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बच्चों की पढ़ाई के आगे रोड़ा नहीं बनेगा मौसम, शिक्षा विभाग ने जारी किए नए दिशा-निर्देश

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Published : Jul 23, 2023, 7:20 PM IST

Banshidhar Tiwari
बंशीधर तिवारी

उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने मॉनसून सीजन के तहत नई गाइडलाइन जारी की है. विभाग का कहना है कि आपदा से प्रभावित बच्चों की ऑनलाइन क्लास ली जाएगी. ऐसे बच्चों के लिए विद्यालयों आने की बाध्यता नहीं रहेगी.

देहरादूनः उत्तराखंड में तेज बारिश के पूर्वानुमान के बीच शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर में अधिकारियों को कुछ जरूरी कदम उठाने के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. इस कड़ी में विद्यालयों में अवकाश से लेकर ऑनलाइन क्लास देने तक के लिए अधिकारियों को यथासंभव कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने उसके लिए आदेश जारी किया है.

प्रदेश भर में मॉनसून के बाद से ही तेज बारिश का सिलसिला दिखाई दे रहा है. राज्य में मौसम विभाग भी कई जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान दे रहा है. लिहाजा, शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में छात्रों की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने का फैसला लिया है और इसके लिए शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने राज्य भर के शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं.

SDM-DBEO ले सकेंगे स्कूलों की छुट्टी का निर्णय: शिक्षा विभाग में जरूरी कदम उठाए जाने से जुड़े दिशानिर्देशों में उप जिलाधिकारी और विकास खंड शिक्षा अधिकारी को मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान की समीक्षा करते हुए विकासखंड या जिले में विद्यालयों में छुट्टी के लिए निर्णय लेने के लिए कहा गया है. इसमें मुख्य शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर जिला अधिकारी के अनुमोदन के बाद विद्यालयों की छुट्टी के लिए आदेश कर सकेंगे.
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ऑनलाइन होगी आपदा से प्रभावित बच्चों की पढ़ाई: मॉनसून के दौरान तेज बारिश के चलते नदी और नाले भी उफान पर हैं, ऐसे में बच्चों के विद्यालय तक पहुंचने के दौरान नदी नालों की स्थिति को देखते हुए ऐसे बच्चे जिनके घर के रास्ते पर नदी नाले या भूस्खलन का खतरा है, उन्हें ऑनलाइन शिक्षा सुविधा दिए जाने के लिए भी कहा गया है. ऐसे बच्चों के लिए विद्यालयों में आने की बाध्यता न रखने के निर्देश दिए हैं.

जर्जर स्कूलों में नहीं होगी पढ़ाई: इसके अलावा जिन विद्यालयों में जर्जर स्थिति है, ऐसे विद्यालयों में बच्चों को ना पढ़ाए जाने के भी निर्देश हुए हैं. विद्यालयों के जर्जर भवनों आसपास के क्षेत्र और विद्यालय के निकट भूस्खलन, जर्जर छतों वाले विद्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है. ऐसी कक्षाओं में पठन-पाठन ना कराए जाने के लिए कहा गया है. इसके अलावा अभिभावकों के संपर्क नंबर को भी विद्यालयों द्वारा दिए जाने के निर्देश दिए हैं, ताकि जो भी निर्णय लिया जाए उसकी जानकारी अभिभावकों को दी जा सके.
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