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लूटकांड प्रकरण: पीड़ित RTO अधिकारी ने तोड़ी चुप्पी, बेटे की मिली थी जान से मारने की धमकी

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Published : Oct 5, 2019, 1:57 AM IST

अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी में लूटकांड मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. मामले में पीड़ित आरटीओ अधिकारी ने अब अपनी चुप्पी तोड़ ली है. पीड़ित ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि उनके बेटे को जान से मारने की धमकी मिली थी. इसलिए उन्होंने पुलिस में शिकायत नहीं की.

पीड़ित RTO अधिकारी ने तोड़ी चुप्पी

देहरादून: 1करोड़ 38 लाख लूट की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों के सनसनीखेज खुलासे से चर्चाओं में आए पीड़ित आरटीओ अधिकारी ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी है. ईटीवी भारत से की गई एक्सक्लूजिव बातचीत में पीड़ित अधिकारी ने बताया कि उसने पुलिस को लूट वाली घटना की बात इसलिए नहीं बताई, क्योंकि आरोपियों ने मुंह खोलने पर उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी.

पीड़ित RTO अधिकारी ने तोड़ी चुप्पी


कैमरे के आगे कुछ भी बोलने से मना करते हुए आरटीओ कार्यालय में तैनात पीड़ित अधिकारी ने ईटीवी भारत से मौखिक बातचीत की. कहा कि उनका बेटा नोएडा में रहता है. वो अपने बेटे की जान बचाने के लिए अभी तक चुप रहे. हालांकि धमकी मिलने के तुरंत बाद उन्होंने अपने बेटे को देहरादून बुला लिया था. इसके बाद पूरा परिवार मारे डर के सहमा सा था. पीड़ित आरटीओ अधिकारी के मुताबिक अपराधियों द्वारा बताई गई लूट की रकम गलत है. पीड़ित अधिकारी ने ये भी बताया कि आरोपियों ने जितनी रकम उनके घर से लूटने को लेकर पुलिस खुलासे में बताई है. वह गलत है. उनके पास इतनी रकम घटना के समय थी ही नहीं. अधिकारी का कहना है कि उस वक्त घर में जेवरात और नगदी सभी मिलाकर करीब पांच से सात लाख रुपए तक ही थे, जो लूटे गए. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में वे इस मामले में कानूनी सलाह लेंगे और फिर फैसला करेंगे कि उन्हें पुलिस में मामले की शिकायत करनी है या नहीं.

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बहरहाल पीड़ित अधिकारी की बात में कितनी सच्चाई है, ये पुलिस जांच का विषय है. हालांकि दूसरी तरफ पुलिस शनिवार सुबह 10 बजे से लेकर अगले 5 दिनों तक गिरोह के आरोपियों को रिमांड पर लेकर लूट व डकैती सहित अन्य घटनाओं के संबंध में और जानकारियों को एकत्र करने का प्रयास करेगी.

Intro:1 करोड़ 38 लाख लूटकांड मामलें के पीड़ित अधिकारी ने शिकायत ना देने के सम्बंध में बताई अपनी बड़ी मज़बूरी, बेटे की जान धमकी की वजह नहीं कि पुलिस लूट की शिकायत, अब वकीलों से राय कर दे सकते मामले की पुलिस को शिकायत। मुंह खोलने की सजा बेटे के जान से थी: पीड़ित अधिकारी देहरादून शहर में चार माह पहले 1करोड़ 38 लाख लूट की घटना कारित करने वाले अपराधियों द्वारा किये गए सनसनीखेज खुलासे से...चर्चाओं में आए पीड़ित आरटीओ अधिकारी ने घटना छुपाने को लेकर आखिरकार अपनी मजबूरी बता दी है। पीड़ित अधिकारी के मुताबिक उन्होंने आज तक पुलिस को लूट वाली घटना के संबंध में इसलिए शिकायत नहीं दी... क्योंकि अपराधियों के खिलाफ मुंह खोलने पर उनके नोएडा में पढ़ने वाले बेटे को जान से मारने की धमकी दी गई थी। ऐसे भी बेटे की जान बचाने के खातिर उन्होंने अभी तक पुलिस से संबंध की जानकारी छुपाए रखी। कैमरे के आगे कुछ भी बोलने से मना करते हुए आरटीओ कार्यालय में तैनात पीड़ित अधिकारी ने ईटीवी भारत से मौखिक बातचीत करते हुए आजतक घटना को छुपाने का राज उजागर किया। पीड़ित अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद जिस तरह से मुँह खोलने पर अपराधियों ने उनके बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी.. उसके बाद तत्काल उन्होंने नोएडा शिक्षा ग्रहण कर रहे अपने बेटे को वापस देहरादून घर में बुला लिया। इसके बाद परिवार जनों ने घटना को भुलाकर पुलिस से किसी तरह की शिकायत दर्ज न करने की सलाह दी।


Body:पीड़ित आरटीओ अधिकारी के मुताबिक अपराधियों द्वारा बताई गई लूट की रकम गलत है। देहरादून आरटीओ कार्यालय में तैनात पीड़ित अधिकारी ने यह भी बताया कि अपराधियों ने जितनी रकम उनके घर से लूटने को लेकर पुलिस खुलासे में बताई है.. वह गलत है.. उनके पास इतनी रकम घटना के समय थी ही नहीं। अधिकारी के मुताबिक घर में मौजूद सभी तरह के जेवरात और नगदी सभी मिलाकर उस समय लगभग पांच से सात लाख रुपए तक की लूट की गई होगी.. कानूनी सलाह के बाद पुलिस को शिकायत देने की तैयारी वही लूटकांड से पीड़ित आरटीओ अधिकारी का कहना है कि, उनसे जुड़े इस मामले के लगातार उजागर होने से वह परेशानी में है, ऐसे में वह लगातार इस विषय पर अपने वकीलों से कानूनी सलाह ले रहे हैं, जिसके बाद वह जल्द ही अपने यहाँ हुए लूटकांड मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कर सकते हैं। अगले 1 से 2 दिनों में वह इस बात का कानूनी सलाह से फैसला कर लेंगे कि..उन्हें इस मामले में पुलिस से शिकायत दर्ज करनी है या नहीं।


Conclusion:पुलिस रिमांड में ही अपराधियों से पता चलेगी घटना की सच्चाई. बहराल देहरादून आरटीओ कार्यालय में तैनात पीड़ित अधिकारी की बात कितनी सच है-और कितनी झूठ.. यह पुलिस जांच का विषय है। हालांकि दूसरी तरफ पुलिस शनिवार सुबह 10:00 बजे से लेकर अगले 5 दिनों तक गिरोह के अभियुक्तों को रिमांड पर लूट व डकैती सहित अन्य घटनाओं के संबंध में जानकारियों को एकत्र कर तथ्यों और सबूतों के आधार पर सच्चाई जानने का प्रयास करेगी।
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