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श्रीनगर बेस अस्पताल में स्थापित हुई एफेरेसिस यूनिट

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 22, 2023, 8:21 PM IST

राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर बेस अस्पताल में एफेरेसिस यूनिट की स्थापना की गई है. इसके साथ ही यहां जंबो पैक की सुविधा भी अब उपलब्ध होगी.

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श्रीनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस चिकित्सालय के ब्लड बैंक में एफेरेसिस यूनिट स्थापित हो गई है. अत्याधुनिक मशीन की मदद से मरीज की जरूरत के हिसाब से डोनर के ब्लड से प्लाज्मा, आरबीसी और प्लेट्लेट्स को निकाला जा सकता है. इस मशीन से प्लेट्लेट्स के जंबो पैक तैयार करने के लिए होगा. जिससे डेंगू मरीजों, एनमिक गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को लाभ मिलेगा.

प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत की पहल पर बेस चिकित्सालय के ब्लड सेंटर में ऐफेरेशिस मशीन की स्थापना की गई. जिससे डेंगू समेत अन्य बीमारियों के मरीजों को लाभ मिलेगा. बता दें पहले जंबो पैक के लिए मरीजों के तीमारदारों को काफी भटकना पड़ता है. डेंगू के सीजन में इसके लिए मारामारी होती है. डेंगू मरीजों एवं एनीमिक गर्भवती महिलाओं को जंबो पैक चढ़ाने से एक बार में 50 से 70 हजार तक प्लेटलेट्स बढ़ जाती है. निजी अस्पतालों के ब्लड बैंकों से जंबो पैक की कीमत 10 से 15 हज़ार रुपये की होती है, बेस अस्पताल के ब्लड बैंक सेंटर में एफेरेसिस यूनिट स्थापित होने से मरीजों को लाभ मिलेगा.

पढे़ं- Watch: ऋषिकेश के जिस रिसॉर्ट में पड़ा छापा वहां मिली ये संदिग्ध चीजें, कैसीनो हुआ सील, ओनर और मैनेजर वांटेड

एफेरेसिस मशीन से सिंगल डोनर प्लेट्लेट्स (एसडीपी) मरीज की जरूरत के हिसाब से प्लेटलेट्स निकाली जा सकेंगी. पहले दिन बेस अस्पताल में एक डोनर के ब्लड से प्लेट्लेट्स अलग किया जाता है. प्लेटलेट्स देने वाले व्यक्ति के शरीर में 72 घंटे में रिकवरी हो जाती है. प्लेट्लेट्स निकालने में एक घंटा का लगता है. बेस अस्पताल में मशीन स्थापित होने पर प्रशिक्षक अनुज चॉवला द्वारा ब्लड सेंटर के सभी कर्मचारियों को एफेरेसिस मशीन का प्रशिक्षण दिया गया. बेस अस्पताल के ब्लड सेंटर के प्रभारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया एफेरेसिस मशीन से सिंगल डोनर प्लेट्लेट्स (एसडीपी) मरीज की जरूरत के हिसाब से प्लेटलेट्स निकाली जा सकेगी.

श्रीनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस चिकित्सालय के ब्लड बैंक में एफेरेसिस यूनिट स्थापित हो गई है. अत्याधुनिक मशीन की मदद से मरीज की जरूरत के हिसाब से डोनर के ब्लड से प्लाज्मा, आरबीसी और प्लेट्लेट्स को निकाला जा सकता है. इस मशीन से प्लेट्लेट्स के जंबो पैक तैयार करने के लिए होगा. जिससे डेंगू मरीजों, एनमिक गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को लाभ मिलेगा.

प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत की पहल पर बेस चिकित्सालय के ब्लड सेंटर में ऐफेरेशिस मशीन की स्थापना की गई. जिससे डेंगू समेत अन्य बीमारियों के मरीजों को लाभ मिलेगा. बता दें पहले जंबो पैक के लिए मरीजों के तीमारदारों को काफी भटकना पड़ता है. डेंगू के सीजन में इसके लिए मारामारी होती है. डेंगू मरीजों एवं एनीमिक गर्भवती महिलाओं को जंबो पैक चढ़ाने से एक बार में 50 से 70 हजार तक प्लेटलेट्स बढ़ जाती है. निजी अस्पतालों के ब्लड बैंकों से जंबो पैक की कीमत 10 से 15 हज़ार रुपये की होती है, बेस अस्पताल के ब्लड बैंक सेंटर में एफेरेसिस यूनिट स्थापित होने से मरीजों को लाभ मिलेगा.

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एफेरेसिस मशीन से सिंगल डोनर प्लेट्लेट्स (एसडीपी) मरीज की जरूरत के हिसाब से प्लेटलेट्स निकाली जा सकेंगी. पहले दिन बेस अस्पताल में एक डोनर के ब्लड से प्लेट्लेट्स अलग किया जाता है. प्लेटलेट्स देने वाले व्यक्ति के शरीर में 72 घंटे में रिकवरी हो जाती है. प्लेट्लेट्स निकालने में एक घंटा का लगता है. बेस अस्पताल में मशीन स्थापित होने पर प्रशिक्षक अनुज चॉवला द्वारा ब्लड सेंटर के सभी कर्मचारियों को एफेरेसिस मशीन का प्रशिक्षण दिया गया. बेस अस्पताल के ब्लड सेंटर के प्रभारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया एफेरेसिस मशीन से सिंगल डोनर प्लेट्लेट्स (एसडीपी) मरीज की जरूरत के हिसाब से प्लेटलेट्स निकाली जा सकेगी.

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