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गैरसैंण बजट: रोजगार की मांग से लेकर टैक्स में छूट, जानें क्या है कुमाऊं की जनता की उम्मीदें

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Published : Mar 2, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 2:35 PM IST

बजट से उत्तराखंड की जनता को कितनी उम्मीदें
बजट से उत्तराखंड की जनता को कितनी उम्मीदें

उत्तराखंड की जनता पहले से ही महंगाई की मार झेल रही है. वहीं, 2022 के शुरुआती महीनों में उत्तराखंड में चुनाव होने हैं. चुनावी साल से पहले प्रदेश की जनता को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं.

हल्द्वानी: हर साल आम से लेकर खास तक सभी को सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट का इंतजार रहता है. क्योंकि हर साल पेश होने वाला बजट आपके घर से लेकर कारोबार तक पर प्रत्यक्ष रूप से असर डालता है. ऐसे में उद्योग धंधे, व्यापारी वर्ग से लेकर आम जनता तक सभी को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है. गैरसैंण में 4 मार्च को त्रिवेंद्र सरकार अपना अंतिम बजट पेश करने जा रही है. ऐसे में चुनावी वर्ष के बजट से उत्तराखंड की जनता को भी काफी उम्मीदें हैं. विपक्ष बजट सत्र के दौरान सरकार को घेरने में लगा हुआ है.

उत्तराखंड की जनता पहले से ही महंगाई की मार झेल रही है. वहीं, 2022 के शुरुआती महीनों में उत्तराखंड में चुनाव होने हैं. चुनावी साल में प्रदेश की जनता को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने कुमाऊं के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी की जनता से जाना कि इस बजट से उनकी क्या कुछ उम्मीदें हैं. आप भी सुनिए क्या कहती है हल्द्वानी की जनता.

बजट से उत्तराखंड की जनता को कितनी उम्मीदें

उफ! ये महंगाई

प्रदेश में लगातार बढ़ रही महंगाई से जहां आम जनता त्रस्त है, वहीं उत्तराखंड में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है. आम आदमी जहां डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस के बढ़े हुए दामों से परेशान है. वहीं, व्यापारी जीएसटी के नए प्रारूप से परेशान हैं. ऐसे में आम आदमी राज्य सरकार से महंगाई कम करने के अलावा डीजल-पेट्रोल के दामों में टैक्स कम करने की मांग कर रहा है.

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जीएसटी के दायरे में हों पेट्रोल-डीजल के दाम

हल्द्वानी के व्यापारी राजीव अग्रवाल के मुताबिक कारोबारी पहले से जीएसटी की मार झेल रहा है. सरकार को चाहिए कि पेट्रोल-डीजल के दामों को जीएसटी के दायरे में लाए. इसके अलावा प्रदेश सरकार डीजल-पेट्रोल के दाम में लगने वाले टैक्स को भी कम करे, जिससे लोगों को थोड़ा राहत मिले. साथ ही जीएसटी को 12% और 18% से कम किया जाए, जिससे व्यापारी अपना कारोबार सही से कर सकें.

गैरसैंण बजट से उम्मीदें
गैरसैंण बजट से उम्मीदें

खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नियंत्रण हो

वहीं, गृहिणी काजल खत्री का कहना है कि रसोई गैस के अलावा खाद्य पदार्थों के दामों में भी लगातार वृद्धि हो रही है, जिसके चलते किचन का बजट बिगड़ गया है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नियंत्रण करे, जिससे लोगों के घर का बजट आसानी से चल सके. साथ ही पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकार द्वारा लगने वाले टैक्स को कम किया जाए, जिससे लोगों को आने-जाने में किराए का बोझ ना पड़े.

महंगाई से चाहिए छुटकारा

हल्द्वानी निवासी प्रताप सिंह चौहान का कहना है कि पहले से आम आदमी महंगाई से त्रस्त है. ऐसे में इस साल चुनावी वर्ष में सरकार को चाहिए कि कम से कम इस बजट को जनता के हितों को ध्यान में रखकर लाना चाहिए.

युवा मांग रहे रोजगार

पूर्व छात्र नेता लाल सिंह पंवार का कहना है कि त्रिवेंद्र सरकार के इस अंतिम बजट से काफी उम्मीदें हैं. जिस तरह से प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ रही है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करें. सरकारी विभागों में खाली पदों पर तुरंत नियुक्तियां बहाल करें, जिससे युवाओं को रोजगार मिले.

Last Updated :Mar 3, 2021, 2:35 PM IST
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