ETV Bharat / state

Army Help Elephant: पैरों में इंफेक्शन के चलते 'मोती' हुआ लाचार, अब मदद कर रहे सेना के जवान

author img

By

Published : Feb 6, 2023, 8:16 PM IST

Updated : Feb 7, 2023, 1:45 PM IST

Army Help Elephant
रामनगर के मोती की मददगार बन रही सेना

रामनगर के मोती हाथी के अगले दोनों पैरों में इंफेक्शन हो गया है. जिसकी वजह से वह चल-फिर नहीं पा रहा है. वहीं, अब मोती हाथी की मदद के लिए सेना के जवान आगे आए हैं. मोती की मदद के लिए रुड़की से सेना के 35 जवान रामनगर पहुंचे हैं. बता दें कि ये वही हाथी है जिसके मालिक ने उसके नाम करोड़ों की संपत्ति छोड़ी है.

रामनगर के मोती की मददगार बन रही सेना

रामनगर: सांवल्दे में निजी पालतू हाथी मोती के पैरों में इंफेक्शन के चलते चलने-फिरने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में मोती की मदद के लिए अब सेना ने हाथ बढ़ाये हैं. सोमवार को मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस रुड़की की एक टीम ने हाथी को खड़ा करने के लिए एक स्ट्रक्चर बनाया है, जिससे हाथी को बेल्ट और लकड़ियों के सहारे खड़ा किया जा रहा है.

सेना के 35 जवान इंचार्ज ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल प्रतीक गुप्ता के नेतृत्व में रामनगर पहुंचे हैं. हाथी की सहायता के लिए वे रुड़की से यहां पहुंचे हैं. इन सभी जवानों ने हाथी के लिए एक स्ट्रक्चर बनाया है. जिसके जरिए हाथी को खड़ा करने की कोशिशें की जा रही हैं.
पढ़ें- बच्चों को बेदखल कर जीवनभर की पूंजी की हाथियों के नाम, जानिए वजह

बता दें कुछ साल पहले बिहार से एक हाथी मोती और हथिनी रानी को रामनगर के सांवल्दे लाया गया था. हाथी के केयर टेकर इमाम अख्तर ने अपनी करोड़ों रुपए की संपत्ति इन हाथियों के नाम कर दी थी. कुछ समय बाद इमाम की हत्या कर दी गई थी. इमाम की मौत के बाद से दोनों हाथी अनाथ हैं. वहीं, अब एक हाथी मोती के पैर में गंभीर घाव होने से हाथी पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा है.

वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट एवं हाथियों के संरक्षक इमरान खान ने बताया हाथी के इलाज के लिए वाइल्ड लाइफ चीफ समीर सिन्हा के माध्यम से एसआरएस यूपी से बात की गई है. एसआरएस जाने से पहले हाथी को पैरों पर खड़ा करना जरूरी है. जल्द ही हाथी को पैरों पर खड़ा नहीं किया गया तो हाथी के अंग खराब हो सकते हैं. उन्होंने बताया सेना के उच्च अधिकारियों ने हाथी की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. हाथी की सहायता के लिए जवानों की छोटी टुकड़ी को रुड़की से रामनगर के भेजा गया है. जिनकी मदद से हाथी को खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है.
पढ़ें- Ivory Smuggling: वन विभाग की चौकी में छिपाए थे हाथी के दो दांत, वांछित चौथा तस्कर भी गिरफ्तार

ये है पूरी कहानी: दरअसल, मूल रूप से बिहार की राजधानी पटना के दानापुर जानीपुर इलाके के मुर्गियाचक गांव में रहने वाले इमाम अख्तर ने साल 2018 में रामनगर के सांवल्दे गांव में 26 बीघा जमीन लीज पर ली थी. वो यहां हाथियों का गांव बसाना चाहते थे. उनका मकसद हाथियों का संरक्षण करना था. इमाम अख्तर चाहते थे कि वो ऐसा हाथी गांव बसा सकें जिसमें बीमार, बुजुर्ग या दिव्यांग हाथियों को रहने की जगह मिल सके. इमाम अपने इस काम की वजह से इतने प्रसिद्ध हो गए थे कि वो हाथी वाले मुखिया के नाम से जाने जाते थे.

बिहार में रहते हुए भी इमाम अख्तर ने इसको लेकर काफी काम किया, और एरावत नाम से अपनी एक संस्था भी बनाई थी. यहां रामनगर आकर उन्होंने हाथियों के रहने की व्यवस्था की. उनके लिए टिन शेड तैयार किया, बिजली, सोलर फेंसिंग और हाथियों को नहलाने के लिए मोटर की व्यवस्था की. इस दौरान उन्होंने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर मोती और रानी को पालना शुरू किया.

इमाम का हाथियों के प्रति इतना प्रेम और लगाव था कि उन्होंने अपने दोनों बेटों को संपत्ति न देकर साल 2020 में 5 करोड़ की संपत्ति (करीब 50 एकड़ जमीन) हाथियों के नाम कर दी. उनके इस फैसले पर परिवार वालों की ओर से विरोध जताया गया था. वहीं साल 2021 में दानापुर के फुलवारी शरीफ में इमाम अख्तर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उन्हें एक के बाद एक आठ गोलियां मारी गईं थीं. इमाम की हत्या के बाद से उनके हाथी अनाथ हो गए थे.

Last Updated :Feb 7, 2023, 1:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.