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किशोर उपाध्याय को भाया 'भगवा', धन सिंह नेगी ने थामा 'हाथ', जानें दिनभर की चुनावी हलचल

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Published : Jan 27, 2022, 9:39 PM IST

उत्तराखंड में इन दिनों चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है. सभी दलों के कई प्रत्याशियों ने अपना नामांकन करवाया. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी खटीमा विधानसभा से नामांकन पत्र भरा. वहीं चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी, कांग्रेस और आप के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से जुड़ी दिनभर की खबरों पर एक नजर...

CHUNAV DINBHAR
उत्तराखंड में चुनावी सरगर्मी

देहरादून: उत्तराखंड में चुनावी सरगर्मी के बीच आज 27 जनवरी का दिन बेहद खास रहा. ये कहना गलत नहीं होगा कि आज उत्तराखंड में इंपोर्ट-एक्सपोर्ट की राजनीति चलती रही. कोई कांग्रेस से बीजेपी में आया तो कोई बीजेपी से कांग्रेस में दाखिल हुआ. इतना ही नहीं, बड़े-बड़े उम्मीदवारों ने आज नामांकन दाखिल किए. कोई नेता भगवान के दर पर मत्था टेकने पहुंचा तो कोई हाथ जोड़े जनता के द्वार पर. तो पहाड़ी प्रदेश में कैसा रहा आज का चुनावी माहौल चलिए हम आपको बताते हैं.

किशोर ने थामा बीजेपी का दामन: सबसे पहले उस खबर की बात करेंगे जो 26 जनवरी को पूरा दिन उत्तराखंड के सोशल मीडिया पर छाई रही. वो खबर थी कि क्या किशोर उपाध्याय बीजेपी में शामिल होंगे. आज सुबह जब लोगों की आंखें खुली तो उसी खबर को सभी ने हकीकत बनते देखा. आज सुबह 9:30 बजे अचानक किशोर उपाध्याय बीजेपी नेताओं के पास पहुंच गए और 10:00 बजे तक वो विधिवत रूप से भगवा रंग में रंगे नजर आए.

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हरदा और किशोर के बीच तल्खी: किशोर उपाध्याय उत्तराखंड में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक रहे हैं. वो टिहरी से विधायक रहे, मंत्री रहे और साथ-साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. लेकिन 2017 चुनाव में हार के बाद से ही किशोर उपाध्याय और हरीश रावत के बीच तलवारें खिंची हुई थीं. दोनों नेता एक दूसरे पर खूब बयानबाजी कर रहे थे.

कभी गांधी परिवार के करीबी थे किशोर: वैसे किशोर उपाध्याय को सोनिया गांधी परिवार का बेहद खास माना जाता है. राजीव गांधी के समय से किशोर उपाध्याय गांधी परिवार के बेहद खास रहे हैं और यही कारण है कि उनकी दिल्ली दरबार में सीधी एंट्री थी. लेकिन बीते कई दिनों से किशोर उपाध्याय का ये आरोप था कि पार्टी के लोग और खासकर हरीश रावत उन्हें कांग्रेस में देखना नहीं चाहते.

यही कारण है कि तमाम बड़े आयोजनों से उनका नाम काटा जाने लगा था. इतना ही नहीं, उन्होंने ये आरोप भी लगाया था कि जानबूझकर उन्हें साल 2017 में टिहरी से हटाकर सहसपुर से टिकट दिया गया ताकि वो हार जाएं. इन आरोपों के बाद हरीश रावत ने भी किशोर उपाध्याय पर खूब पलटवार किये थे.

बीजेपी ने किशोर को टिहरी से बनाया प्रत्याशी: वहीं, इस घटनाक्रम से पहले आज कांग्रेस को जैसे ही पता लगा कि किशोर उपाध्याय बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की और आज ही उन्हें टिहरी से बीजेपी का उम्मीदवार भी बना दिया गया.

किशोर के आने से बीजेपी बेहद खुश थी, उन्हें लग रहा था कि कांग्रेस को उन्होंने बड़ा झटका दिया है, लेकिन ये राजनीति से साहब, यहां पल में शह और मात का खेल बदल जाता है. बस यही बीजेपी के साथ भी हुआ. उनकी ये खुशी कुछ ही देर बाद शॉक में तब्दील हो गई.

