हो रही हैं तो आप श्रीनगर बेस अस्पताल आ सकते हैं. अब यहां पर घुटनों का प्रत्यारोपण किया जा रहा है. अभी तक 8 मरीजों के घुटनों का सफल प्रत्यारोपण किया जा चुका है. हाल में एक महिला की घुटने का इलाज किया गया है. महिला का बायां घुटना खराब हो गया था. जिसका प्रत्यारोपण किया जा चुका है. ऐसे में अब कुछ ही दिनों में महिला चल और फिर सकेगी.

रैन बसेरे में ताले लटकने से तीमारदार परेशान

श्रीनगरः मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस अस्पताल में घुटनों का प्रत्यारोपण की सुविधा मिलने लगी है. अस्पताल के ऑर्थो विभाग में घुटनों का सफल प्रत्यारोपण हो रहा है. इतना ही नहीं अभी तक ऑर्थो विभाग 7 लोगों के घुटनों का सफल प्रत्यारोपण कर चुका है. खास बात ये है कि आयुष्मान कार्ड होने पर इलाज निशुल्क हो रहा है. ऐसे में मरीजों को काफी सहूलियत मिल रही है. वहीं, बेस अस्पताल के रैन बसेरे में ताले लटके होने की वजह से मरीजों और तीमारदारों को परेशानी हो रही है.

woman knee replacement in Srinagar
महिला के घुटने का सफल प्रत्यारोपण

श्रीनगर बेस अस्पताल में अत्याधुनिक चिकित्सकीय उपकरण से इलाज किया जा रहा है. सबसे पहले ऑर्थो विभाग एचओडी डॉक्टर दयाकृष्ण टम्टा ने घुटने का प्रत्यारोपण का किया. डॉक्टर टम्टा ने बताया कि अभी तक वो 6 लोगों के घुटनों को प्रत्यारोपण कर चुके हैं. इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर ललित पाठक ने हाल ही में एक महिला की घुटने का प्रत्यारोपण किया है. यह महिला चलने फिरने में पूरी तरह से असमर्थ थी.

जांच करने पर पता चला कि महिला का बायां घुटना खराब हो गया था. घुटने के जोड़ में जगह बेहद कम हो गई थी. इसके अलावा घुटने का कार्टिलेज भी काफी कमजोर हो चुका था. इससे मरीज का घुटना शरीर का भार नहीं सह पा रहा था. वहीं, डॉक्टर पाठक ने महिला के पैर की सर्जरी कर घुटने का प्रत्यारोपण किया. उन्होंने बताया कि घुटना प्रत्यारोपण होने के एक से डेढ़ हफ्ते के भीतर छुट्टी भी दी जा रही है.
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महिला को घुटने के दर्द से दिलाई निजातः रुद्रप्रयाग जिले के झुंडोली बच्छणस्यूं पट्टी की 57 वर्षीय घोसा देवी के बाये पैर का घुटने में पांच साल से दर्द रहता था। महिला के पति गोपाल सिंह ने बताया कि काफी समय से दर्द की गोली खाकर काम चला रहे थे, बेस चिकित्सालय पहुंचे आर्थो विभाग के डॉ. ललित पाठक द्वारा एक्सरे व अन्य जांचे कराई, जिसके बाद घुटना प्रत्यारोपण किया गया। जिससे उनकी पत्नी का घुटने का दर्द गायब हो गया.

श्रीनगर बेस अस्पताल में ठंड से ठिठुर रहे मरीज और तीमारदार, रैन बसेरे में लगे तालेः बेस अस्पताल में मरीज और तीमारदार ठंड में ठिठुरने के लिए मजबूर हैं. हालांकि, अस्पताल प्रबंधन मरीजों को जहां कंबल और एक चादर दिया जा रहा है, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है. ऐसे में तीमारदारों को बाहर से कंबल और रजाई मंहगे दामों पर किराए पर लानी पड़ रही है.

night shelter locks
रैन बसेरे में लगे ताले

बेस अस्पताल में मरीज के तीमारदारों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था भी की गई है, लेकिन उसमें ताले जड़े हुए हैं. जिससे चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौडी आदि जगहों से आए मरीजों और तीमारदारों को होटलों में मंहगे कमरे लेकर रूकना पड़ रहा है. जो गरीब जनता की जेब पर भारी पड़ रहा है.

टिहरी के पुरुषोत्तम अपनी पत्नी के साथ पथरी का ऑपरेशन करवाने आए हैं. रात को ठंड काफी लगती है तो वो 40 किमी दूर अपने गांव से ही रजाई और कंबल लेकर आए हैं. उनका कहना है कि अस्पताल से मिली कंबल से उन्हें ठंड से नहीं बचा पाती है. वहीं, चमोली के देवाल आए आए शेर सिंह अपने बेटे गोविंद के साथ अपना हर्निया का ऑपरेशन करवाने आए हैं. वे पिछले 8 दिनों से अस्पताल में ही है.
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उन्होंने बताया कि 200 रुपए के हिसाब से रजाई और कंबल किराए में लेकर आए हैं. ठंड में अस्पताल की कंबल नाकाफी है. वहीं, बेस अस्पताल के एमएस अजय बिक्रम का कहना है कि दो चार दिन में रैन बसेरे को खोल दिया जाएगा. इसके लिए एसओपी बनाई जा रही है. अगर किसी मरीज को दो से ज्यादा कंबल चाहिए होगी तो इस संबंध में भी आदेश जारी कर दिया जाएगा.

Cold in Srinagar Base Hospital
अस्पताल में ठंड से ठिठुर रहे मरीज और तीमारदार

गौर हो कि राजकीय मेडिकल कॉलेज बेस अस्पताल में अव्यवस्था हावी हो गई है. यहां जनता की सुलभता के लिए साल 2022 में रैन बसेरे बनाए गए थे, लेकिन उसमें ताले लटके हुए हैं. करीब 20 लाख रुपए की लागत से तैयार किए गए रैन बसेरे का लाभ किसी को नहीं मिल पा रहा है. करीब 10 बेड के इस रैन बसेरे के दोनों हॉल में बड़े-बड़े ताले लटकाए गए हैं. इस रैन बसेरे का उद्घाटन सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह ने किया था. जिसका मकसद दूर दराज से आने वाले मरीजों और परिजनों को आश्रय मुहैया करना था, लेकिन कोई लाभ इसका नहीं मिल पा रहा है.

Last Updated :Dec 13, 2023, 11:00 PM IST
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