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'गोट वैली' योजना से समृद्ध होगा उत्तराखंड, महिलाओं को ग्लोबल मार्केट से जोड़ने की तैयारी

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Published : Nov 18, 2022, 2:23 PM IST

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'गोट वैली' योजना से समृद्ध होगा उत्तराखंड

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने गोट वैली योजना के तहत उत्तराखंड की महिलाओं को ग्लोबल मार्केट से जोड़ने की परिकल्पना की है. इस योजना के तहत 13 जिलों की 13 घाटियों में महिलाओं को बकरी पालन से जोड़ा जाएगा. क्योंकि कोरोना महामारी के बाद से वैश्विक बाजार में बकरी के दूध और उनसे बने उत्पादों की भारी डिमांड देखी जा रही है.

देहरादून: कोरोना महामारी के बाद से ग्लोबल मार्केट में हाई क्लोरिन और कैल्शियम युक्त बकरी के दूध (Goat milk with high chlorine and calcium) (गोट मिल्क) की भारी डिमांड देखी जा रही है. पिछले साल गोट मिल्क का $8,672.9 मिलियन का ग्लोबल मार्केट रहा. जबकि 2030 तक गोट मिल्क का ग्लोबल बाजार $13,217.2 मिलियन तक जाने की उम्मीद है. इन्हीं कारणों से पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने गोट वैली कॉन्सेप्ट की परिकल्पना की है. ताकि ग्लोबल बाजार से सीधे उत्तराखंड की ग्रामीण महिलाओं को जोड़ा जा सके.

पशुपालन विभाग, कृषि विभाग सहित कई विभागों की योजनाओं को इंटीग्रेट कर जैव विविधता वाले उत्तराखंड के 13 जिलों की 13 घाटियों में 25 से 30 किलोमीटर के रेडियस में ग्रामीणों को बकरी पालन से जोड़ने की योजना है. जिसको लेकर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने गोट मिल्क और गोट चीज के ग्लोबल मार्केट में सीधे एंट्री करने का प्लान बनाया है. 'गोट वैली' नाम से शुरू की गई इस योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा सीट चंपावत से कर दी गई है.

गोट वैली योजना से समृद्ध होगा उत्तराखंड

क्या है गोट वैली योजना: 'गोट वैली' योजना के तहत पहले चरण में 13 जिलों की 13 घाटियां तलाशी जा रही हैं, जहां पर पशुपालन, खास तौर से बकरी पालन के लिए अनुकूल माहौल हो. इन घाटियों में चारा पत्ती के साथ ही लोगों की उपलब्धता होनी चाहिए. खास तौर से इस क्षेत्र में महिलाओं को स्वावलंबन से जोड़ने की संभावनाएं हों, वहां पर बकरी पालन का एक इंटीग्रेटेड हब स्थापित किया जाएगा. इस पूरी वैली में 25 से 30 किलोमीटर की घाटी में 100 महिलाओं को बकरियां उपलब्ध करवायी जायेंगी. ग्रामीण महिलाओं को आसानी से बकरी उपलब्ध हों या वह आसानी से बकरी खरीद पाएं, इसके लिए पशुपालन, कृषि विभाग और सहकारिता विभाग की कई योजनाओं को इंटीग्रेट किया गया है.

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गोट मिल्क प्रोडक्ट की विशेषताएं

सौरभ बहुगुणा ने दी योजना की जानकारी: ईटीवी भारत से खास बातचीत में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि इस योजना में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की भूमिका होगी. जिस तरह से पहाड़ों पर सदियों से पशुपालन का काम पारंपरिक रूप से किया जा रहा है, उसे हाईटेक बनाना है. जिस तरह से आज मार्केट में गोट मिल्क और गोट चीज की डिमांड है, उसे देखते हुए इन गोट हब से एक विश्व स्तरीय प्रोडक्शन की परिकल्पना की गई है.

