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170 करोड़ से होगा नैनीताल के बलियानाले का ट्रीटमेंट, राज्य सरकार ने जारी किया बजट, 20 दिसंबर को खुलेगा टेंडर

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 15, 2023, 12:47 PM IST

Updated : Dec 15, 2023, 1:27 PM IST

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Baliyanale will be treated with Rs 170 crores in Nainital नैनीताल की बुनियाद कहे जाने वाले बलियानाले के लिए राज्य सरकार ने 170 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है. जिससे अब बलियानाले का स्थाई उपचार होगा. उधर विस्थापन से डरे लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है.

170 करोड़ से होगा नैनीताल के बलियानाले का ट्रीटमेंट

नैनीताल: सरोवर नगरी नैनीताल के अस्तित्व के लिए खतरा बन चुके बलियानाले का अब 170 करोड़ की लागत से स्थाई उपचार शुरू होगा. नाले के उपचार के लिए 20 दिसंबर को टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस संबंध में सिंचाई विभाग के सचिव हरीश सेमवाल, हाईकोर्ट के महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता जयपाल सिंह समेत सिंचाई विभाग के तमाम अधिकारियों ने बलिया नाला क्षेत्र का गहनता से निरीक्षण किया.

बलियानाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन का मामला गंभीर: महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर ने बताया कि बलियानाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन का मामला बेहद गंभीर है. ऐसे में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जल्द से जल्द बलियानाले का स्थाई उपचार करने के निर्देश दिए थे, ताकि नैनीताल के अस्तित्व को बचाया जा सके. जिसके तहत सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ क्षेत्र का निरीक्षण किया जा रहा है, ताकि आने वाले 100 सालों तक बलिया नाले को सुरक्षित रखे जाने की कार्य योजना बना सके. इसके अलावा आलूखेत क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई जाएगी.

20 दिसंबर को खोले जाएंगे टेंडर: सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता संजय शुक्ला ने बताया कि बालियानाले में कार्य को लेकर 20 दिसंबर को टेंडर खोले जाएंगे. जिसके बाद जनवरी से नाले का काम शुरू होगा. हालांकि शिक्षा विभाग से अनापत्ति पत्र न मिलने के चलते अस्थाई सड़क निर्माण और स्कूल के कुछ हिस्से को तोड़ने में अब दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

200 मीटर का क्षेत्र खाई में समा चुका: बता दें कि बलिया नाले के अस्तित्व पर 80 के दशक से लगातार खतरा बढ़ रहा है. भूस्खलन से करीब 200 मीटर का क्षेत्र अब तक खाई में समा चुका है. क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते 100 से अधिक परिवार अपने आशियाने को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि बलियानाला के कार्य के दौरान हरी नगर क्षेत्र से 80 परिवारों को दूसरे स्थान पर विस्थापित किया जाएगा, इसके लिए कार्य योजना बन चुकी है.

बलियानाले के लिए 170 करोड़ रुपए का बजट जारी: 80 के दशक से बलिया नाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन के स्थाई निर्माण को लेकर राज्य सरकार अब गंभीर है. बालियानाले के स्थाई उपचार को लेकर राज्य सरकार ने करीब 170 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है, ताकि नैनीताल की बुनियाद कहे जाने वाले बलियानाले का स्थाई उपचार हो सके. जिसको लेकर सिंचाई विभाग ने पुणे की कंपनी जेंट्स टू के माध्यम से डीपीआर बनाई है. डीपीआर के आधार पर बलिया नाले का दो चरण में काम किया जाना है. प्रथम चरण में बलियानाले के हरी नगर क्षेत्र में रह रहे लोगों को विस्थापित किया जाना है, ताकि बलियानाले का स्थाई उपचार हो सके. ऐसे में विस्थापन से पहले ही क्षेत्रीय लोगों ने विस्थापन का विरोध करना शुरू कर दिया है.

क्षेत्रीय सभासद ने विस्थापित नहीं होने की कही बात: क्षेत्रीय सभासद रेखा आर्य ने बताया कि किसी भी स्थिति में लोग यहां से विस्थापित नहीं होंगे, क्योंकि क्षेत्र में सभी लोगों ने जिंदगी भर की कमाई से अपने घर बनाए हैं. जिनको अब प्रशासन द्वारा विस्थापित किए जाने की बात कही जा रही है. सभी लोग नैनीताल में मजदूरी व अन्य व्यवसाय कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा ज्योलीकोट और ताकुला क्षेत्र में भूमि का चयन किया है. ऐसे में वहां से रोजाना रोजगार के लिए नैनीताल आना संभव नहीं है.

स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर उनको भूलने का लगाया आरोप: स्थानीय लोगों ने बताया कि बरसात का मौसम आते ही प्रशासन यहां रहने वाले लोगों को विस्थापित करने के नाम पर स्कूलों और किराए के कमरों में भेज देता है. बरसात का मौसम खत्म होते ही उनको भूल जाते हैं. उन्होंने कहा कि हरि नगर, रईस होटल आपदा प्रभावित क्षेत्र में 400 से अधिक परिवार रहते थे. जिनमें से प्रशासन ने कुछ परिवारों को दुर्गापुर में विस्थापित कर दिया.

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हल्द्वानी की सड़कों के लिए 1423.6 लाख रुपए का बजट स्वीकृत: इसके अलावा हल्द्वानी और आसपास की सड़कों और 14 चौराहों के सुधार के लिए शासन ने 1423.6 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया है. शहर के चौराहों के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपए का बजट की उत्तराखंड शासन से लोक निर्माण विभाग को स्वीकृति मिल गई है. वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार ने कहा कि कुमाऊं का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले शहर को खूबसूरत बनाने के लिए चौराहों का रंग रोगन किया जाएगा. इससे पहाड़ में जाने वाले पर्यटक एक अच्छा संदेश लेकर पहाड़ की सुंदरता को चार चांद लगाएंगे.

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Last Updated :Dec 15, 2023, 1:27 PM IST
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