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पहाड़ों में कम होते भूजल को लेकर चर्चा, लोगों से की आगे आने की अपील

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Published : Feb 20, 2021, 12:59 PM IST

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भूजल को लेकर चर्चा

पहाड़ों में कम होते भूजल को लेकर गढ़वाल विवि में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें भूजल के विषय में चर्चा की गई.

श्रीनगर: पर्वतीय क्षेत्रों में कम होते भूजल को लेकर गढ़वाल विवि में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें भूजल के विषय में चर्चा की गई. बैठक में विवि के छात्र-छात्राएं और विषय विशेषज्ञ मौजूद रहे. साथ गोविंद बल्लभ पंत शोध संस्थान के विशेषज्ञ भी मौजूद रहे. इस दौरान भूजल को लेकर मंथन किया गया. वहीं, आईआईटी रुड़की के भूजल वैज्ञानिक प्रो. अरुण कुमार मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की.

पहाड़ों में कम होते भूजल को लेकर चर्चा.
बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि हर वर्ष 1,120 मिलीमीटर वर्षा होती है. जिसमें मात्र 2 प्रतिशत ही जल का उपयोग हो रहा है. बाकी का 98 प्रतिशत जल बेकार जा रहा है. जिसका उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसको प्रबंधन के लिए सभी को मिल कर कार्य करना होगा. जैसे-जैसे मानव आबादी बढ़ रही है इसके उपयोग की आवश्कता भी बढ़ गयी है. इसके लिए इसका उपयोग सिंचाई, पेयजल के लिए किया जा सकता है.

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जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. सोकित ने कहा कि इसके लिए सभी को जल स्रोतों को बचाना होगा. साथ साथ जल प्रभावों का भी संरक्षण की आवश्यकता है. वहीं आईआईटी रुड़की के प्रो. अरुण कुमार ने कहा कि प्रदेश में रिस्पना नदी को भी बचाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इसके लिए सब को मिलकर कार्य करना होगा.

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