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धन सिंह नेगी ने थामा कांग्रेस का हाथ: दरअसल, बीजेपी को किशोर को पार्टी में लेना सीधा संदेश था कि अब टिहरी सीट पर किशोर का नाम ही होगा. ऐसे में टिहरी से वर्तमान बीजेपी विधायक धन सिंह नेगी कैसे चुप बैठ सकते थे. अपना टिकट कटने से पहले ही वो पार्टी से 'कट' लिए. यहां किशोर ने भाजपा की सदस्यता ली वहां धन सिंह नेगी ने कांग्रेस की. पार्टी ज्वॉइन करने के बाद ही कांग्रेस ने उन्हें टिहरी से प्रत्याशी घोषित कर दिया.

बीजेपी छोड़ने की नेगी ने बताई वजह: अपनी सीट हाथ से जाने की खबरें धन सिंह नेगी को पहले से ही थीं. इसलिए वो बीते दो दिनों से देहरादून में ही थे. ईटीवी भारत से बात करते हुए धन सिंह नेगी ने कहा कि इसी वजह से वो देहरादून नेताओं से मिलने आए हुए थे, लेकिन किसी भी नेता ने एक बार भी उनसे नहीं पूछा और अचानक बीजेपी में किशोर उपाध्याय की एंट्री करवा दी. इसके बाद उन्होंने जनता की राय ली और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए.

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किशोर पर हरदा का तंज: इन दोनों घटनाओं के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बयान भी सामने आया. जहां हरीश रावत ने धन सिंह नेगी को खुद कांग्रेस में शामिल करवाया. वहीं, किशोर उपाध्याय के बीजेपी में शामिल होने का दुख भी जताया. उन्होंने कहा कि, उनको उपाध्याय का राजनीतिक पतन देखना बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा है. इस बयान के बाद हरीश रावत देहरादून से सीधे अपने नए नवेले क्षेत्र लालकुआं के लिए रवाना हो गए.

हरीश रावत का सीट बदला गया: हालांकि, इस दौरान हरीश रावत ने उनकी सीट में बदलाव को लेकर बस इतना कहा कि वो आलाकमान के निर्देश पर चलते हैं, जो उनसे कहा जाएगा वो करेंगे. वैसे ये बयान देते हुए हरदा के चेहरे की चमक एकदम गायब थी और बयान में भी वो दम नहीं लगा जो आमतौर पर उनकी बातों में होता है.

सूत्रों की मानें तो असल में हरीश रावत रामनगर सीट से हटाए जाने को लेकर काफी व्यथित और दुखी हैं. उनके बयान के उलट बगावत को देखते हुए उनकी सीट बदल दी गई. ऐसे में जहां वो एक दिन पहले दम भर रहे थे कि किसी की सीट में बदलाव नहीं होगा. वहीं 24 घंटे के अंदर ही वो अपनी बदली हुई सीट पर नामांकन के लिए रवाना हो रहे थे. ऐसे में दुखी होना तो स्वाभाविक ही है.

कांग्रेस ने कई सीटों पर बदले प्रत्याशी: हरीश रावत की रामनगर ही नहीं बल्कि पांच सीटों पर कांग्रेस ने बड़े बदलाव किए हैं. बुधवार देर रात कांग्रेस ने प्रत्याशियों के नामों की संशोधित सूची जारी करते हुए कालाढूंगी से महेंद्र पाल को हटाकर महेश शर्मा का नाम फाइनल किया. रामनगर से हरीश रावत को हटाकर महेंद्र पाल को वहां शिफ्ट किया और लालकुआं से संध्या डालाकोटी को हटाकर हरीश रावत को फिट किया गया. यही नहीं, डोईवाला सीट पर मोहित उनियाल के स्थान पर गौरव चौधरी और ज्वालापुर सीट पर बरखा रानी का नाम हटाकर रवि बहादुर को टिकट दिया गया है.

