केदारनाथ में घोड़ों की मौत: सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हाईकोर्ट, पूछा- SOP कब होगी लागू?

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Published : Jun 22, 2022, 4:10 PM IST

Updated : Jun 23, 2022, 12:26 PM IST

Uttarakhand High Court

केदारनाथ में हुई घोड़ों की मौत पर बुधवार को सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश किया. सरकार के जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ, इसलिए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार को विस्तृत शपथ पत्र पेश करने को कहा. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से एसओपी लागू करने संबंधी सवाल भी पूछा.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं और लगातार हो रही घोड़ों की मौतों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने सरकार से तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी.

हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने सरकार से कहा कि वो विस्तृत शपथपत्र पेश करें. कोर्ट ने पूछा कि, घायल जानवरों को रखने की क्या व्यवस्था है और अनफिट जानवरों का क्या हुआ? कब तक एसओपी को लागू किया जाएगा? कुल कितने लोगों और घोड़े खच्चरों को जाने की अनुमति एक दिन में दी जा सकती है. इसके जवाब में सरकार ने कोर्ट को अवगत कराया कि उन्होंने वैटनरी डॉक्टर के साथ अन्य सुविधाओं को बढ़ाया है. यात्रा मार्ग में पानी के साथ घायल घोड़ों की देखरेख की जा रही है. कोर्ट में सरकार की तरफ से कहा गया कि इस संबंध में एसओपी अभी शासन में लंबित है, जिसमें निर्णय लिया जाना है.

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सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि बदरीनाथ के लिए 16 हजार, केदारनाथ के लिए 13 हजार, गंगोत्री के लिए 8 हजार और यमुनोत्री के लिए 5 हजार प्रतिदिन श्रद्धालु भेजने का प्रस्ताव है. सरकार के द्वारा घोड़ापड़ाव गौरीकुंड में 500 जानवरों के लिए शेल्टर बनाया जा रहा है. केदारनाथ लिनचोली में हजार-हजार लीटर के दो सोलर गीजर स्थापित कर दिए हैं, लेकिन कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं हुआ.
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गौर हो कि, समाजसेवी गौरी मौलेखी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि चारधाम यात्रा में अब तक 600 घोड़ों की मौत हो गयी, जिससे उस इलाके में बीमारी फैलने का खतरा बन गया है. याचिका में कहा गया है कि जानवरों और इंसानों की सुरक्षा के साथ उनको चिकित्सा सुविधा दी जाए. इसके साथ याचिका में कहा है कि चारधाम यात्रा में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे जानवरों और इंसानों को दिक्कतें आ रही हैं. जनहित याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि यात्रा में कैरिंग कैपेसिटी के हिसाब से भेजा जाए. उतने ही लोगों को अनुमति दी जाए जितने लोगों को खाने पीने रहने की सुविधा मिल सके.

Last Updated :Jun 23, 2022, 12:26 PM IST
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