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कुंभ कोरोना फर्जीवाड़ा: CDO हरिद्वार के नेतृत्व में टीम ने मेला स्वास्थ्य अधिकारी से की पूछताछ

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Published : Jun 21, 2021, 6:47 PM IST

Updated : Jun 21, 2021, 7:23 PM IST

Haridwar
कोविड जांच फर्जीवाड़ा

हरिद्वार कुंभ कोरोना फर्जीवाड़ा मामले में जिलाधिकारी के आदेश पर गठित की गई टीम ने CDO हरिद्वार के नेतृत्व सोमावर को मेला स्वास्थ्य अधिकारी से की पूछताछ की. इसके अलावा इस टीम ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (max corporate service) के अधिकारियों से भी पूछताछ की.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित हुए कुंभ मेला 2021 के दौरान कोरोना संक्रमण जांच को लेकर हुए घोटाले में सोमवार (21 जून) को जिला स्तर पर डीएम सी रविशंकर के आदेश पर सीडीओ हरिद्वार सौरभ गंगवार के नेतृत्व में बनाई गई जांच टीम ने मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए.

टीम ने इस मामले में मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (max corporate service) नई दिल्ली के लोगों से भी पूछताछ की है. जिसके बाद मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (max corporate service) के अधिवक्ता अपूर्व अग्रवाल अपनी कंपनी को बचाते नजर आ रहे हैं. इनका कहना है कि कंपनी द्वारा एंटीजन कोरोना टेस्ट किये गए हैं जबकि आरोप आरटी-पीसीआर टेस्ट को लेकर लगाए जा रहे हैं.

टीम ने मेला स्वास्थ्य अधिकारी से की पूछताछ.

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कंपनी की सफाई

मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (max corporate service) के अधिवक्ता अपूर्व अग्रवाल ने बताया कि कंपनी एक व्यावसायिक सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनी है. 27 मार्च को सरकार और कंपनी के बीच एक परचेज ऑर्डर जारी हुआ. इस ऑर्डर के एवज में कंपनी ने दो लैब को काम दिया, जिसमें से एक नलवा लैबोरेट्रीज हिसार और दूसरी डॉ लालचंदानी लैब दिल्ली है. इसमें नलवा लैब पर घोटाला करने और डाटा में हेरफेर करने का आरोप लगा है. इस मामले में कमी अथॉरिटी की है. लैब को सिर्फ डाटा अपलोड करना था, मगर यह काम बड़ी जल्दबाजी में किया गया. आरोप सही हैं तो नलवा लैब पर करवाई होनी चाहिए.

अग्रवाल ने बताया कि मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (max corporate service) ने नालवा को एक सस्पेंशन नोटिस जारी कर दिया है और आगे उनकी कंपनी का नलवा लैब से कोई बिजनेस संबंध नहीं है. उन्होंने बताया कि हरिद्वार पुलिस टीम ने कंपनी से कई सवाल किए हैं, जिसका जवाब दिया गया है. इस मामले में मैक्स कंपनी की तरफ से कोई खामी नहीं है.

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जिलाधिकारी की टीम कर रही जांच

उधर, कुंभ मेले के दौरान हुए इस जांच महाघोटाले के खुलासे के लिए जिलाधिकारी सी रविशंकर द्वारा बनाई गई जांच टीम का नेतृत्व कर रहे सीडीओ सौरभ गंगवार का कहना है कि अभी इस मामले में जांच चल रही है. अभी इस मामले में ज्यादा कुछ बताया नहीं जा सकता है. क्योंकि जो लोग घोटाले में शामिल हैं वो इसका फायदा उठा सकते हैं. आज मैक्स कंपनी के लोगों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से पूछताछ की गई है. जांच पूरी होने के बाद सभी तथ्यों को बताया जाएगा.

एसआईटी टीम भी जांच में जुटी

वहीं, एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस का कहना है कि कोरोना जांच में हुए घोटाले को लेकर एसआईटी टीम भी जांच कर रही है. इसमें जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं उनको एसआईटी द्वारा नोटिस भेजा जा रहा है. ताकि वो लोग अपना पक्ष भी एसआईटी के सामने रख सकें. एसआईटी द्वारा कई जरूरी कागजातों की छानबीन की जा रही है, इसमें कई अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है.

एसएसपी ने बताया कि जांच करने वाली कंपनी के लोगों से भी एसआईटी पूछताछ कर रही है. जांच गतिमान है इसलिए अभी जांच के सभी पहलुओं को नहीं खोला जा सकता. कोशिश है कि जल्द से जल्द जांच पूरी कर सच को सबके सामने लाया जाए.

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कैसे खुला मामला

दरअसल, पंजाब के फरीदकोट निवासी एक शख्स विपन मित्तल की वजह से कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खुल सकी. एलआईसी एजेंट विपन मित्तल को उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया, जिसमें यह कहा गया कि उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है जबकि विपन ने कोरोना टेस्ट ही नहीं करवाया था. फोन आने के बाद विपन ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की.

ICMR ने उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा. उत्तराखंड सरकार से होते हुए ये शिकायत स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के पास पहुंची. जब उन्होंने पूरे मामले की जांच करायी तो बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए. स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब फोन करने वाले शख्स से जुड़ी लैब की जांच की तो परत-दर-परत पोल खुलती गई. जांच में एक लाख कोरोना रिपोर्ट फर्जी पाए गए.

जांच में सामने आया कि इस प्राइवेट लैब की ओर से एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है. इतना ही नहीं कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया है. वहीं, एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला भी सामने आया है, जो असंभव सा लगता है, क्योंकि सैकड़ों लोगों की रिपोर्ट में घर का एक ही पता डाला गया है.

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गौर हो कि कुंभ में कोरोना जांच के लिए 10 लैब को इनपैनल्ड किया गया था. सबसे ज्यादा जांच मैक्स कॉरपोरेशन के अंतर्गत कार्य करने वाले दो लैब (नालवा लैबोरेट्रीज हिसार और दूसरी डॉ लालचंदानी लैब दिल्ली) ने की थी. इन्हीं दोनों लैब्स की कार्यप्रणाली पर फर्जीवाड़ा किए जाने की आशंका है.

कुंभ मेले के दौरान आए हुए श्रद्धालुओं, साधु संतों और स्थानीय लोगों को मिलाकर मेला प्रशासन की ओर से कुल 2,51,457 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें 2,07,159 एंटीजन टेस्ट और 4,42,78 RT-PCR टेस्ट किए गए. दो लाख से अधिक किए गए एंटीजन टेस्ट में केवल 1,023 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. जबकि, आरटीपीसीआर की केवल 1,250 रिपोर्ट पॉजिटिव आई. बाकी सभी जांच रिपोर्ट निगेटिव पाई गई.

कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले मैक्स कॉरपोरेशन की दोनों लैब्स डॉ. लाल चंदानी की ओर से 13,992 एंटीजन टेस्ट किए गए जबकि कोई भी आरटीपीआर टेस्ट नहीं किया गया. वहीं, दूसरी लैब नलवा लैबोरेटरीज की ओर से 1,04247 एंटीजन टेस्ट और 5,782 आरटीपीसीआर टेस्ट किए गए हैं.

Last Updated :Jun 21, 2021, 7:23 PM IST
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