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हरीश रावत की बेटी को टिकट: यही नहीं, पांच अन्य सीटों पर भी प्रत्याशियों के नाम फाइनल किए गये हैं. हरिद्वार ग्रामीण से अनुपमा रावत, नरेंद्र नगर से ओम गोपाल रावत, रुड़की से यशपाल राणा, चौबट्टाखाल से केसर सिंह नेगी और सल्ट से रणजीत रावत का नाम तय किया गया है. उधर, रामनगर के बाद लालकुआं सीट से चुनाव लड़ रहे हरीश रावत ने लालकुआं की जनता से उम्मीद जताई है कि जैसा प्यार प्रदेश के अन्य जगहों पर उन्हें मिल रहा है लालकुआं से भी उन्हें मिलेगा.

हरीश दुर्गापाल की नाराजगी: उधर, हरीश चंद्र दुर्गापाल अभी भी मुंह फुलाए बैठे हैं और नाराज हो भी क्यों न, उन्हें पूरी उम्मीद जो थी कि लालकुआं से उनके नाम पर ही मुहर लगेगी, लेकिन पहले संध्या डालाकोटी को टिकट दे दिया गया और बदलाव भी हुआ तो हरीश रावत के साथ. ऐसे में दुर्गापाल नाराज तो हैं, लेकिन अभी उनकी ये नाराजगी खुलकर सामने नहीं आई है. हालांकि, वो टिकट न मिलने पर निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर चुके थे, खबर लिखे जाने तक तो उन्होंने ऐसा कोई कदम उठाया नहीं है. बाकी कल 28 जनवरी को नामांकन की आखिरी तारीख होने के कारण कब-क्या हो जाए पता नहीं. उधर, सिर्फ दुर्गापाल ही नहीं आज गुस्से में कई नेता दिखाई दिए.

कलियर विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी मनीष सैनी भी ऐसे ही गुस्से का शिकार हुए. बताया जा रहा है कि मनीष सैनी उन नेताओं के पास मान-मनोव्वल के लिए पहुंचे थे, जो टिकट की दावेदारी में पहले नंबर पर थे लेकिन अचानक मनीष सैनी को बीजेपी ने कलियर से प्रत्याशी बनाया तो नाराज नेताओं ने उनको अपने क्षेत्र में घुसने ही नहीं दिया. ऐसे में उन्होंने अपनी गाड़ी उठाकर वहां से निकलना ही सही समझा.

सौरभ थपलियाल ने ठोकी दावेदारी: ऐसा ही कुछ हाल रहा डोईवाला सीट से सौरभ थपलियाल समर्थकों का. सौरभ के समर्थक आज दिनभर बीजेपी कार्यालय में नारेबाजी करते रहे. दरअसल, बीजेपी युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष सौरभ थपलियाल डोईवाला से बीजेपी के प्रबल दावेदार थे और लगभग उनका टिकट फाइनल ही माना जा रहा था. वो तो अपने नाम को लेकर इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने अपने लिए वोट मांगने भी शुरू कर दिए थे. लेकिन अचानक ये खबर आई कि बीजेपी दीप्ति रावत का टिकट डोईवाला से फाइनल करने जा रही है. इसके बाद आज दिनभर बीजेपी दफ्तर में पार्टी के बड़े नेताओं के ऊपर सौरभ समर्थक प्रेशर बनाते रहे.

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राजकुमार ठुकराल का टिकट कटा: उधर, रुद्रपुर सीट पर भी कुछ ऐसा ही हाल रहा. यहां से बीजेपी के सिटिंग विधायक राजकुमार ठुकराल का टिकट काट दिया गया है. बस फिर क्या था, जब से ठुकराल को ये झटका दिया गया, उन्होंने भी बीजेपी को झटका देने का मन बना लिया. सुबह होते ही समर्थकों से घिरे ठुकराल ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया.

राजकुमार ठुकराल अपना टिकट काटे जाने के बाद बेहद गुस्से में थे. दरअसल, खबर है कि उनके टिकट काटे जाने की वजह एक ऑडियो क्लिप बनी जिसमें वो चुनाव से पहले प्रभारी और मुख्यमंत्री के बारे में असंसदीय शब्दों का प्रयोग कर रहे थे. जिसके बाद पार्टी ने उन पर कार्रवाई करते हुए न केवल उनका टिकट काटा, बल्कि उन्हें ये भी एहसास करा दिया कि आने वाले समय में पार्टी उनके खिलाफ कोई भी एक्शन ले सकती है.

