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मजदूर दिवस पर 18000 मजदूर हुए बेरोजगार, गौला नदी के 7 गेटों पर खनन हुआ बंद

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Published : May 1, 2019, 5:01 PM IST

गौला नदी के 7 गेटों पर खनन हुआ बंद.

कुमाऊं की लाइफ लाइन और सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली गौला नदी के 7 खनन निकासी गेटों को समय से पहले ही मानसून सीजन के लिए बंद कर दिया गया है.

हल्द्वानी: विश्व मजदूर दिवस के दिन गौला नदी खनन से जुड़े हजारों मजदूरों को बड़ा झटका लगा है. गौला नदी से जुड़े हजारों मजदूरों की रोजी रोटी का जरिया गौला नदी के 7 गेटों को मानसून सत्र के लिए बंद कर दिया गया है. दरअसल, भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण अनुसंधान संस्थान की टीम ने बीते दिनों गौला नदी का निरीक्षण किया था. इस दौरान टीम ने पाया कि नदी के 7 गेटों पर खनिज की मात्रा काफी कम हो गई है. खनन के दौरान खनिज के साथ मिट्टी भी निकल रही थी. इसपर टीम ने तत्काल सातों गेटों को मानसून सत्र तक के लिए बंद करने के निर्देश दिए हैं.

गौला नदी के 7 गेटों पर खनन हुआ बंद

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कुमाऊं की लाइफ लाइन गौला नदी प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देती है. नदी के 11 खनन निकासी गेटों पर करीब 8 हजार वाहन खनन ढलान में लगे हुए हैं. इसके अलावा नदी में 20,000 से अधिक मजदूर खनन कार्य कर रहे हैं. पिछले मानसून सत्र के बाद यानी नवंबर से अबतक गौला नदी से केवल 32 लाख 96 हजार घन मीटर ही खनन हुआ है. जबकि सरकार हर साल 54 लाख घन मीटर खनन नदी से निकलावती है.

इस साल खनिज गौला नदी में कम होने की वजह से समय से पहले ही गौला नदी के खनन निकासी गेटों को बंद करने के निर्देश दे दिए गए हैं. इससे हजारों मजदूरों के आगे रोजी रोटी का संकट गहरा गया है. साथ ही सरकार को भी करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है. नदी के गेट बंद हो जाने से करीब 5200 वाहनों के पहिए थम गए हैं जबकि 18000 मजदूर भी बेरोजगार हो गए.

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वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एमपीएस रावत का कहना है कि नदी के 4 अन्य गेटों से करीब एक महीने तक खनन निकासी होगी. उन्होंने बताया कि अभी 1 लाख 60 हजार घन मीटर के करीब खनन होना है. इसके बाद नदी अन्य गेटों को भी मानसून सत्र के लिए बंद कर दिया जाएगा.

Intro:स्लग- मजदूर दिवस गोला नदी मजदूर के लिए बना रोजी रोटी का संकट गौला नदी के सात खनन निकासी गेटों से खनन हुआ बंद। रिपोर्टर -भावनाथ पंडित/ हल्द्वानी एंकर कुमाऊं की लाइफ लाइन और सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली गौला नदी के पहली बार सात खनन निकासी गेटो को नदी में उप खनिज नहीं होने पर समय से पहले ही आज से मानसून सत्र के लिए बंद कर दिया गया है ।जबकि बाकी बचे चार गेटो को एक महीने बाद बंद किया जाएगा। नदी के गेट बंद हो जाने से करीब साढे 5200 वाहनों के थम गए हैं जबकि 18000 मजदूर भी बेरोजगार हो गए।


Body:आज विश्व मजदूर दिवस है ऐसे में गोला नदी में खनन से जुड़े हजारों मजदूरों को बड़ा झटका लगा है । मजदूर मजदूर दिवस के दिन है गोला नदी से जुड़े हजारों मजदूरों के लिए आज रोजी रोटी का संकट घर आ गया है । साथ ही आज से नदी के सात खाना निकासी गेट बंद हो जाने से सरकार को भी राजस्व का काफी हानि हुआ है। दरअसल भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण अनुसंधान संस्था की टीम ने बीते दिनों गोलक नदी का निरिक्षण किया था ।निरीक्षण के दौरान टीम को नदी के 7 गेटों पर खनिज की मात्रा कम पाई गई साथ ही खनिज के साथ मिट्टी भी निकल रहा था ।जिसके बाद सरकार को फैसला लेना पड़ा की नदी के सातों गेटो को मानसून सत्र तक के लिए बंद कर दिया जाए। जबकि 4 गेटो को अभी भी सुचारू रखने का निर्देश दिया। क्योंकि इन गेटो पर अभी भी खनिज उपलब्ध है।


Conclusion:गौरतलब है कि प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली गोला नदी के 11 खनन निकासी गेटों पर करीब 8 हजार वाहन खनन ढलान में लगे हुए हैं। जबकि नदी में 20,000 से अधिक मजदूर खनन कार्य में लगे हुए हैं। जिससे लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। मानसून सत्र के बाद नवंबर से निकासी के लिए खुली गोला नदी से केवल अभी तक 32 लाख 96 हजार घन मीटर ही खनन हो पाया है। जबकि सरकार द्वारा हर साल 54 लाख घन मीटर खनन कराया जाता है। जिससे कि सरकार को भी करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है। वहीं गोला नदी के समय से पहले ही बंद हो जाने से हजारों लोगों के आगे रोजी रोटी का संकट गहरा गया हैं।जबकि सरकार को भी करोड़ों का राजस्व का नुकसान हुवा हैं। वहीं वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एम पी एस रावत का कहना है कि नदी के 4 गेटो से करीब एक महीने तक और खनन निकासी किया जाएगा जिसमें 1 लाख 60 हज़ार घन मीटर के करीब खनन होना बाकी है जिसके बाद नदी को मानसून सत्र के लिए बंद कर दिया जाएगा। बाइट- एमपी एस रावत क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम खनन
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