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रविवार को लक्सर में किसानों की महापंचायत का आयोजन

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Published : Feb 20, 2021, 10:30 PM IST

Updated : Feb 20, 2021, 10:57 PM IST

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लक्सर में 21 फरवरी को किसानों की महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. इसमें पूरे उत्तराखंड के किसानों को पहुंचने का आह्वान किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर लक्सर क्षेत्र में खाद किल्लत का समाधान और गन्ना पर्चियों पर मूल्य अंकित कराये जाने की मांग को लेकर किसानों ने लक्सर गन्ना समिति परिसर में प्रदर्शन कर धरना दिया.

लक्सर: कृषि कानूनों के खिलाफ लक्सर में 21 फरवरी को किसानों की महापंचायत का आयोजन होने जा रही है. जिसको लेकर भारतीय किसान यूनियन अम्बावता के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह सैनी ने इस महापंचायत में पूरे उत्तराखंड प्रदेश से किसानों को पहुंचने का आह्वान किया है.

लक्सर में किसानों की महापंचायत का आयोजन

बता दें कि लक्सर के भारतीय किसान यूनियन अम्बावता के कार्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए विकास सैनी ने कहा कि कृषि कानून के खिलाफ पिछले कई महीनों से किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं. वहीं सभी चीजों के दाम 4 गुना तक बढ़ गए हैं, लेकिन किसानों की फसलों के दाम ज्यों के त्यों हैं. अब किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कृषि कानूनों में बदलाव कर दिया गया है, लेकिन केंद्र की सरकार कृषि कानून को रद्द करने को तैयार नहीं है. उन्होंने बताया कि 21 फरवरी को लक्सर में होने जा रही महापंचायत में किसानों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने का आह्वान किया जा रहा है.

Kisan Morcha agitated on sugarcane committee
किसान मोर्चा ने गन्ना समिति पर दिया धरना.

किसानों की महापंचायत लक्सर के किसान विद्यालय इंटर कॉलेज में होगी, जिसमें किसान मोर्चा के अध्यक्ष का कहना है कि हजारों की संख्या में किसानों के पहुंचने की उम्मीद है.

किसान मोर्चा ने गन्ना समिति पर दिया धरना

लक्सर क्षेत्र में खाद किल्लत का समाधान और गन्ना पर्चियों पर मूल्य अंकित कराये जाने की मांग को लेकर किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष महकार सिंह व लक्सर ब्लॉक अध्यक्ष दुष्यंत सिंह की अगुवाई में किसानों ने लक्सर गन्ना समिति परिसर में प्रदर्शन कर धरना दिया.

इस मौके पर जिलाध्यक्ष महकार सिंह ने कहा कि काफी समय से खाद की किल्लत बनी हुई है और किसान परेशान हैं. किसानों की फसलें खाद के बिना बेकार हो रही हैं, लेकिन शासन-प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है. इसी प्रकार मिलों के सत्र को शुरू हुए कई माह बीत गए लेकिन अभी तक गन्ना पर्चियों पर मूल्य अंकित नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बनाये गए कृषि कानून भी किसानों के लिए जहर के समान हैं. इन तमाम समस्याओं के निराकरण के लिए किसानों को एकजुट होकर पूरी ताकत से सरकार के खिलफ आंदोलन करना होगा.

Last Updated :Feb 20, 2021, 10:57 PM IST
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