ETV Bharat / state

कुष्ठ रोगियों के मामले पर 23 मई को होगी अगली सुनवाई, HC ने समाज कल्याण सचिव को दिए ये आदेश

author img

By

Published : May 2, 2023, 7:23 PM IST

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट

नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार गंगा किनारे से कुष्ठ रोगियों को हटाने जाने के मामले में सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने आगामी 23 मई को समाज कल्याण सचिव को निर्देश दिए हैं कि या तो पूर्व के आदेशों का पालन करें, नहीं तो कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हों.

नैनीतालः हरिद्वार में गंगा किनारे समेत अन्य जगहों से कुष्ठ रोगियों को हटाए जाने के खिलाफ स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सचिव समाज कल्याण को निर्देश दिए हैं कि पूर्व के आदेशों का पालन करें. ऐसा नहीं करने पर 23 मई को कोर्ट में खुद पेश होने को कहा है. आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अभी तक कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं हुआ है. न ही उसकी कोई अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई.

इससे पहले हाईकोर्ट ने हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण और जिलाधिकारी को निर्देश दिए थे कि कुष्ठ रोगियों के विस्थापन के लिए भूमि का चयन कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें. इसके अलावा कोर्ट ने कुष्ठ रोग उन्मूलन अधिकारी को नोटिस जारी कर पूछा था कि कुष्ठ रोगियों के उत्थान के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों का कितना पालन किया गया है? इनके उत्थान के लिए जारी केंद्र सरकार के बजट का कैसे उपयोग किया जा रहा है? इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें.
ये भी पढ़ेंः WHO ने वैश्विक कुष्ठ निवारण रणनीति की घोषणा की

दरअसल, देहरादून के एनजीओ एक्ट नाव वेलफेयर सोसाइटी ट्रस्ट ने इससे पहले मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र भेजा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे और अन्य स्थानों से अतिक्रमण हटाने के दौरान यहां बसे कुष्ठ रोगियों को भी हटा दिया था. अब इनके पास न घर है, न ही रहने की कोई अन्य व्यवस्था. भारी बारिश में कुष्ठ रोगी खुले में रहने को मजबूर हैं. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया था.
ये भी पढ़ेंः फॉरेस्ट गार्ड पेपर लीक मामले में एकलपीठ के आदेश पर रोक, HC ने इन्हें जारी किया नोटिस

वहीं, पत्र में कहा गया कि साल 2018 में राष्ट्रपति के दौरे के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी ने चंडीघाट में स्थित गंगा माता कुष्ठ रोग आश्रम के साथ उनके अन्य आश्रमों को भी तोड़ दिया था. जिससे वे आश्रम विहीन हो गए. जबकि, गंगा माता कुष्ठ रोग आश्रम के आस पास अन्य 7 बड़े कुष्ठ रोग आश्रम भी हैं. जिन्हें नहीं तोड़ा गया. क्योंकि, ये उच्च राजनीतिक प्रभाव वाले व्यक्तियों के हैं. सरकार सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर रही है. जिसमें कहा गया है कि सरकार उनका पुनर्वास करे और उनको मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए. साथ ही उनका खर्चा भी खुद वहन करे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.