30% आरक्षण की मैं अधिकारी, क्या बनके रहूंगी सिर्फ घस्यारी! सड़कों पर उतरीं प्रदेशभर की महिलाएं

author img

By

Published : Sep 11, 2022, 7:40 PM IST

Updated : Sep 11, 2022, 7:52 PM IST

Uttarakhand Women Reservation

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा (UKPSC Exam) में उत्तराखंड की महिलाओं को 30% क्षैतिज आरक्षण पर रोक के खिलाफ आंदोलन तेज हो गया. आज ऋषिकेश में महिला अभ्यर्थियों ने पारंपरिक वेशभूषा में रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने 'पहाड़ों से निकली है बयार, बेटियां मांगे अपने अधिकार' और '30% आरक्षण की मैं अधिकारी, क्या बनके रहूंगी सिर्फ घस्यारी!' जैसे नारे लगाए.

ऋषिकेश: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) में उत्तराखंड की महिला अभ्यर्थियों के लिए 30% क्षैतिज आरक्षण पर नैनीताल होईकोर्ट ने हाल ही में रोक लगा दिया है. इस फैसले के बाद महिला अभ्यर्थियों के भविष्य पर अब खतरा मंडराने लगा है. इससे नाराज होकर राज्य के 13 जिलों की सैकड़ों महिला अभ्यर्थी आज ऋषिकेश पहुंची. इस दौरान महिलाओं ने रैली निकालकर सरकार से मामले में अध्यादेश जारी करने की मांग की. साथ ही चेतावनी दी है कि उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो महिलाएं सरकार के खिलाफ को आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगी.

उत्तराखंड के 13 जिलों से ऋषिकेश पहुंचीं पीसीएस परीक्षा की सैकड़ों महिला अभ्यर्थियों ने झंडा चौक स्थित एक स्कूल में एक बैठक की. इस दौरान तमाम दलों से जुड़े प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए. सभी प्रतिनिधियों ने महिला अभ्यर्थियों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक स्वर में अध्यादेश लाने की मांग की.

ऋषिकेश में 30% क्षैतिज आरक्षण को लेकर रैली.

रुद्रप्रयाग से आई पीसीएस मुख्य परीक्षा की अभ्यर्थी आयुषी ने बताया कि कोर्ट की ओर से पीसीएस परीक्षा में उत्तराखंड मूल की महिलाओं के लिए 30% क्षैतिज आरक्षण (Horizontal reservation for Uttarakhand women) पर स्टे देने के बाद अन्य राज्य की महिलाओं को तो अवसर प्राप्त होंगे. जो राज्य की महिलाओं के लिए यह घातक साबित होगा. सैकड़ों महिलाएं पीसीएस परीक्षा की मुख्य अभ्यर्थी हैं, जो इस फैसले के आने के बाद परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगी.
ये भी पढ़ेंः मेरी बेटुलि मेरी लाडी लठ्यालि, अब कनकै बणैलि तू अधिकारी! क्षैतिज आरक्षण को लेकर गरजीं महिलाएं

राज्य सरकार को जल्दी ही कोई रास्ता निकालना होगा. अन्यथा भविष्य खतरे में पड़ा तो सभी महिलाएं सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. श्यामपुर जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान ने कहा कि महिलाओं के अधिकार को लेकर लड़ाई लड़ी जाएगी. सामाजिक तौर पर हम लोग इस लड़ाई में एक होकर उत्तराखंड की महिलाओं के हकों की मांग करेंगे. उत्तराखंड की महिलाएं हमारी बेटी बहनें सिर्फ घरों में नहीं रहेगी, बल्कि ये भी बाहर निकल पर नौकरी करने की हकदार हैं. इसके लिए अब कुछ भी करना पड़े, हम एकजुट होकर करेंगे.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने बताया कि यह सरकार की नाकामी ही है कि कोर्ट में सरकारी वकील मामले में अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख सका. पीसीएस मुख्य परीक्षा की अभ्यर्थी महिलाओं के साथ कांग्रेस साथ खड़ी है. जरुरत पड़ने पर कांग्रेस महिलाओं के साथ सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी. बैठक के बाद महिला अभ्यर्थियों ने शहर में रैली निकालकर अपना संदेश सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया.
ये भी पढ़ेंः UKSSSC की जगह UKPSC से होगी समूह 'ग' की परीक्षा, CM धामी का बड़ा ऐलान

उत्तराखंड मूल की महिलाओं के आरक्षण पर रोक जारीः बीती 24 अगस्त को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा (UKPSC Exam) में उत्तराखंड मूल की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण (30 Percent Reservation For Women) दिए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने सरकार के 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने वाले साल 2006 के शासनादेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ताओं को परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी. बता दें कि सरकार जनरल कोटे (अनारक्षित श्रेणी) से 30 प्रतिशत आरक्षण उत्तराखंड की महिलाओं को दे रही थी, जिस पर रोक लगाई गई गई.

मामले के मुताबिक, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश की महिला अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि उत्तराखंड की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है, जिसकी वजह से वे आयोग की परीक्षा से बाहर हो गई हैं. उन्होंने सरकार के 2001 एवं 2006 के आरक्षण दिए जाने वाले शासनादेश को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया कि यह आरक्षण संविधान के अनुच्छेद 14, 16,19 और 21 विपरीत है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड मूल की महिलाओं को UKPSC में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण नहीं, शासनादेश पर HC की रोक

कोई भी राज्य सरकार जन्म एवं स्थायी निवास के आधार पर आरक्षण नहीं दे सकती. याचिका में इस आरक्षण को निरस्त करने की मांग की गई थी. उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से डिप्टी कलेक्टर समेत अन्य पदों के लिए हुई उत्तराखंड सम्मिलित सिविल अधीनस्थ सेवा परीक्षा में उत्तराखंड मूल की महिलाओं को अनारक्षित श्रेणी में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है.

Last Updated :Sep 11, 2022, 7:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.