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सीएम धामी ने किया नामांकन: इन्हीं सब घटनाओं के बीच आज प्रदेश के बड़े-बड़े दिग्गजों ने नामांकन दाखिल किया. जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी विधानसभा सीट खटीमा से अपना नामांकन दर्ज किया तो वहीं चौबट्टाखाल से सतपाल महाराज, गदरपुर से अरविंद पांडे, नरेंद्रनगर से सुबोध उनियाल, सोमेश्वर से रेखा आर्य, डीडीहाट से बिशन सिंह चुफाल और देहरादून के शहरी क्षेत्र धर्मपुर विधानसभा से भाजपा के सिटिंग विधायक विनोद चमोली ने अपना नामांकन पर्चा दाखिल करते हुए जीत की हुंकार भरी.

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कांग्रेस प्रत्याशियों ने किया नामांकन: इसी के साथ कांग्रेसी दिग्गजों ने भी आज अपना नॉमिनेशन फॉर्म सबमिट किया, जिसमें सबसे पहले हल्द्वानी से दिवंगत कांग्रेसी दिग्गज इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि वो अपनी मां के अधूरे सपने को पूरा करने का प्रयास करेंगे. वहीं, धर्मपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता दिनेश अग्रवाल ने अपना पर्चा दाखिल किया, मसूरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गोदावरी थापली, गदरपुर विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी और मंत्री अरविंद पांडे को टक्कर देने उतरे कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमानंद महाजन ने भी अपना नॉमिनेशन फॉर्म दाखिल किया. इन सभी के साथ अल्मोड़ा की जागेश्वर विधानसभा सीट से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और खटीमा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल करवाया.

हरदा की जगह महेंद्र पाल को टिकट: वहीं, काफी उठापटक के बाद कांग्रेस ने हरीश रावत की जगह रामनगर से महेंद्र पाल सिंह का टिकट फाइनल किया है, इसके बाद महेंद्र ने आज रामनगर में अपना नामांकन फाइल किया. इस दौरान उन्होंने पैराशूट प्रत्याशी होने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि वो 1989 में रामनगर जब नैनीताल संसदीय सीट में आता था तो वो यहां के सांसद भी रह चुके हैं. इसके अलावा चंपावत के टनकपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हेमेश खर्कवाल ने आज अपना नामांकन किया. नामांकन के बाद हिमेश खर्कवाल ने अपनी जीत का दावा किया. हेमेश अभी तक कांग्रेस से 5वीं बार टिकट ले रहे हैं.

आप प्रत्याशियों ने भरा नामांकन पत्र: बीजेपी-कांग्रेस के बीच आम आदमी पार्टी के दिग्गजों ने भी अपना नामांकन दाखिल किया. आम आदमी पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल ने आज उत्तराखंड निर्माण का संकल्प लेते हुए उत्तरकाशी जिला अधिकारी कार्यालय में अपना नामांकन करवाया. नामांकन करवाने से पहले कोठियाल काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे और भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया. उन्होंने उम्मीद जताई आम आदमी पार्टी उत्तराखंड की जनता के विश्वास पर खरा उतरेगी और भारी मतों से जीतकर सरकार बनाएगी. कोठियाल के अलावा उधम सिंह नगर की सीमांत खटीमा विधानसभा से आम आदमी पार्टी प्रत्याशी एसएस कलेर ने अपना नामांकन दाखिल करवाया. उन्होंने दावा किया कि 2022 में उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की सरकार बन रही है.

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तो ये रहीं 27 जनवरी की वो खास चुनावी खबरें, जिन्होंने आज पूरा दिन प्रदेश में हलचल मचाए रखीं. उत्तराखंड में अब कल 28 जनवरी को नामांकन का अंतिम दिन है, ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि कल कौन नेता किस पार्टी में जाता है और उत्तराखंड में बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं में बयानों के बाण किसके धारदार होते हैं. कल का हाल हम कल आपको इसी समय बताएंगे.

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