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हरिद्वार में लगी पहली Plastic Bottle Crush मशीन, प्लास्टिक कचरे से मिलेगी मुक्ति

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Published : Aug 25, 2022, 12:24 PM IST

Plastic Bottle Crushing Machine
प्लास्टिक बोतल क्रश मशीन

हरीद्वार में प्लास्टिक बोतल क्रश मशीन लग गई है. माना जा रहा है कि इससे कुछ हद तक प्लास्टिक कचरे से मुक्ति मिल पाएगी. उद्घाटन मौके पर हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे ने कहा कि भविष्य में आवश्यकतानुसार ऐसी मशीनें जगह-जगह स्थापित की जाएंगी.

हरिद्वारः प्लास्टिक कचरे में पानी की बोतल (Plastic Water Bottle) की संख्या काफी होती है. कुछ प्लास्टिक बोतलें तो रीसायकल कर ली जाती है, लेकिन ज्यादातार बोतलें यूं ही पड़ी रहती है. जो पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाती है. इसके निस्तारण के लिए प्लास्टिक बोतल क्रश मशीन (Plastic Bottle Crushing Machine) लगाई जा रही है. इसी कड़ी में हरिद्वार में भी पहली मशीन लग गई है. जिसका उद्घाटन डीएम विनय शंकर पांडे ने किया.

दरअसल, हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने शिव घाट पर नेशनल शेड्यूल कास्ट फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) मद से मिले प्लास्टिक बोतल क्रश मशीन का उद्घाटन किया. यह मशीन एनएसएफडीसी (NSFDC) और स्वावलंबन स्वयंसेवी एनजीओ (Swavalamban NGO) नई दिल्ली ने उपलब्ध कराई है. इसका संचालन हरिद्वार नगर निगम (Haridwar Municipal Corporation) करेगा.
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वहीं, उद्घाटन मौके पर डीएम विनय शंकर पांडे ने प्रयोग के तौर पर प्लास्टिक की बोतल को मशीन में डाला. कुछ सेकंडों में ही बोतल छोटे-छोटे टुकड़े में बंट गई. उन्होंने कहा कि भविष्य में आवश्यकतानुसार ऐसी मशीनें जगह-जगह स्थापित की जाएंगी. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पाद जिनमें प्लास्टिक की बोटलें, कांटे, प्लास्टिक के चम्मच, प्लास्टिक के चाकू, प्लास्टिक के गिलास, प्लास्टिक का स्ट्रॉ, प्लास्टिक की प्लेट, प्लास्टिक की ट्रे आदि के स्थान पर वैकल्पिक वस्तुओं जैसे स्टील के गिलास, कांच की बोतल, मिट्टी की बोतल आदि का इस्तेमाल करें.

डीएम पांडे ने कहा कि अभी सिंगल यूज प्लास्टिक बैन (Single Use Plastic Ban) के संबंध में प्रचार प्रसार किया जा रहा है. अभी लोगों को जागरुक किया जा रहा है. जल्द ही चालानी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, हरिद्वार को साफ सुथरा रखने और भावी पीढ़ी का ध्यान रखते हुए हमें अपनी आदतों में सुधार लाना होगा. प्लास्टिक थैला की जगह पर जूट या कपड़े से निर्मित कैरी बैग का प्रयोग करना चाहिए.

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