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शीतकालीन चारधाम यात्रा का हुआ समापन, गंगा पूजन कर शंकराचार्य ने साझा किये अनुभव

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 3, 2024, 1:23 PM IST

Updated : Jan 3, 2024, 4:25 PM IST

End of winter Chardham Yatra
शीतकालीन चारधाम यात्रा का हुआ सामपन

End of winter Chardham Yatra उत्तराखंड में पहली बार आयोजित शीतकालीन चारधाम यात्रा का समापन हो गया है. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हरिद्वार में गंगा पूजन कर शीतकालीन चारधाम यात्रा का समापन किया.

शीतकालीन चारधाम यात्रा का हुआ सामपन

हरिद्वार: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उत्तराखंड में पहली बार शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू की. जिसका समापन उन्होंने हरिद्वार के नमामि गंगे गंगा घाट पर मां गंगा की पूजा अर्चना के बाद किया. इस दौरान उन्होंने अपने शीतकालीन यात्रा के अनुभव साझा किये. उन्होंने आमजन से भी शीतकालीन चारधाम यात्रा करने की अपील की. साथ ही सरकार से शीतकालीन यात्रा के लिए भी रजिस्ट्रेशन करने की मांग की है.

बता दें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उत्तराखंड में पहली बार शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत की. जिसकी शुरुआत उन्होंने मां गंगा की पूजा से की थी. 7 दिन बाद शीतकालीन चारधाम यात्रा कर लौटे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी यात्रा के अनुभव साझा किये. उन्होंने बताया जिस तरह से ग्रीष्मकाल में चारधाम यात्रा होती है, इसी तरह शीतकाल में भी चारधाम यात्रा की जा सकती है. उन्होंने बताया इस यात्रा में कोई भी परेशानी नहीं हुई.

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राज्य सरकार के पास भेजेंगे प्रतिनिधि मंडल: यात्रा अनुभव साझा करते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि वह जल्द ही अपना प्रतिनिधिमंडल राज्य सरकार के पास भेजेंगे. उनसे इस यात्रा के अनुभव को साझा करेंगे. उन्होंने कहा वे चाहते हैं कि राज्य सरकार भी आने वाले समय में शीतकालीन यात्रा शुरू करें. जिस तरह से ग्रीष्मकाल में चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन होते हैं, इसी तरह शीतकाल में भी श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन किए जाएं.

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ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि भगवान तो सभी समय विराजमान रहते हैं. सब समय उनकी पूजा होती रहती है. 6 महीने पूजा करके 6 महीने भूल जाना यह थोड़ा ठीक नहीं है. इसलिए जो यात्रा सदा होती रहती है, उसको सदा होते रहना चाहिए. इस बात की ओर ध्यान दिलाना और जनता को आकृष्ट करना यही इस यात्रा का उद्देश्य है. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आमजन से अपील की कि आप वर्षभर में ग्रीष्मकाल या शीतकाल कभी भी चारधाम यात्रा पर आएं. उत्तराखंड के चारों धाम आपको आशीर्वाद देने के लिए विद्यमान हैं. जितना आनंद आपको ग्रीष्मकालीन चारधाम यात्रा करने में आता है, उतना ही आनंद आपको शीतकालीन यात्रा के दौरान आएगा. इतना नहीं उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि शीतकालीन यात्रा के दौरान जो जो दृश्य उन्हें दिखे, वह एक तरह से अलौकिक दृश्य थे, जिन्हें बयां नहीं किया जा सकता.

Last Updated :Jan 3, 2024, 4:25 PM IST
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