गोट मिल्क प्रॉडक्ट के बाजार में उछाल: कोविड-19 महामारी के बाद बाजार में गोट मिल्क और गोट मिल्क से बनने वाले सभी प्रोडक्ट की भारी डिमांड देखने को मिल रही है. वर्ष 2021 में गोट मिल्क प्रोडक्ट का मार्केट $8,672.9 मिलियन का था. विशेषज्ञों की मानें तो वर्ष 2030 में गोट मिल्क से $13,217.2 मिलियन के राजस्व का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसे में गोट वैली योजना धरातल पर उतरती है तो इसका आउटपुट काफी बेहतर देखने को मिलेगा.

बकरी के दूध की विशेषताएं: बकरी के दूध में पाई जाने वाली विशेष क्वालिटी की वजह से बाजार में गोट मिल्क या फिर गोट मिल्क से बनने वाले चीज और पनीर की काफी डिमांड है. इंसान के दूध के बाद सबसे समान संरचना वाला बकरी का दूध ही होता है. बकरी के दूध में हाई क्लोरीन और कैल्शियम होता है. वहीं, यह दूध इम्यूनिटी के लिए भी सबसे बेहतर माना जाता है. खासतौर से डेंगू बीमारी के इलाज के लिए बकरी का दूध एक रामबाण की तरह काम करता है.

गोट मिल्क प्रोडक्ट की कुछ खास विशेषताएं

बकरी दूध से बने पनीर से ज्यादा रेवेन्यू: पनीर श्रेणी में 2021 में सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी लगभग 45% थी. ऐसा इसलिए है क्योंकि हाल के वर्षों में बकरी के दूध से बने पनीर की मांग में काफी वृद्धि हुई है. यह युवाओं और बुजुर्गों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है, जिन्हें गाय के दूध उत्पादों से एलर्जी होने का खतरा होता है. इसके अलावा, बकरी का दूध और पनीर विभिन्न प्रकार के स्वस्थ वसा से भरपूर होता है. जैसे मध्यम-श्रृंखला और लघु-श्रृंखला असंतृप्त वसा, फैटी एसिड और मध्यम-श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स. पनीर में उच्च गुणवत्ता वाला, आसानी से पचने वाला प्रोटीन भी होता है, जो मानव शरीर के लिए आवश्यक अधिकांश महत्वपूर्ण अमीनो एसिड प्रदान करता है. सूजन से लड़ने में मदद करने और स्वस्थ आंत में योगदान करने के अलावा, बकरी के दूध से बने पनीर में एलर्जेनिक गुण कम होते हैं.

बकरी दूध के उत्पाद की हाइपर मार्केट और सुपर मार्केट में डिमांड: हाइपर मार्केट और सुपर मार्केट डेयरी उत्पादों के लिए सबसे महत्वपूर्ण वितरण चैनलों में से एक हैं. इस प्रकार, 2021 में बकरी के दूध उत्पादों के बाजार में श्रेणी का हिस्सा सबसे अधिक 40% से अधिक था. इसके अलावा, ये बड़े खुदरा स्टोर विक्रेताओं को अपने ब्रांडों के विपणन में सहायता करते हुए, अपने उत्पादों को प्रोफाइल करने और बढ़ावा देने की अनुमति देते हैं. इसके अलावा, वस्तुओं की श्रेणी और उनसे जुड़े ग्राहकों की सुविधा के कारण, ये व्यवसाय छोटे खुदरा स्टोरों की तुलना में बड़े ग्राहक वर्ग को आकर्षित करते हैं.

इसके अलावा सुपर मार्केट में सभी चीजें एक छत के नीचे उपलब्ध होती हैं, ऐसे में कंपनियां अधिक ग्राहकों को जोड़ने के लिए कई प्रस्ताव, प्रचार और छूटों के माध्यम से खुदरा विक्रेताओं के साथ एक अनुकूल संबंध बनाए रखती हैं. इसके अतिरिक्त, सुपर मार्केट और हाइपर मार्केट आमतौर पर शहरों के केंद्र में स्थित होते हैं, जो ग्राहकों की एक विस्तृत श्रृंखला को पूरा करते हैं. कई देशों में विभिन्न उपभोक्ता एक ही स्थान से खाद्य पदार्थों सहित अपनी सभी घरेलू आवश्यकताओं की खरीदारी करने की योजना बनाते हैं. नतीजतन, बकरी का मांस और दूध उत्पाद सुपर मार्केट और हाइपर मार्केट में व्यापक रूप से बेचे जाते हैं.

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